रिटायरमेंट के बाद से नहीं दी गई सैलरी... सेबी चीफ के विवाद पर ICICI बैंक की सफाई
- प्राइवेट सेक्टर के आईसीआईसीआई बैंक ने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की तरफ से सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच पर लगाए गए आरोपों पर सोमवार को कहा कि उसने अक्टूबर, 2013 में बुच की रिटायरमेंट के बाद से उन्हें कोई भी वेतन या ईएसओपी नहीं दिया है।
प्राइवेट सेक्टर के आईसीआईसीआई बैंक ने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की तरफ से सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच पर लगाए गए आरोपों पर सोमवार को कहा कि उसने अक्टूबर, 2013 में बुच की रिटायरमेंट के बाद से उन्हें कोई भी वेतन या ईएसओपी नहीं दिया है। बता दें कि हाल ही में कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि साल 2017 में सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) का सदस्य बनने वालीं बुच ने वेतन और अन्य पारिश्रमिक तौर पर आईसीआईसीआई बैंक से 16.8 करोड़ रुपये हासिल किए थे। कांग्रेस का आरोप था कि सेबी चेयरमैन को 2017 से आईसीआईसीआई समूह की तरफ से 16.8 करोड़ रुपये मिले हैं, जो उन्हें बाजार रेगुलेटर से मिली आय का 5.09 गुना है।
बैंक ने दी सफाई
इस आरोप पर बैंक ने बयान में कहा, 'आईसीआईसीआई बैंक या इसकी समूह कंपनियों ने माधबी पुरी बुच को रिटायरमेंट के बाद उनके सेवानिवृत्ति लाभों के सिवाय कोई वेतन या कोई ईएसओपी (कर्मचारी शेयर विकल्प योजना) नहीं दिया गया है। यह ध्यान देने योग्य है कि उन्होंने 31 अक्टूबर, 2013 से प्रभावी सेवानिवृत्ति का विकल्प चुना था।' आईसीआईसीआई समूह में अपने कार्यकाल के दौरान बुच को बैंक की पॉलिसी के अनुरूप वेतन, सेवानिवृत्ति लाभ, बोनस और ईएसओपी के रूप में पारिश्रमिक मिला।
बैंक ने कहा, 'हमारे नियमों के तहत ईएसओपी अलॉटेड किए जाने की तारीख से अगले कुछ सालों में मिलते हैं। बुच को ईएसओपी अलॉट किए जाते समय लागू नियमों के तहत सेवानिवृत्त कर्मचारियों समेत बैंक कर्मचारियों के पास विकल्प था कि वे ऑथराइज्ड होने की तारीख से 10 साल की अवधि तक कभी भी अपने ईएसओपी का उपयोग कर सकते हैं।'
हिंडनबर्ग रिसर्च ने लगाए थे आरोप
आपको बता दें कि पिछले महीने सेबी प्रमुख बुच पर अमेरिकी शोध एवं निवेश फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने जारी एक रिपोर्ट में अडानी समूह के साथ परोक्ष संबंधों के आरोप लगाए थे। रिपोर्ट में कहा गया था कि अडानी समूह के वित्तीय हेराफेरी मामले में इस्तेमाल किए गए विदेशी फंड में बुच और उनके पति की भी हिस्सेदारी थी। हालांकि, बुच ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उनके वित्तीय मामले खुली किताब हैं। वहीं, अडानी समूह ने भी हिंडनबर्ग के आरोपों को दुर्भावनापूर्ण और चुनिंदा सार्वजनिक सूचनाओं से छेड़छाड़ करने वाला बताया है।
बजट 2024 जानेंHindi News , Business News की लेटेस्ट खबरें, इनकम टैक्स स्लैब Share Market के लेटेस्ट अपडेट्स Investment Tips के बारे में सबकुछ।