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अडानी की इस कंपनी पर टैक्स चोरी के आरोप, जांच कर रही सरकार, जानें पूरा मामला

अडानी की इस कंपनी पर टैक्स चोरी के आरोप, जांच कर रही सरकार, जानें पूरा मामला

संक्षेप: अडानी एंटरप्राइजेज की कंपनी अडानी डिफेंस सिस्टम एंड टेक्नोलॉजी पर टैक्स चोरी के आरोप लगे हैं। इसकी जांच पिछले कई महीनों से चल रही है। बता दें कि यह कंपनी मिसाइल, ड्रोन और छोटे हथियार जैसे रक्षा उपकरण के मैन्युफैक्चरिंग में लगी हुई है।

Tue, 7 Oct 2025 03:09 PMDeepak Kumar लाइव हिन्दुस्तान
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अडानी एंटरप्राइजेज की डिफेंस यूनिट पर टैक्स चोरी के आरोप लगे हैं। जानकारी के मुताबिक राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) लगभग 9 मिलियन डॉलर (करीब ₹77 करोड़) की टैक्स चोरी के आरोप में अडानी डिफेंस सिस्टम एंड टेक्नोलॉजी की जांच कर रहा है। बता दें कि गौतम अडानी समूह की यह कंपनी मिसाइल, ड्रोन और छोटे हथियार जैसे रक्षा उपकरण के मैन्युफैक्चरिंग में लगी हुई है।

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मार्च में शुरू हुई थी जांच

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स सूत्रों के अनुसार भारत के राजस्व खुफिया निदेशालय ने मार्च में अडानी डिफेंस की जांच शुरू की थी। आरोप है कि कंपनी ने कुछ मिसाइल कलपुर्जों के आयात में 77 करोड़ रुपये के टैरिफ चोरी का गलत दावा करके उन्हें सीमा शुल्क और टैक्स से मुक्त बताया था। एक सरकारी सूत्र ने बताया कि जांच के दौरान अडानी के अधिकारियों ने आयातित पुर्जों के गलत वर्गीकरण की बात स्वीकार की, लेकिन उन्होंने इस बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया। आमतौर पर ऐसे मामलों में, कंपनियों को कथित टैक्स चोरी की राशि का 100% जुर्माना देना पड़ता है, जो इस मामले में कुल 18 मिलियन डॉलर होगा। जांच से जुड़े सरकारी सूत्रों ने बताया कि यह मामला शॉर्ट-रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले पार्ट्स से जुड़ा है। इन पार्ट्स पर 10% आयात शुल्क और 18% स्थानीय टैक्स लागू था, लेकिन कंपनी ने इन्हें लॉन्ग-रेंज मिसाइल पार्ट्स के रूप में वर्गीकृत किया, जो टैक्स-मुक्त श्रेणी में आते हैं।

अडानी समूह की ओर से सफाई

इस बीच, अडानी समूह ने कहा कि निदेशालय ने सीमा शुल्क नियमों की अपनी व्याख्या के आधार पर उसके आयातों को लेकर स्पष्टीकरण मांगा था। इसके बाद स्पष्टीकरण सहायक दस्तावेजों के साथ उपलब्ध करा दिए गए हैं। अडानी के प्रवक्ता ने कहा कि हमारी ओर से यह मामला बंद हो गया है। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि कंपनी ने किसी प्रकार का भुगतान या निपटारा किया है या नहीं।

समूह पर कई मामले

अडनी समूह पहले भी कई नियामक जांचों से गुजर चुका है। हाल ही में सेबी (SEBI) ने समूह को शेयर हेराफेरी के दो मामलों में क्लीन चिट दी थी, लेकिन अभी भी उस पर दर्जनभर से अधिक वित्तीय और कर मामलों की जांच जारी है। साथ ही, समूह 2014 से कोयला आयात में ओवर-इनवॉइसिंग के आरोपों का भी सामना कर रहा है। अब यह नया मामला समूह के लिए एक और बड़ी चुनौती बन गया है।

Deepak Kumar

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दीपक कुमार, हिन्दुस्तान डिजिटल में बिजनेस की खबरें लिखते हैं। वह स्टॉक मार्केट, यूटिलिटी समेत बिजनेस सेक्शन से जुड़ी हर खबरों की ना सिर्फ समझ रखते हैं, बल्कि आम बोलचाल की भाषा में पाठकों तक पहुंचाने का काम करते हैं। दीपक की बिजनेस सेक्शन के अलावा एंटरटेनमेंट, स्पोर्ट्स और पॉलिटिक्स से जुड़ी खबरों पर भी जबरदस्त पकड़ है। उन्हें बेहतरीन काम की सराहना मिलती रही है और सम्मानित भी किया जा चुका है। मूल रूप से सीवान (बिहार) के रहने वाले दीपक के पास करीब 11 साल का अनुभव है। करियर की बात करें तो अमर उजाला से शुरू हुआ सफर दैनिक भास्कर,आजतक, इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप होते हुए हिन्दुस्तान डिजिटल तक पहुंच चुका है। फिलहाल, वह हिन्दुस्तान डिजिटल में बतौर असिस्टेंट न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से मास कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है। वहीं, पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए हिमाचल यूनिवर्सिटी चले गए। दीपक सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रहते हैं। उन्हें नई-नई तकनीक से रूबरू होना अच्छा लगता है। खाली वक्त में फिल्में देखना या क्रिकेट खेलना पसंद करते हैं। और पढ़ें
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