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रोजगार बढ़ाने को एक लाख करोड़ जुटाएंगे 23 मंत्रालय

देश में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार के 23 मंत्रालय एक लाख करोड़ रुपये जुटाएंगे। कोरोना संकट से अर्थव्यवस्था को उबारने और बेरोजगारी कम करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। सरकारी...

Karishma Singh एजेंसी, नई दिल्लीTue, 5 Jan 2021 09:02 AM
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देश में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार के 23 मंत्रालय एक लाख करोड़ रुपये जुटाएंगे। कोरोना संकट से अर्थव्यवस्था को उबारने और बेरोजगारी कम करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

सरकार ने जून महीने में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के नेतृत्व में सचिवों का एक समूह बनाया था। सचिवों के समूह ने सरकार के प्रमुख मंत्रालयों के अधिन आने वाले विभागों से कहा गया है कि वह निवेश प्रस्तावों को तेजी से अमल में लाए। इसके साथ सचिवों ने कहा कि अटके विदेशी प्रत्यक्ष निवेशों (एफडीआई) के प्रस्तावों का निपटरा भी जल्द किया जाए। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा किए गए मूल्यांकन में पेट्रोलियम मंत्रालय में सबसे अधिक निवेश की संभावना का पता चला है। रिपोर्ट के अुनसार, पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिन आने वाले विभागों में 15,403 करोड़, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय में 14,587 करोड़ रुपये और रसायन और पेट्रो रसायन मंत्रालय में 14,241 करोड़ रुपये निवेश की संभावना है।

806 निवेश की संभावनाओं की पहचान

डीपीआईआईटी ने कुल 806 निवेश की संभावनाआं की पहचान की है और उसे संबंधित मंत्रालयों के प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग सेल के साथ आगे बढ़ाने के लिए साझा किया है। इस मूल्यांकन में स्टील, हाउसिंग, भारी इंडस्ट्रीज, कॉमर्स, आर्थिक मामले, कपड़ा और खाद्य प्रसंस्करण को भी शामिल किया गया है। इस बीच, फार्मास्युटिकल्स विभाग को थोक दवाओं के लिए उत्पादन-जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत निवेशकों से 215 आवेदन प्राप्त हुए हैं। वहीं, चिकित्सा उपकरणों के लिए 28 अलग से आवेदन मिले हैं। उम्मीद है कि फरवरी महीने तक पात्र लाभार्थियों की सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा। दोनों योजनाओं के तहत पांच वर्षों में कुल प्रोत्साहन राशि 10,360 करोड़ रुपये है।

निवेशकों को प्रोत्साहित करने की योजना

कोरोना महामारी के कारण नए निवेश की रफ्तार बहुत ही धीमी हो गई है। घरेलू कंपनियों और उद्योगों द्वारा नया निवेश नहीं हो रहा है। इसके चलते विदेशी निवेश पर निर्भरता बढ़ गई है। इसके चलते सरकार ने यह योजना बनाई है जिससे घरेलू निवेशक भी एक बार फिर से निवेश करने को आगे है। उल्लेखनीय है कि कोरोना संकट के बीच में भी एफडीआई के जरिये होने वाले निवेश में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। पहले छमाही में 30 अरब डॉलर का निवेश एफडीआई के जरिये आया है जिसमें से अधिकांश रिलायंस जियो में हुआ है।

कॉरपोरेट टैक्स में की गई थी कटौती

सरकार ने देश में निवेश बढ़ाने के लिए पिछले साल कॉरपोरेट टैक्स में कटौती कर 15 फीसदी कर दिया था। लेकिन, कोरोना महामारी ने इस स्कीम का फायदा नहीं होने दिया। इसके बाद सरकार ने 13 पीएलआई स्कीम का ऐलान किया है। सकरार की तैयारी इसके जरिये भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की है। कोरोना के बाद बहुत सारे देश चीन पर से निर्भरता खत्म करना चाहते हैं। इसको देखते हुए सरकार ने आत्मनिर्भर योजना के तहत यह कदम उठाया हे।

इन क्षेत्रों में बढ़ेंगे रोजगार के मौके

सरकार की तैयारी परंपरागत रोजगार वाले क्षेत्र से हटकर नए क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर सृजन की जाए। इसके लिए पेट्रोलियम मंत्रालय के तहत गैस और रिफाइनिंग में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन करने की है। इसके साथ माइनिंग, हेल्थ, मैन्युफैक्चरिंग, आईटी में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर निकालने की है। सरकार की योजना इन क्षेत्रों में निवेश लाकर रोजगार पैदा करने की है।

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