40 companies including Great Wall ready to invest in India ग्रेट वॉल समेत 40 कंपनियां भारत में निवेश करने को तैयार, Business Hindi News - Hindustan
Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़40 companies including Great Wall ready to invest in India

ग्रेट वॉल समेत 40 कंपनियां भारत में निवेश करने को तैयार

कोरोना वायरस के बाद बदलते हुए वैश्विक परिदृश्य में कंपनियों ने चीन से दूरी बनानी शुरू कर दी है। भारत के 'मेक इन इंडिया' के तहत वाहन, विनिर्माण, इन्फ्रास्ट्रक्चर, मोबाइल जैसे अहम क्षेत्रों की...

Sheetal Tanwar एजेंसी, नई दिल्लीThu, 20 Aug 2020 08:18 AM
share Share
Follow Us on
ग्रेट वॉल समेत 40 कंपनियां भारत में निवेश करने को तैयार

कोरोना वायरस के बाद बदलते हुए वैश्विक परिदृश्य में कंपनियों ने चीन से दूरी बनानी शुरू कर दी है। भारत के 'मेक इन इंडिया' के तहत वाहन, विनिर्माण, इन्फ्रास्ट्रक्चर, मोबाइल जैसे अहम क्षेत्रों की 40 कंपनियां भारत में निवेश करने की तैयारी में है। इनमें चीन की सबसे बड़ी एसयूवी बनाने वाली कंपनी ग्रेट वाल मोटर्स का नाम भी शामिल है। 

कंपनी ने भारत के तेजी से बढ़ते एसयूवी बाजार में कुल 1 अरब डॉलर यानी करीब 7500 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बनाई है। कंपनी ने फरवरी महीने में हुए ऑटो एक्सपो में अपनी गाड़ियों को प्रदर्शित कर भारत आने पर मुहर लगा दी थी। भारतीय दर्शकों की ओर से मिली अच्छी प्रक्रिया के बाद कंपनी ने 1 अरब डॉलर यानी करीब 7500 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बनाई है। कंपनी ने फरवरी में ही तेलंगाना में जनरल मोटर की एक फैक्ट्री 950 करोड़ रुपये में खरीद भी ली है। इसी के तहत फिलहाल कंपनी इस इंतजार में है कि भारत सरकार चीन की कंपनी को एफडीआई की अनुमति दे दे। कंपनी का प्रस्ताव गृह मंत्रालय के पास मंजूरी का इंतजार कर रहा है। इसी तरह चीन की करीब 40 अन्य कंपनियां भी भारत में निवेश करने की योजना बना रही है। चीनी कंपनियां ग्रेट वॉल मोटर्स को भारत सरकार से मंजूरी मिलने का इंतजार कर रहे हैं ताकि वह भी अपना प्रस्ताव उसी तरह से भेज सकें। 

चीनी एफडीआई के लिए मंजूरी जरूरी 
कोरोना संकट को देखते हुए भारत ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों में बदलाव किया है। इसके तहत सीमा साझा करने वाले देशों के लिए निवेश करने से पहले सरकार से मंजूरी लेने को जरूरी कर दिया गया है। इस श्रेणी में चीन भी आ गया है। बता दें कि वाहन उद्योग में एफडीआई ऑटोमेटिक रूट के जरिए होती है, लेकिन चीन से होने वाली हर एफडीआई को सरकारी मंजूरी से गुजरना होता है।

नई कंपनियों के पंजीयन में पांच गुना उछाल
सरकार द्वारा आत्मनिर्भर अभियान के तहत कई तरह की रियायात देने के बाद नई कंपनियों के पंजीयन में पांच गुना उछाल आया है। जुलाई महीने में 16,487 नई कंपनियों का पंजीयन हुआ। यह सात का उच्चतम स्तर है। इससे पहले जनवरी, 2013 में 5,508 नई कंपनियों का पंजीयन हुआ था। पंजीकृत औद्योगिक कंपनियों की संख्या जिनमें ज्यादातर विनिर्माण इकाइयां हैं अप्रैल में 803 से बढ़कर जुलाई में 5,041 हो गई। नई कंपनियों के पंजीयन इस बात का संकेत है कि कोरोना संकट के बाद एक बार फिर से बड़े पैमाने पर निवेश की तैयारी है। नई कंपनियों के खुलने से रोजगार के अवसर पैदा होंगे। 

लालफीता शाही खत्म करने को ई-बिज पोर्टल पर जोर 
निवेश को आकर्षित करने और लालफीता शाही खत्म करने के लिए सरकार ई-बिज पोर्टल को फिर से इस्तेमाल में लाने की योजना बना रही है। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, 2013 में शुरू किए ई-बिज पोर्टल के जरिये 20 सरकारी स्वीकृति देने की योजना है। इसके जरिये राज्य और केंद्र सरकारों से जुड़ी स्वीकृति दी जाएगी। एक उद्योगों को लाइसेंस लेने में सिंगल विंडों की तरह काम करेगा। 

भारत की तरफ से कई रियायतों की घोषणा
चीन से नाराज होकर भारत का रुख करने वाली कंपनियों के लिए सरकार ने कई तरह की घोषणा की हैं जिसकी वजह से मोबाइल कंपनियों समेत ऑटो और मैन्युफैक्चिरंग कंपनियां  भारत में बड़ा निवेश करने जा रही है। इसमें सैमसंग के अतिरिक्त फॉक्सकोन, पेगाट्रॉन जैसी कई बड़ी कंपनियां शामिल हैं।

अर्थव्यवस्था में बढ़ेगा मैन्यूफैक्चरिंग का योगदान
भारतीय अर्थव्यवस्था में मैन्यूफैक्चरिंग का हिस्सा वर्तमान 15 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी करने की तैयारी है। सरकार ने कंपनियों को भारत में आकर्षित करने के लिए पहले ही कॉरपोरेट टैक्स में कमी की है। अभी भी भारत से ज्यादा वियतनाम, कंबोडिया, म्यांमार, बांग्लादेश और थाईलैण्ड जैसे देशों को मैन्यूफैक्चरिंग हब के तौर पर पसंद कर रही हैं लेकिन भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की वजह से भारत में भी उद्योगों के शिफ्ट होने का सिलसिला अब शुरु हो गया है। 

बजट जानें Hindi News, Business News की लेटेस्ट खबरें, शेयर बाजार का लेखा-जोखा Share Market के लेटेस्ट अपडेट्स Investment Tips के बारे में सबकुछ।