
5 कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में मोदी सरकार! लिस्ट में हैं इन सरकारी कंपनियों के नाम
संक्षेप: चावला ने कहा कि साल की शुरुआत हमने कुछ हिस्सेदारी बिक्री से की थी। बीच में बाजार की अस्थिरता के कारण थोड़ी रुकावट आई, लेकिन अब जब बाजार स्थिर हो गए हैं, हम छोटे निवेशकों के लिए वैल्यू क्रिएशन के अवसर लाएंगे।
केंद्र की मोदी सरकार जल्द ही करीब आधा दर्जन सरकारी कंपनियों में अपनी अल्पांश हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है। यह जानकारी विनिवेश सचिव अरुणीश चावला ने सोमवार को CNBC-TV18 को दी है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि किन कंपनियों में हिस्सेदारी बेची जाएगी, लेकिन यह कदम सरकार की विनिवेश योजना का हिस्सा है।
इन कंपनियों में बेची जाएगी हिस्सेदारी
रिपोर्ट्स के अनुसार ONGC और NHPC अपनी-अपनी ग्रीन एनर्जी इकाइयों ओएनजीसी ग्रीन एनर्जी और एनएचपीसी रिन्यूएबल एनर्जी को लिस्ट कराने पर विचार कर रहे हैं। बता दें कि रॉयटर्स की पिछली रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार पांच पब्लिक सेक्टर बैंकों में हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। इनमें यूको बैंक (UCO Bank) और बैंक ऑफ महाराष्ट्र के नाम प्रमुख हैं।
निवेशकों के लिए नए अवसर
चावला ने कहा, “साल की शुरुआत हमने कुछ हिस्सेदारी बिक्री से की थी। बीच में बाजार की अस्थिरता के कारण थोड़ी रुकावट आई, लेकिन अब जब बाजार स्थिर हो गए हैं, हम छोटे निवेशकों के लिए वैल्यू क्रिएशन के अवसर लाएंगे। हम और OFS लाएंगे, अल्पांश हिस्सेदारी बिक्री करेंगे, कुछ IPO लाएंगे और इस यात्रा को तेज करेंगे।”
किन क्षेत्रों में आएंगे IPO
विनिवेश सचिव के अनुसार, आने वाले समय में बीमा और रक्षा क्षेत्रों में भी IPO और अल्पांश हिस्सेदारी बिक्री देखने को मिल सकती है। उन्होंने कहा कि इन सेक्टरों में सरकार SEBI-अनुमोदित तरीकों के माध्यम से विभिन्न रूपों में हिस्सेदारी बिक्री करेगी।
एलआईसी में हिस्सेदारी घटाना अनिवार्य
इसके अलावा, सरकार को देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में भी अपनी हिस्सेदारी कम करनी होगी। यह कदम बाजार नियामक सेबी (SEBI) के नियमों का पालन करने के लिए जरूरी है, जिसके तहत किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। कुल मिलाकर, सरकार का यह कदम विनिवेश प्रक्रिया को तेज करने और वित्तीय अनुशासन बनाए रखने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।





