बजट अब तक: जानिए 1951-52 के बजट की 10 अहम बातें
सी. डी. देशमुख सही मायने में देश के निर्माता साबित हुए। 1950 से लेकर 1955 तक वे वित्तमंत्री रहे। देशमुख ने कृषि पर तो जोर दिया ही इसके साथ ही ढांचागत सुविधाओं पर भी उनका खासा जोर रहा। देशमुख की कोशिश...
Drigraj Madheshia लाइव हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्लीWed, 22 Jan 2020 10:08 AM
सी. डी. देशमुख सही मायने में देश के निर्माता साबित हुए। 1950 से लेकर 1955 तक वे वित्तमंत्री रहे। देशमुख ने कृषि पर तो जोर दिया ही इसके साथ ही ढांचागत सुविधाओं पर भी उनका खासा जोर रहा। देशमुख की कोशिश थी कि देश का किसान मॉनसून की कृपा पर निर्भर न रहे। आइये जानते हैं 1951-52 के बजट और बजट भाषण की खास बातें-
- औद्योगिक उत्पादन बढ़ा है लेकिन कच्चे माल की कमी के चलते लगातार विकास में अवरोध पैदा हो रहा है, खासकर जूट और चीनी उत्पादन के मामले में। भारत का लक्ष्य जूट और कॉटन के उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर होना है।
- 1949 में भारतीय रूपये में हुए अवमूल्यन (डिवैल्यूएशन) के चलते इसके व्यापार संतुलन पर सकारात्मक असर हुआ है। आयात में रोक के चलते भारतीय निर्यात को प्रतिस्पर्धी बना रहा है।
- पाकिस्तान के रूपये में अवमूल्यन (नोन-डिवोल्यूशन) नहीं होने से वहां से मंगाए गए सामान काफी महंगे हैं।
- छोटी बचत खासकर ग्रामीण छोटी बचत के मामले में बढ़ोत्तरी हुई।
- कॉर्पोरेशन टैक्स को बढ़ाया गया।
- सभी इनकम टैक्स और सुपर टैक्स पर 5 फीसदी सरचार्ज बढ़ाया गया।
- कुछ चीजों पर छूट के साथ आयात पर 5 फीसदी का टैक्स लगाया गया।
- शराब के ऊपर सरचार्ज में भारी बढ़ोत्तरी की गई।
- खनिज तेल के आयात शुल्क, मूंगफली और कॉटन पर निर्यात शुल्क बढ़ाया गया।
- एक्साइज ड्यूटी भी बढ़ाई गई।
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