
6 दिन में 2300 अंक टूटा सेंसेक्स, ₹12.44 लाख करोड़ डूबे, अब क्या करें निवेशक?
संक्षेप: निवेशक जहां कुछ दिन पहले तक जीएसटी 2.0 की सौगात को लेकर उत्साहित थे, वहीं अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई नीतियों ने माहौल बदल दिया है। छह दिन की बिकवाली में सेंसेक्स 2300 अंक टूट चुका है और निफ्टी ने 675 अंक गंवा दिए हैं।
सितंबर के आखिरी हफ्ते में भारतीय शेयर बाजार एक के बाद एक झटकों से हिल गया है। निवेशक जहां कुछ दिन पहले तक जीएसटी 2.0 की सौगात को लेकर उत्साहित थे, वहीं अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई नीतियों ने माहौल बदल दिया है। ट्रंप ने पहले भारतीय निर्यात पर 50% टैरिफ लगाया, जिसमें 25% सामान्य और 25% अतिरिक्त पेनल्टी शामिल है। अब ट्रंप ने H1B पर पॉलिसी बदलकर आईटी सर्विसेज को निशाना बना लिया है।
सेंसेक्स 2300 अंक टूटा
इस माहौल के बीच शेयर बाजार में गिरावट देखी जा रही है। छह दिन की बिकवाली में सेंसेक्स 2300 अंक टूट चुका है और निफ्टी ने 675 अंक गंवा दिए हैं। इस तेज गिरावट में निवेशकों की 12.44 लाख करोड़ रुपये की दौलत डूब गई है और बाजार पूंजीकरण 465.73 लाख करोड़ से घटकर 453.29 लाख करोड़ रुपये पर आ गया है।
ट्रंप के फैसले
अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने H1B वीजा शुल्क को 1 लाख डॉलर तक बढ़ा दिया है और दवा क्षेत्र पर 100% टैरिफ लगाया है। INVAsset PMS के बिजनेस हेड हर्षल दसानी ने कहा- सेंसेक्स की 2,300 अंकों की गिरावट यह दिखाती है कि कैसे बैक-टू-बैक झटकों ने बाजार का भरोसा हिला दिया है। आईटी और फार्मा पर दबाव से निवेशकों का भरोसा टूटा है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की बिकवाली ने इस संकट को और बढ़ाया है। इस साल अब तक FPI ने भारतीय शेयरों में से 1.44 लाख करोड़ रुपये की निकासी की है। इससे जीएसटी रेट कट जैसे सकारात्मक संकेत भी फीके पड़ गए।
वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज के एक्सपर्ट ने क्या कहा
वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज के क्रांथी बथिनी का कहना है कि बाजार पिछले 18 महीनों से रेंज-बाउंड है। जैसे ही निफ्टी 25,500 के करीब पहुंचता है, कोई न कोई नकारात्मक घटना सामने आ जाती है और सूचकांक ऊपर टिक नहीं पाता। विशेषज्ञ निवेशकों को सलाह देते हैं कि इस उथल-पुथल में धैर्य बनाए रखें। गिरावट का फायदा उठाकर धीरे-धीरे अच्छी क्वालिटी वाले शेयरों में निवेश किया जा सकता है।





