Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Sebi flags inflated valuations and shady tactics in SME market detail is here

शेयरों पर पैसा लगाने को लेकर अलर्ट रहिए, सेबी ने निवेशकों को चेताया

  • रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल के 12 करोड़ रुपये के आईपीओ को लगभग 4800 करोड़ रुपये की बोलियां प्राप्त हुईं। कंपनी का आईपीओ 22-26 अगस्त तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था।

Deepak Kumar भाषाWed, 28 Aug 2024 03:46 PM
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भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने निवेशकों को एक बार फिर से अलर्ट किया है। सेबी ने ऐसी छोटी एवं मझोली कंपनियों (SME) के शेयरों में अपना पैसा लगाने के खिलाफ आगाह किया, जो अपने ऑपरेशन की झूठी तस्वीर पेश करके शेयर प्राइस में हेरफेर करती हैं। ये खबर ऐसे समय में आई है जब सिर्फ दो आउटलेट और 8 कर्मचारियों वाली दिल्ली की कंपनी रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल को चौंकाने वाला रेस्पॉन्स मिला है।

सेबी ने क्या कहा

सेबी ने बयान में कहा कि यह बात संज्ञान में आई है कि लिस्टिंग के बाद कुछ एसएमई कंपनियां या उनके प्रमोटर्स ऐसी घोषणाएं कर रहे हैं, जिनसे उनके ऑपरेशन की पॉजिटिव इमेज बनती है। ऐसी घोषणाओं के बाद बोनस इश्यू, शेयर स्प्लिट और प्रेफेंशियल अलॉटमेंट जैसी अलग-अलग कॉरपोरेट कार्रवाइयां की जाती हैं। इन कदमों से निवेशकों में पॉजिटिव धारणा बनती है और वे ऐसी सिक्योरिटीज को खरीदने के लिए प्रेरित होते हैं। इसके साथ ही इससे प्रमोटर्स को ऐसी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी ऊंचे दामों पर बेचने का आसान अवसर भी मिलता है। सेबी ने कहा- निवेशकों से आग्रह किया जाता है कि वे उपरोक्त तरीकों के प्रति सावधान और सतर्क रहें। ऐसी सिक्योरिटीज में निवेश करते समय सावधानी बरतें। 

इसके अलावा, निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे असत्यापित सोशल मीडिया पोस्ट पर भरोसा न करें और सुझावों/अफवाहों के आधार पर निवेश न करें। हाल ही में सेबी ने ऐसी इकाइयों के खिलाफ आदेश पारित किए हैं। यह देखा जा सकता है कि इन इकाइयों की कार्यप्रणाली मोटे तौर पर ऊपर बताए गए तरीकों जैसी ही है।

2012 में शुरू हुआ एसएमई प्लेटफॉर्म

उभरती कंपनियों के लिए फंड जुटाने के वैकल्पिक स्रोत के रूप में काम करने के लिए शेयर बाजारों के एसएमई प्लेटफॉर्म को 2012 में शुरू किया गया था। तब से एसएमई इश्यू की संख्या में वृद्धि हुई है और साथ ही ऐसे प्रस्तावों में निवेशकों की भागीदारी भी बढ़ी है। पिछले दशक के दौरान इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से 14,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए गए हैं, जिनमें से लगभग 6,000 करोड़ रुपये सिर्फ पिछले वित्त वर्ष (2023-24) के दौरान जुटाए गए।

आईपीओ को मिला था तगड़ा रेस्पॉन्स

रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल के 12 करोड़ रुपये के आईपीओ को लगभग 4800 करोड़ रुपये की बोलियां प्राप्त हुईं। कंपनी का आईपीओ 22-26 अगस्त तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इसे जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली और इसमें प्रस्तावित 9.76 लाख शेयरों के मुकाबले 40.76 करोड़ शेयरों के लिए बोलियां प्राप्त हुईं। यह बोली प्रक्रिया के तीसरे दिन तक कुल 419 गुना सब्क्राइब हुआ था।

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