Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़IIP growth hits 6 month high in november reason behind manufacturing boost

6 महीन के हाई पर IIP ग्रोथ, विदेशी मुद्रा भंडार के मोर्चे पर लगा झटका

  • IIP Growth data: जून में वृद्धि दर 4.9 प्रतिशत जबकि जुलाई में पांच प्रतिशत रही थी। वहीं, अगस्त में आईआईपी वृद्धि स्थिर रही थी लेकिन सितंबर में यह 3.1 प्रतिशत जबकि अक्टूबर में 3.7 प्रतिशत बढ़ी थी।

Deepak Kumar लाइव हिन्दुस्तानFri, 10 Jan 2025 06:09 PM
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IIP Growth data: त्योहारी मांग और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में तेजी के कारण देश में औद्योगिक उत्पादन (IIP) बीते साल नवंबर में 5.2 प्रतिशत बढ़कर छह महीने के उच्चतम स्तर पर रहा। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक नवंबर, 2023 में IIP में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। इससे पहले औद्योगिक उत्पादन में उच्चतम वृद्धि दर मई, 2024 में 6.3 प्रतिशत रही थी।

अप्रैल-नवंबर के बीच IIP के आंकड़ें

आंकड़ों के मुताबिक IIP के संदर्भ में मापी गई औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि अप्रैल-नवंबर 2024 में 4.1 प्रतिशत रही, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 6.5 प्रतिशत थी। आंकड़ों के अनुसार, नवंबर महीने में खनन उत्पादन की वृद्धि दर घटकर 1.9 प्रतिशत रही, जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें सात प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

किस सेक्टर में कितनी बढ़ोतरी

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि दर नवंबर में बढ़कर 5.8 प्रतिशत हो गई, जो एक साल पहले 1.3 प्रतिशत थी। बिजली उत्पादन की वृद्धि दर घटकर 4.4 प्रतिशत रही, जो एक साल पहले 5.8 प्रतिशत थी। नवंबर, 2024 में उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुओं के उत्पादन की वृद्धि दर 0.6 प्रतिशत पर लगभग स्थिर रही, जबकि नवंबर, 2023 में इसमें 3.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। आंकड़ों के अनुसार इंफ्रा/ मैन्युफैक्चरिंग वस्तुओं में नवंबर, 2024 में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि थी।

विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट

इस बीच, देश का विदेशी मुद्रा भंडार तीन जनवरी को समाप्त सप्ताह में 5.69 अरब डॉलर घटकर 634.58 अरब डॉलर पर आ गया। इस सप्ताह में गोल्ड रिजर्व का मूल्य 82.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 67.09 अरब डॉलर हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक इससे पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 4.11 अरब अमेरिकी डॉलर घटकर 640.28 अरब अमेरिकी डॉलर रहा था।

बता दें कि विदेशी मुद्रा भंडार में पिछले कुछ हफ्तों से गिरावट आ रही है। इस गिरावट का कारण रुपये में उतार-चढ़ाव को कम करने के लिए आरबीआई का विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप के साथ-साथ मूल्यांकन को माना जा रहा है। सितंबर 2024 के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 704.88 अरब अमेरिकी डॉलर के अबतक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था।

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