सब्जियों के दाम में उछाल, प्याज, आलू और टमाटर के तीखे हुए तेवर, आपके शहर में क्या है भाव?
- Onion, potato and tomato prices: थोक बाजारों में प्याज की कीमतें 30-40 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़कर 70-80 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई हैं। एक सप्ताह पहले 40-60 रुपये प्रति किलोग्राम थीं। जबकि लहसुन की कीमत दोगुनी हो गई है।
Onion, potato and tomato prices: प्याज जहां लोगों के आंसू निकालने पर तुली हुई है, वहीं टमाटर और आलू के भी तेवर तीखे हो गए हैं। थोक बाजारों में प्याज की कीमतें 30-40 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़कर 70-80 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई हैं। एक सप्ताह पहले 40-60 रुपये प्रति किलोग्राम थीं। दिल्ली में एक स्थानीय विक्रेता ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि प्याज की औसत कीमत बढ़कर 60-70 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। हालांकि, बिक्री में मामूली कमी आई है।
उन्होंने कहा, 'प्याज की कीमत 60 रुपये से बढ़कर 70 रुपये प्रति किलो हो गई है। हम इसे मंडी से लाते हैं, इसलिए वहां की कीमतें उन कीमतों को प्रभावित करती हैं, जिन पर हम इसे बेचते हैं। कीमतों में बढ़ोतरी के कारण बिक्री में हल्की कमी आई है, लेकिन लोग अभी भी इसे खरीद रहे हैं, क्योंकि ये भोजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।"
रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली के बाजारों में प्याज की कीमतें 80 रुपये प्रति किलोग्राम थीं। एक उपभोक्ता ने एजेंसी को बताया कि उन्हें सर्दियों के मौसम को देखते हुए कीमतों में कमी की उम्मीद है, यह कहते हुए कि बढ़ोतरी ने उसके घर में खाने की आदतों को प्रभावित किया है। उसने बताया, "मैंने 70 रुपये प्रति किलो के हिसाब से प्याज खरीदा। इसने घर किचन के बजट को प्रभावित किया है। मैं सरकार से अपील करती हूं कि कम से कम हर दिन खाई जाने वाली सब्जियों की कीमतें कम करें।"
लहसुन की कीमत हुई दोगुनी
वहीं, मुंबई में ग्राहकों ने कीमतों को 72 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंचने की सूचना दी। खान ने एएनआई को बताया कि उन्होंने 360 रुपये में 5 किलो प्याज खरीदा, जबकि लहसुन की कीमत दोगुनी हो गई है। पासवान ने कहा, 'प्याज और लहसुन की कीमत कई गुना बढ़ गई है। यह दोगुना हो गया है। इससे घर का बजट भी प्रभावित हुआ है।"
आलू, टमाटर की कीमत बढ़ी
बिजनेसइनसाइडर की एक रिपोर्ट के अनुसार, टमाटर की कीमतें पिछले साल के इसी समय से "दोगुने से अधिक" 64 रुपये/किलोग्राम हैं, जबकि अक्टूबर 2023 से आलू की कीमतें 51 प्रतिशत बढ़ गई हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर की बारिश ने खरीफ फसल के आने में देरी की, जिससे कमी हो गई।"
मुद्रास्फीति बढ़कर 5.81% हो जाएगी
अर्थशास्त्रियों के एक रॉयटर्स पोल ने भविष्यवाणी की है कि मुख्य रूप से सब्जी और खाद्य तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण भारत में उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति अक्टूबर में 14 महीने के उच्च स्तर 5.81 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की 6 प्रतिशत की सहिष्णुता सीमा से थोड़ा नीचे है।
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