
लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती...गौतम अडानी ने शेयरधारकों से कही दिल की बात
संक्षेप: हिंडनबर्ग रिसर्च की जनवरी, 2023 की रिपोर्ट के कारण समूह को 150 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था। बाजार नियामक सेबी ने पिछले सप्ताह हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को खारिज करते हुए उद्योगपति गौतम अडानी और उनकी अगुवाई वाले समूह को क्लीन चिट दे दी थी।
अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने बुधवार को शेयरधारकों को लिखे एक पत्र में बाजार नियामक सेबी के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि सत्य की जीत हुई है। अडानी ने सेबी द्वारा हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के आरोपों को खारिज किए जाने को समूह के कामकाज करने के तरीके और पारदर्शिता की पुष्टि भी करार दिया। अडानी ने कहा कि समूह अब कामकाज को मजबूत करने, इनोवेशन को बढ़ावा देने और इंफ्रा में निवेश बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा।

उन्होंने संकट के दौरान निवेशकों, ऋणदाताओं और साझेदारों की चिंता को स्वीकार करते हुए कहा- हम राष्ट्र निर्माण पर दोगुना जोर देंगे। गौतम अडानी ने कहा कि सेबी द्वारा आरोपों को खारिज करने से उस लंबी जांच अवधि का अंत हो गया है, जिसने अडानी समूह के नरम के हर आयाम की परीक्षा ली। उन्होंने कहा कि यह हमला सिर्फ समूह पर नहीं था बल्कि वैश्विक स्तर पर पहुंचने के सपने देखने वाले भारतीय उद्यमों के साहस को सीधी चुनौती थी।
लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती...
गौतम अडानी ने कंपनी के मूल मूल्यों विपरीत परिस्थितियों में जुझारू क्षमता का प्रदर्शन, कार्यों में ईमानदारी और भारत तथा विश्व के उज्जवल भविष्य के निर्माण के लिए अटूट प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि के आह्वान के साथ पत्र का समापन किया। पत्र का अंत कवि सोहन लाल द्विवेदी के एक उद्धरण से हुआ, जिसमें उन्होंने समूह की वापसी की तुलना उस नाव से की जो किनारे तक पहुंचने के लिए लहरों का सामना करती है। उन्होंने निरंतर साहस और दृढ़ता का आग्रह करते हुए द्विवेदी की पंक्तियां लिखीं- लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती... कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती है।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के कारण नुकसान
हिंडनबर्ग रिसर्च की जनवरी, 2023 की रिपोर्ट के कारण समूह को 150 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था। बाजार नियामक सेबी ने पिछले सप्ताह हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को खारिज करते हुए उद्योगपति गौतम अडानी और उनकी अगुवाई वाले समूह को क्लीन चिट दे दी थी। सेबी ने कहा था कि उसे हिंडनबर्ग के आरोपों में ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला कि समूह ने अपनी सूचीबद्ध कंपनियों में पैसा भेजने के लिए संबंधित पक्षों का उपयोग किया हो।
सेबी ने दो अलग-अलग आदेशों में कहा कि विस्तृत जांच के बाद इनसाइडर ट्रेडिंग, बाजार में गड़बड़ी और सार्वजनिक शेयरधारिता मानदंडों के उल्लंघन के आरोप निराधार पाए गए। सेबी का यह आदेश जनवरी, 2023 की हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद महीनों की जांच और अटकलों के बाद आया है। रिपोर्ट के कारण समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई थी। हिंडनबर्ग कंपनी अब बंद हो चुकी है।





