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टॉप से शुरुआत कीजिए, हफ्ते में 90 घंटे के वर्क कल्चर विवाद पर बोले राजीव बजाज

  • बजाज ऑटो के एमडी राजीव बजाज ने कहा कि अगर आप हफ्ते में 90 घंटे वर्क कल्चर चाहते हैं तो शीर्ष से शुरुआत करें। वहीं, फंड मैनेजर समीर अरोड़ा कहा कि सीईओ बनने के लिए कड़ी मेहनत करने की जरूरत है।

Deepak Kumar लाइव हिन्दुस्तानFri, 10 Jan 2025 07:58 PM
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90-hour work week row: वर्क-लाइफ बैलेंस को लेकर छिड़ी बहस में अब बजाज ऑटो के एमडी राजीव बजाज और Helios कैपिटल के फाउंडर समीर अरोड़ा भी कूद पड़े हैं। राजीव बजाज ने कहा कि अगर आप हफ्ते में 90 घंटे वर्क कल्चर चाहते हैं तो शीर्ष से शुरुआत करें। वहीं, फंड मैनेजर समीर अरोड़ा कहा कि सीईओ बनने के लिए कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। किसी कंपनी के प्रमोटर या सीईओ जो कुछ भी करते हैं उसे हासिल करने का के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है।

क्या है मामला

दरअसल, पिछले साल से वर्क-लाइफ बैलेंस को लेकर बहस तेज हो गई है। इस बहस को हवा इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति ने दी थी। उन्होंने एक कार्यक्रम में सुझाव दिया था कि भारत के युवाओं को देश की प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए सप्ताह में कम से कम 70 घंटे काम करना चाहिए। अब लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के चेयरमैन एस एन सुब्रमण्यन ने कहा है कि कर्मचारियों को सप्ताह में 90 घंटे काम करना चाहिए और रविवार को भी काम करने से नहीं हिचकना चाहिए। वर्क-लाइफ बैलेंस को लेकर छिड़ी बहस को लेकर इन दोनों बयान की सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हो रही है।

क्या कहा राजीव बजाज ने

CNBC-TV18 को राजीव बजाज ने कहा- यदि आप सप्ताह में 90 घंटे का काम चाहते हैं, तो शीर्ष से शुरुआत करें। काम के घंटों की संख्या मायने नहीं रखती, काम की गुणवत्ता मायने रखती है। हमें पहले से कहीं अधिक दयालु, सौम्य दुनिया की जरूरत है। बजाज ने लीडरशिप की कमियों को दूर करने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि अड़चन हमेशा शीर्ष पर होती है। बजाज ने वर्क-लाइफ बैलेंस के महत्व का जिक्र करते हुए कहा- भले ही कोई व्यक्ति सप्ताह में 70 या 90 घंटे काम करता हो, उसका जीवन अन्य पहलुओं- परिवार, स्वास्थ्य और कल्याण से जुड़ा रहता है। इस अंतर्संबंध को नजरअंदाज करने की बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।

समीर अरोड़ा ने क्या कहा

फंड मैनेजर समीर अरोड़ा ने बताया कि उन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में 13 घंटे काम किए। इसके बाद एक नए दफ्तर में सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक काम होता था। हर कोई घर जाने लगता था, 4 बजे तक दफ्तर खाली हो जाता था। इस वजह से मुझे नीरसता महसूस होने लगी और मैं तंग आकर पहले वाली कंपनी में लौट आया। अरोड़ा ने कहा कि शुरुआत में सीखने, ध्यान आकर्षित करने और आगे बढ़ने के लिए दूसरों की तुलना में अधिक मेहनत करनी पड़ती है।

एलएंडटी चेयरमैन का बयान

एलएंडटी चेयरमैन सुब्रमण्यन का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने कर्मचारियों से कहा-आखिर आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक निहार सकते हैं। वीडियो में उन्होंने कर्मचारियों से घर पर कम और कार्यालय में अधिक समय बिताने को कहा। वीडियो में सुब्रमण्यन को यह कहते हुए सुना जा सकता है- मुझे अफसोस है कि मैं आपसे रविवार को काम नहीं करवा पा रहा हूं। अगर मैं आपसे रविवार को काम करवा सकूं, तो मुझे और खुशी होगी, क्योंकि मैं रविवार को काम करता हूं।

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