
पावर शेयर को खरीदने की मची लूट, ₹20 पर आया भाव, दिवालिया कंपनी को मिल गया खरीदार!
संक्षेप: रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि वेदांता का फोकस अपनी मुख्य बिजली कारोबार पर रहेगा, जबकि अधिग्रहण में मिली अन्य संपत्तियों को कंपनी समय के साथ बेचकर या मुनाफा कमाने के लिए कर सकती है।
Jaiprakash Power Ventures Ltd Share: जेपी ग्रुप की कंपनी के शेयर आज सोमवार को जबरदस्त चढ़ गए। जयप्रकाश पावर वेंचर्स (JP Power) के शेयर में आज बीएसई पर 5% का अपर सर्किट लगा और यह ₹20.03 तक पहुंच गए। शेयरों में इस तेजी के पीछे एक अच्छी खबर है। दरअसल, खबर आई है कि वेदांता लिमिटेड दिवालिया प्रक्रिया के तहत जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) की संपत्तियों को खरीदने के लिए सबसे ऊंची बोलीद लगाई है। वेदांता ने इसके लिए लगभग ₹17,000 करोड़ की बोली लगाई है। इस सौदे की खबर से निवेशकों में उत्साह बढ़ा और जेपी पावर के शेयरों में जोरदार खरीदारी देखने को मिली।

क्या है डिटेल
माइनिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी वेदांता ने कर्ज में फंसी जयप्रकाश एसोसिएट्स (जेएएल) के अधिग्रहण के लिए 17,000 करोड़ रुपये की सफल बोली लगाकर अडानी समूह को पीछे छोड़ दिया है। शुक्रवार को सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई थी। बता दें कि जेपी एसोसिएट्स का कारोबार रियल एस्टेट, सीमेंट, ऊर्जा, होटल और सड़क परियोजनाओं में रहा है। लेकिन भारी कर्ज के बोझ से दबने और कर्ज चुकाने में नाकाम रहने की वजह से कंपनी को दिवाला प्रक्रिया का सामना करना पड़ा। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की इलाहाबाद पीठ ने तीन जून, 2024 को जेपी एसोसिएट्स को कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) में भेज दिया था। सूत्रों ने बताया कि जेएएल के ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) ने कंपनी की बिक्री के लिए दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत चुनौती प्रक्रिया अपनाई। कर्जदाताओं की समिति की पांच सितंबर को हुई बैठक में चुनौती प्रक्रिया पूरी हुई। इसमें वेदांता ने दूसरे दावेदार अडानी एंटरप्राइजेज को पीछे छोड़ते हुए बाजी मार ली।
ब्रोकरेज की बाय रेटिंग
जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड पर भारी कर्ज का बोझ है, जबकि इसकी पावर प्रोडक्शन यूनिट JP Power मुनाफा कमा रही है। वेदांता द्वारा JAL की संपत्तियों के अधिग्रहण की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है, क्योंकि कर्जदाताओं की समिति (CoC) को अंतिम मंजूरी देने में करीब दो महीने का समय लग सकता है। इस बीच, ब्रोकरेज हाउस नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने टिप्पणी की कि JAL की संपत्तियों के अधिग्रहण से वेदांता के वैल्यूएशन पर दबाव पड़ सकता है, क्योंकि यह सौदा कंपनी की मौजूदा कारोबारी गतिविधियों से अलग क्षेत्र में प्रवेश है। हालांकि, ब्रोकरेज ने वेदांता पर अपना ‘बाय’ रेटिंग बरकरार रखा है और कहा है कि वह अंतिम समाधान योजना के स्पष्ट होने के बाद ही आय अनुमान में बदलाव करेगा।
ब्रोकरेज हाउस नुवामा ने कहा है कि इस सौदे को पूरा करने के लिए NCLT की मंजूरी जरूरी होगी, जिसमें लगभग 8–10 महीने का समय लग सकता है। मंजूरी मिलने के बाद वेदांता को करीब ₹4,000 करोड़ का अग्रिम भुगतान करना होगा। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि वेदांता का फोकस अपनी मुख्य बिजली कारोबार पर रहेगा, जबकि अधिग्रहण में मिली अन्य संपत्तियों को कंपनी समय के साथ बेचकर या मुनाफा कमाने के लिए कर सकती है।





