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इंडसइंड बैंक पर बढ़ी NSE की निगरानी, क्या हैं इसके मायने, समझें

  • बीते दिनों बैंक के अकाउंटिंग को लेकर सवाल खड़े हुए और इस वजह से शेयर बेचने की होड़ मच गई। अब नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने इंडसइंड बैंक लिमिटेड को अतिरिक्त निगरानी उपाय (एएसएम) स्टेज 1 स्ट्रक्चर के तहत रखा है।

Deepak Kumar लाइव हिन्दुस्तानThu, 13 March 2025 08:44 PM
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इंडसइंड बैंक पर बढ़ी NSE की निगरानी, क्या हैं इसके मायने, समझें

प्राइवेट सेक्टर के इंडसइंड बैंक लिमिटेड की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। बीते दिनों बैंक के अकाउंटिंग को लेकर सवाल खड़े हुए और इस वजह से शेयर बेचने की होड़ मच गई। अब नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने इंडसइंड बैंक लिमिटेड को अतिरिक्त निगरानी उपाय (एएसएम) स्टेज 1 स्ट्रक्चर के तहत रखा है। बता दें कि निवेशकों के हितों की रक्षा करने और भरोसा बरकरार रखने के लिए भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी), स्टॉक एक्सचेंज इस तरह की कार्रवाई करते हैं। शेयर तब तक एएसएम के अंतर्गत रहते हैं जब तक कि स्थिति सामान्य नहीं हो जाती। एएसएम फ्रेमवर्क के स्टेज 1 में 100% मार्जिन की आवश्यकता होती है और स्टॉक को 5% के डेली प्राइस बैंड में रखा जाता है। जब किसी स्टॉक को एएसएम फ्रेमवर्क से हटा दिया जाता है, तो इसका मतलब है कि स्टॉक के बारे में हेरफेर या अस्थिरता की चिंता कम हो गई है।

शेयर का हाल

सप्ताह के चौथे दिन गुरुवार को इंडसइंड बैंक लिमिटेड के शेयर बीएसई पर ₹12.60 या 1.84% की गिरावट के साथ ₹672.10 पर बंद हुए। इससे पहले मंगलवार को शेयर बुरी तरह क्रैश हो गए थे। इंडसइंड बैंक ने मंगलवार को लेखा विसंगति के कारण हुए 2,100 करोड़ रुपये के नुकसान के असर को कम करने की भरपूर कोशिश की और कहा कि उसके पास इस झटके से उबरने के लिए पर्याप्त पूंजी है। इंडसइंड बैंक के अकाउंटिंग से जुड़ी गड़बड़ी की वजह से शेयर में भूचाल आ गया।

क्या कहा बैंक के सीईओ ने

बैंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक सुमंत कठपालिया ने कहा कि लेखा चूक के बारे में पिछले साल सितंबर-अक्टूबर के आसपास पता चला, और बैंक ने पिछले सप्ताह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को इस बारे में बताया। बैंक को हुए नुकसान के अंतिम आंकड़े बाहरी एजेंसी की पड़ताल के बाद पता चलेंगे। बैंक ने बाहरी एजेंसी की नियुक्ति कर दी है, जो अपनी रिपोर्ट अप्रैल की शुरुआत में देगी।

बैंक ने शेयर बाजारों के बताया कि उसने अपने वायदा-विकल्प पोर्टफोलियो में कुछ विसंगतियों का पता लगाया है। बैंक की आंतरिक समीक्षा के अनुसार, इस वजह से दिसंबर, 2024 तक बैंक की कुल संपत्ति के लगभग 2.35 प्रतिशत तक प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। विश्लेषकों ने विसंगति के चलते 2,100 करोड़ रुपये के नुकसान की आशंका जताई है। बैंक ने आंतरिक निष्कर्षों की स्वतंत्र रूप से समीक्षा और सत्यापन के लिए एक बाहरी एजेंसी नियुक्त की है।

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