को-लोकेशन केस में NSE को सेबी से राहत, अब IPO का रास्ता होगा साफ!
- सेबी ने 'को-लोकेशन' सुविधा के मामले में एनएसई और उसके सात पूर्व कर्मचारियों के खिलाफ विनियामक उल्लंघन के आरोपों को पर्याप्त सबूतों के अभाव में खारिज कर दिया।
NSE IPO: शेयर बाजार को रेग्युलेट करने वाली संस्था सेबी ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई को बड़ी राहत दी है। दरअसल, सेबी ने 'को-लोकेशन' सुविधा के मामले में एनएसई और उसके सात पूर्व कर्मचारियों के खिलाफ विनियामक उल्लंघन के आरोपों को पर्याप्त सबूतों के अभाव में खारिज कर दिया। इन पूर्व कर्मचारियों में एनएसई की पूर्व एमडी चित्रा रामकृष्ण और रवि नारायण शामिल हैं। इसके अलावा सेबी ने आनंद सुब्रमण्यन, रवींद्र आप्टे, उमेश जैन, महेश सोपारकर और देवीप्रसाद सिंह के खिलाफ भी आरोप रद्द कर दिए हैं।
क्या कहा सेबी ने
सेबी ने अपने 83 पेज के आदेश में कहा कि इस मामले में रिकॉर्ड पर पर्याप्त सामग्री, सबूत या तथ्यों के अभाव के चलते इस मामले में मिलीभगत या सांठगांठ साबित नहीं हो सका। आपको बता दें कि यह मामला एनएसई परिसर में कारोबारियों को सर्वर लगाने की सुविधा (को-लोकेशन) मामले में हाई फ्रीक्वेंसी कारोबार में कुछ इकाइयों को कथित रूप से आंकड़ा प्राप्त होने में तरजीह से जुड़ा है। ऐसे में वे बाकी ब्रोकर से पहले ऑर्डर दे सकते थे।
आईपीओ का रास्ता होगा साफ?
सेबी ने एनएसई को यह राहत ऐसे समय में दी है जब स्टॉक एक्सचेंज एक बार फिर आईपीओ के प्रयास में जुटा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले महीने एनएसई ने अपनी लंबे समय से लंबित आईपीओ की प्रक्रिया को फिर से शुरू किया है। एक्सचेंज ने इसके लिए भारत के बाजार नियामक यानी सेबी के पास 'अनापत्ति' को फिर से आवेदन किया है। अब सेबी के ताजा फैसले से आईपीओ का रास्ता साफ होने की उम्मीद की जा रही है।
एनएसई की वित्तीय स्थिति
भारत के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज एनएसई ने जून तिमाही के दौरान प्रॉफिट में 39 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की और यह 2,567 करोड़ रुपये हो गया। परिचालन से राजस्व सालाना आधार पर 51 प्रतिशत बढ़कर 4,510 करोड़ रुपये हो गया।
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