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टाटा ट्रस्ट्स में मतभेद पर सरकार की पैनी नजर, जानें अमित शाह ने क्या कहा

टाटा ट्रस्ट्स में मतभेद पर सरकार की पैनी नजर, जानें अमित शाह ने क्या कहा

संक्षेप: Tata Trusts Disputes: गृह मंत्री अमित शाह के घर पर हुई 45 मिनट की बैठक में केंद्र सरकार ने टाटा ग्रुप के टॉप लीडरशिप को सख्त संदेश दिया कि टाटा ट्रस्ट्स में स्थिरता बनाए रखें और आंतरिक विवादों को नियंत्रित करें ताकि उनका असर टाटा सन्स पर न पड़े, जो देश का सबसे मूल्यवान व्यवसायिक समूह है।

Wed, 8 Oct 2025 10:25 AMDrigraj Madheshia लाइव हिन्दुस्तान
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गृह मंत्री अमित शाह के घर पर हुई 45 मिनट की बैठक में केंद्र सरकार ने टाटा समूह के टॉप लीडरशिप को सख्त संदेश दिया कि टाटा ट्रस्ट्स में स्थिरता बनाए रखें और आंतरिक विवादों को नियंत्रित करें ताकि उनका असर टाटा सन्स पर न पड़े, जो देश का सबसे मूल्यवान व्यवसायिक समूह है।

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इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और टाटा समूह के चार वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल थे। इनमें टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन नोएल टाटा, वाइस चेयरमैन वेनु श्रीनिवासन, टाटा सन्स के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन और ट्रस्टी डेरियस खंबाटा।

सरकार का स्पष्ट संदेश : आंतरिक मतभेद न बढ़ें

सरकार का मानना है कि टाटा ट्रस्ट्स के भीतर चल रहे मतभेद अगर समय पर सुलझाए नहीं गए, तो यह पूरे समूह की कार्यप्रणाली पर असर डाल सकते हैं। मंत्रियों ने कंपनी नेतृत्व को इस बात के लिए प्रोत्साहित किया कि वे जरूरत पड़ने पर सख्त कदम उठाएं, जिसमें ऐसे ट्रस्टी को हटाना भी शामिल है जो समूह के सुचारू कामकाज में बाधा डाल रहा हो।

आरबीआई की लिस्टिंग और ‘शापूरजी पल्लोनजी समूह’ पर चर्चा

बैठक में आरबीआई के निर्देशों पर भी चर्चा हुई, जिसमें टाटा सन्स जैसी “अपर्लेयर एनबीएफसी” कंपनियों के पब्लिक लिस्टिंग का मुद्दा शामिल था। इसके साथ ही, समूह के दूसरे सबसे बड़े शेयरधारक शापूरजी पल्लोनजी समूह के लिए लिक्विडिटी (नकदी की उपलब्धता) का रास्ता निकालने पर भी विचार हुआ।

हालांकि, बैठक के दौरान सरकार की ओर से इस मुद्दे पर कोई औपचारिक निर्देश दिया गया या नहीं, यह स्पष्ट नहीं हो सका।

रतन टाटा की पहली पुण्यतिथि से पहले आंतरिक बैठक

दिल्ली से मुंबई लौटने से पहले चारों टाटा नेता आपस में एक संक्षिप्त आंतरिक चर्चा कर चुके हैं। वे अब रतन टाटा की पहली पुण्यतिथि (9 अक्टूबर) पर आयोजित दो दिवसीय श्रद्धांजलि कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।

सरकार का रुख : ट्रस्ट की जिम्मेदारी ‘सार्वजनिक महत्व’ से जुड़ी

सरकार इस बात से चिंतित है कि ट्रस्ट्स के अंदर के विवाद अगर बढ़ते रहे, तो टाटा सन्स और समूह की कंपनियों के प्रशासन पर असर पड़ सकता है। केंद्र ने यह संदेश दिया है कि टाटा ट्रस्ट्स का टाटा सन्स में बहुमत शेयरहोल्डिंग एक “सार्वजनिक जिम्मेदारी” के साथ आती है, क्योंकि समूह का आकार, आर्थिक योगदान और सिस्टम में महत्व बहुत बड़ा है। इसलिए, मतभेदों को सार्वजनिक न करके अंदर ही सुलझाना बेहतर होगा।

Drigraj Madheshia

लेखक के बारे में

Drigraj Madheshia
टीवी, प्रिंट और डिजिटल में कुल मिलाकर 20 साल का अनुभव। एचटी डिजिटल से पहले दृगराज न्यूज नेशन, दैनिक जागरण, हिंदुस्तान, सहारा समय और वॉच न्यूज एमपी /सीजी में रिपोर्टिग और डेस्क पर जिम्मेदारी निभा चुके हैं। स्पेशल स्टोरीज,स्पोर्ट्स, पॉलिटिक्स, सिनेमा, स्पोर्ट्स के बाद अब बिजनेस की खबरें लिख रहे हैं। दृगराज, लाइव हिन्दुस्तान में बतौर असिस्टेंट न्यूज एडिटर काम कर रहे हैं। और पढ़ें
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