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सेबी चेयरपर्सन के पति को 'पेमेंट' पर उठे सवाल, महिंद्रा ग्रुप ने किया रिएक्ट, जानें पूरा मामला

  • कंपनी सूचना के अनुसार महिंद्रा समूह ने 2019 में धवल बुच को विशेष रूप से आपूर्ति श्रृंखला व ‘सोर्सिंग’ में उनकी विशेषज्ञता के लिए काम पर रखा था, जब वह यूनिलीवर के वैश्विक मुख्य खरीद अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए थे।

Deepak Kumar लाइव हिन्दुस्तानTue, 10 Sep 2024 01:17 PM
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अमेरिका की शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच विपक्ष के निशाने पर हैं। विपक्ष की ओर से बुच दंपति पर तरह-तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। इस लपेटे में देश की कई कॉरपोरेट कंपनियां या ग्रुप भी आ रहे हैं। वहीं, कंपनियों को सफाई देनी पड़ रही है। इस बार महिंद्रा ग्रुप को सफाई देनी पड़ी है।

क्या कहा महिंद्रा ने

महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड ने धवल बुच को किए गए भुगतान पर हितों के टकराव के आरोपों का खंडन किया और कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों को झूठा तथा भ्रमित करने वाला करार दिया। कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि माधबी बुच के सेबी प्रमुख नियुक्त होने से करीब 3 साल पहले धवल बुच महिंद्रा समूह में शामिल हुए थे। कंपनी ने कहा- यह पैसे विशेष रूप से और केवल धवल बुच की विशेषज्ञता और प्रबंधन स्किल के लिए दिया गया है, जो यूनिलीवर में उनके वैश्विक अनुभव पर आधारित है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड द्वारा दी गई मंजूरी पर कांग्रेस के आरोपों का उल्लेख करते हुए कंपनी ने कहा-आरोपों में संदर्भित सेबी के पांच आदेशों या अनुमोदनों में से कोई भी प्रासंगिक नहीं है। सेबी के पांच में से तीन अनुमोदन या आदेश कंपनी या उसकी किसी अनुषंगी कंपनी से संबंधित नहीं हैं। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने कहा कि एक फास्ट-ट्रैक राइट्स इश्यू था जिसके लिए सेबी से किसी अनुमोदन की आवश्यकता नहीं थी। दूसरा मार्च 2018 में जारी किया गया आदेश था, जो धवल के महिंद्रा समूह के साथ काम करना शुरू करने से काफी पहले था।

कांग्रेस के आरोप

कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच की ‘अगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड’ नामक कंपनी में उस समय 99 प्रतिशत हिस्सेदारी थी जब यह परामर्शदाता कंपनी ‘महिंद्रा एंड महिंद्रा’ समूह को सेवा प्रदान कर रही थी। मुख्य विपक्षी दल ने यह दावा भी किया कि माधबी के सेबी की पूर्णकालिक सदस्य रहते उनके पति धवल बुच को साल 2019-21 के बीच महिंद्रा एंड महिंद्रा से 4.78 करोड़ रुपये मिले।

जयराम रमेश के सवाल

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को माधबी की इस हिस्सेदारी के बारे में जानकारी थी? रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा-व्यक्तिगत लाभ से प्रेरित निर्णयों के संदर्भ में यह हैं हमारे ताज़ा खुलासे जिसमें अडानी समूह द्वारा किए गए प्रतिभूति कानूनों के उल्लंघन की जांच कर रही सेबी प्रमुख ख़ुद सवालों के घेरे में हैं। उन्होंने कहा कि हमारे सवाल स्पष्ट रूप से ‘नॉन बायोलॉजिकल’ प्रधानमंत्री से हैं जिन्होंने उन्हें सेबी के सर्वोच्च पद पर नियुक्त किया है।

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