
भारत बनेगा दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था... वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान
संक्षेप: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान में भारत को 'मृत अर्थव्यवस्था' कहे जाने पर सीतारमण ने करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा, 'अगर हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई डराने या नीचा दिखाने की कोशिश करता है, तो हमें अपने लक्ष्यों पर विश्वास बनाए रखना चाहिए।
FM Nirmala Sitharaman: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है और आज देश अपनी आर्थिक क्षमता के बल पर 'दुनिया में ऊंचा और विशिष्ट स्थान रखता है।' सीतारमण ने यह बात एक आर्थिक सम्मेलन में कही है। उन्होंने भारत की तेजी से बढ़ती आर्थिक ताकत पर बाोलते हुए कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था आज संरचनात्मक मजबूती और विस्तृत आर्थिक सशक्तिकरण के कारण तेजी से रूपांतरित हो रही है।

ट्रंप पर सीतारमण का पलटवार
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान में भारत को 'मृत अर्थव्यवस्था' कहे जाने पर सीतारमण ने करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा, 'अगर हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई डराने या नीचा दिखाने की कोशिश करता है, तो हमें अपने लक्ष्यों पर विश्वास बनाए रखना चाहिए। हमें यह सोचकर विचलित नहीं होना चाहिए कि कौन हमें 'जिंदा' या ‘मरा हुआ’ कहता है। हां, मैं उसी टिप्पणी की बात कर रही हूं।' सीतारमण ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था के आंकड़े और वैश्विक मान्यता खुद इस बात का सबूत हैं कि देश तेजी से उभरती हुई आर्थिक शक्ति है।
AI युग में भारत के लिए चुनौतियां और अवसर
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत आज प्रौद्योगिकी परिवर्तन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और सतत विकास के मोड़ पर खड़ा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि तकनीक को अपनाया नहीं गया, तो भूमि, श्रम और पूंजी — ये सभी अप्रासंगिक हो जांगे। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जहां निर्माण के मॉडल को पूरी तरह बदल रहा है, वहीं यह रोजगार को लेकर भी नई चुनौतियाँ पैदा कर रहा है।
डेटा आधारित नीतियों पर जोर
सीतारमण ने डेटा-ड्रिवन पॉलिसीमेकिंग की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि भारत को अपनी परिस्थितियों के अनुसार रोजगार लोच, राजकोषीय संघवाद, जीएसटी सुधार और क्लाइमेट फाइनेंस जैसे विषयों पर गहन शोध करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत की आर्थिक दृष्टि और मॉडल को वैश्विक विमर्श में प्रमुखता से रखा जाए। उन्होंने कहा, ' ग्लोबलाइजेशन अब पीछे जा रहा है। अगले दो दशकों में वैश्विक विकास को कई बाधाओं का सामना करना पड़ेगा, इसलिए हमें भारत-केंद्रित समाधान तैयार करने होंगे।'
नया आयकर कानून में सुधार
वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार नए आयकर अधिनियम के मसौदे पर व्यापक कार्य कर रही है। इसमें आयकर छूट सीमा को ₹12 लाख तक बढ़ाने जैसे प्रस्तावों पर विचार किया गया है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि सीमा शुल्क प्रणाली को भी आधुनिक और पारदर्शी बनाया जा रहा है, ताकि व्यापार सुगमता (Ease of Doing Business) और निवेश के माहौल में सुधार हो।
युवाओं को मिला आह्वान
सीतारमण ने देश के युवा अर्थशास्त्रियों से कहा कि वे भारत की आर्थिक सोच और नीति दृष्टिकोण को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमुखता से प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा, 'आज दुनिया की अर्थव्यवस्था में भारत की स्थिति मजबूत है, और हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि भारत की आवाज़ वैश्विक बहसों में सुनी जाए।'
अगले वर्ष भारत करेगा BRICS की अध्यक्षता
सीतारमण ने यह भी बताया कि भारत अगले वर्ष BRICS समूह (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) की अध्यक्षता करेगा। यह अवसर भारत के लिए अपनी आर्थिक नीति, निवेश दृष्टि और वैश्विक नेतृत्व क्षमता को प्रदर्शित करने का बड़ा मंच होगा। उन्होंने कहा, 'BRICS की अध्यक्षता हमारे लिए एक अनूठा अवसर है, जिससे भारत की आर्थिक आवाज़ पूरी दुनिया में गूंजेगी।'





