
आम आदमी को राहत, त्योहार पर टैक्स में बड़ी कटौती, अब होगी तगड़ी बचत
संक्षेप: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार नई दरों की अधिसूचनाएं जारी कर रही हैं, तेज़ रजिस्ट्रेशन और रिफंड पर ज़ोर दे रही हैं और कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे त्योहारों से पहले नई कीमतें प्रदर्शित करें।
GST 2.0: जैसे किसी ब्रांड की सालाना सेल में ग्राहकों को छूट दी जाती है, उसी तरह सरकार ने भी जीएसटी 2.0 के जरिए अपना संस्करण पेश कर दिया है। दरें घटाई गई हैं और कोशिश की जा रही है कि उपभोक्ताओं को दिवाली शॉपिंग शुरू होने से पहले ही इन छूटों का फायदा दिखाई दे। 3 सितंबर को हुई घोषणा अब लागू होने की प्रक्रिया में है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार नई दरों की अधिसूचनाएं जारी कर रही हैं, तेज़ रजिस्ट्रेशन और रिफंड पर ज़ोर दे रही हैं और कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे त्योहारों से पहले नई कीमतें प्रदर्शित करें।
क्या है डिटेल
15 अगस्त से 3 सितंबर के बीच यह कदम तेजी से उठाया गया, लेकिन असल में जीएसटी परिषद लंबे समय से इन बदलावों पर विचार कर रही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाल किले से दिए गए संकेत ने इस फैसले को और तेज़ी से अमल में लाने के लिए प्रेरित किया, ताकि त्योहारी सीज़न से पहले ही नया ढांचा लागू हो सके।
जीएसटी 2.0: क्या बदला?
- जीएसटी परिषद, जिसकी अध्यक्षता निर्मला सीतारमण ने की, ने चार स्लैब को घटाकर केवल दो (5% और 18%) कर दिया, जबकि ज़रूरी सामान और स्वास्थ्य बीमा को छूट दी गई।
- आवश्यक वस्तुएं: पराठा, पनीर, UHT दूध, बिस्किट, सॉस और ड्राई फ्रूट्स अब 5% या पूरी तरह मुक्त हैं।
- पर्सनल केयर: हेयर ऑयल और टूथपेस्ट जैसी वस्तुएँ भी 5% स्लैब में आ गई हैं।
- बड़े घरेलू उपकरण: एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर, बड़े टीवी और वॉशिंग मशीन को 28% से घटाकर 18% पर लाया गया।
- ऑटो सेक्टर: 350cc तक के छोटे वाहन, ऑटो पार्ट्स और सीमेंट भी अब 18% स्लैब में हैं।
- बीमा: हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम को जीएसटी से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया है, जबकि पहले इन पर 18% टैक्स लगता था। कुल मिलाकर लगभग 400 रोजमर्रा की वस्तुओं पर टैक्स दरों में कटौती की गई है।
निर्मला सीतारमण ने परिषद की मंजूरी के बाद कहा —
“हमने स्लैब्स को कम किया है, उलटे ड्यूटी ढांचे को सुधारा है… ये सुधार आम आदमी को ध्यान में रखकर किए गए हैं।” राजकोषीय बोझ पड़ेगा, वहीं उपभोक्ताओं के हाथ में करीब 2 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त बचत होगी।
ग्रांट थॉर्नटन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक मध्यमवर्गीय परिवार जो हर महीने लगभग ₹10,000 किराने का सामान, फ्रोजन फूड, खाद्य तेल और पैकेज्ड आइटम्स पर खर्च करता है, उसका मासिक बिल ₹400–600 तक कम हो सकता है। सालाना स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी पर भी परिवारों को करीब ₹7,000–8,000 की बचत होगी, क्योंकि अब स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर जीएसटी पूरी तरह से हटा दिया गया है। बता दें कि भले ही ये बचतें देखने में छोटी लगें, लेकिन जब इन्हें कई वस्तुओं और सेवाओं पर जोड़कर देखा जाता है, तो राहत बड़ी हो जाती है। इससे ज़रूरी सामान, मिठाइयां और यहां तक कि गैजेट्स भी त्योहार की खरीदारी से ठीक पहले और सस्ते हो जाएंगे।





