एलपीजी के दाम और पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ने के बाद उछलने लगे ये शेयर
- LPG की कीमत और पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने के बाद फैसलों की वजह से हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL), और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOC) के शेयरों में आज उछाल नजर आ रहा है।

सरकार ने घरेलू एलपीजी (लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस) सिलेंडर की कीमत मंगलवार से ₹50 प्रति सिलेंडर बढ़ाने का फैसला किया है। इसके अलावा, पेट्रोल और डीजल पर विशेष अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी (SAED) ₹2 प्रति लीटर बढ़ाई जाएगी। इन दो फैसलों की वजह से भारत की सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL), और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOC) के शेयरों में आज उछाल नजर आ रहा है। मंगलवार को एचपीसीएल, बीपीसीएल और इंडियन ऑयल के शेयरों में 3 पर्सेंट तक तेजी आई।
एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी क्यों हुई
पेट्रोल और डीजल पर ड्यूटी बढ़ने से सरकार को एक साल में ₹32,000 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। यह धनराशि केंद्र सरकार को जाएगी और इसका उपयोग वित्त वर्ष 2025 के लिए एलपीजी सब्सिडी देयता को पूरा करने के लिए किया जाएगा, जिसका अनुमान ₹41,338 करोड़ है।
क्यों बढ़े एलपीजी के दाम
एलपीजी कीमत में वृद्धि से ओएमसी को होने वाले नुकसान को कम करने में मदद मिलेगी। वर्तमान में, ये कंपनियां प्रति सिलेंडर ₹250 तक का नुकसान उठा रही हैं, और कीमत बढ़ने से यह बोझ घटकर लगभग ₹200 प्रति सिलेंडर रह जाएगा।
आप पर क्या पड़ेगा प्रभाव
इन बदलावों के बावजूद, पंप पर रिटेल ईंधन की कीमतों में वृद्धि नहीं होने की उम्मीद है, क्योंकि एक्साइज ड्यूटी बढ़ने का असर ओएमसी खुद वहन करेंगी। हालांकि, इससे उनके मार्केटिंग मार्जिन में कमी आएगी, लेकिन फिर भी यह मार्जिन ऐतिहासिक मानकों की तुलना में अपेक्षाकृत उच्च स्तर पर बना रहेगा।
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए के अनुसार, पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में वृद्धि, जो लगभग $4 प्रति बैरल के बराबर है, पिछले तीन ट्रेडिंग सत्रों में कच्चे तेल की कीमतों में $12 प्रति बैरल की गिरावट का केवल एक तिहाई है। ब्रोकरेज का अनुमान है कि इससे सरकार के टैक्स कलेक्शन में लगभग $4 बिलियन की वृद्धि होगी।
आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल को राहत
सीएलएसए ने कहा कि एक्साइज ड्यूटी में यह वृद्धि होने के बाद भी डीजल और पेट्रोल पर मार्केटिंग मार्जिन हाल के किसी भी तिमाही औसत से अधिक रहेगा और यही कारण है कि रिटेल ईंधन की कीमतों में वृद्धि नहीं की गई है। ब्रोकरेज ने यह भी कहा कि घरेलू एलपीजी कीमतों में वृद्धि से आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल को राहत मिलेगी। अगर अगले कुछ हफ्तों में कच्चे तेल की कीमतें निचले स्तर पर बनी रहती हैं, तो डीजल और पेट्रोल की कीमतों में कटौती की संभावना बढ़ जाती है।
एक अन्य ब्रोकरेज एचएसबीसी ने बीपीसीएल, एचपीसीएल और आईओसीएल पर अपनी 'खरीद' (Buy) रेटिंग बनाए रखी है, लेकिन जोखिम धारणा बढ़ने के कारण इसने अपने वैल्यूएशन मल्टीपल्स को कम कर दिया है।
ब्रोकरेज ने अपने टार्गेट प्राइसों को इस प्रकार संशोधित किया है। आईओसीएल का टार्गेट प्राइस ₹170 से घटाकर ₹150 कर दिया गया है, जबकि बीपीसीएल का लक्ष्य ₹440 से घटाकर ₹400 कर दिया गया है। दिलचस्प बात यह है कि एचपीसीएल का टार्गेट प्राइस पहले के ₹450 से बढ़ाकर ₹480 कर दिया गया है।
एचएसबीसी ने अपने नोट में लिखा कि भारत सरकार ने वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आने के महज दो दिनों के भीतर पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का त्वरित कदम उठाया — एक ऐसा कदम जिस पर ओएमसी ने कोई आपत्ति नहीं जताई।
हालांकि, तेल की कीमतों, एक्साइज ड्यूटी और रिटेल पंप कीमतों का वर्तमान संयोजन ऐतिहासिक मानकों से ऊपर मार्जिन को समर्थन देता है, लेकिन एचएसबीसी ने चेतावनी दी कि इस तरह के हस्तक्षेप से सेक्टर के लिए समग्र जोखिम धारणा बढ़ जाती है।