4 दिन सोना करीब ₹4000 हुआ महंगा, चांदी ₹6399 चमकी, करवाचौथ, दिवाली-धनतेरस अभी बाकी
Gold Silver Price Review: अभी करवा चौथ, दिवाली और धनतेरस बाकी है। शादियों का सीजन अभी शुरू नहीं हुआ है, लेकिन अक्टूबर के केवल 4 कारोबारी दिनों में ही सोना करीब 4000 रुपये महंगा हुआ है। जबकि, चांदी 6399 रुपये उछल गई है।

Gold Silver Price Review: इस साल सोना और चांदी दोनों ने ही सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। अक्टूबर के केवल 4 कारोबारी दिनों में ही सोना करीब 4000 रुपये महंगा हुआ है जबकि, चांदी 6399 रुपये उछल गई है। अभी करवा चौथ, दिवाली और धनतेरस बाकी है। शादियों का सीजन अभी शुरू नहीं हुआ है। बीते महीने चांदी की रफ्तार सोने से दोगुनी तेज रही। सितंबर 2025 में सोना 12961 रुपये प्रति 10 ग्राम महंगा हुआ। जबकि, चांदी की कीमत में प्रति किलो 24862 रुपये का उछाल आया।
अक्टूबर में कैसी रही सोने की चाल
30 सितंबर को 24 कैरेट गोल्ड 116903 रुपये पर खुला और 115349 रुपये पर बंद हुआ था।
1 अक्टूबर को सोना 116586 रुपये पर खुला और 117332 पर बंद हुआ।
3 अक्टूबर को सोना 116833 रुपये पर खुला और 116954 रुपये पर बंद हुआ।
6 अक्टूबर को 119059 रुपये पर खुला और 119249 पर बंद हुआ।
स्रोत: IBJA
आगे क्या होगा?
गोल्डमैन सैक्स जैसे बड़े निवेश बैंक का अनुमान है कि अगर तेजी जारी रही, तो सोना ₹1.45 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। मगर, थोड़ा ठहराव भी आ सकता है। कुछ विश्लेषक मानते हैं कि इतनी तेज रैली के बाद कुछ निवेशक मुनाफा वसूल सकते हैं, जिससे कीमतों में 5-6% तक की गिरावट (करेक्शन) आ सकती है।
बेहतर रह सकता है चांदी का परफॉर्मेंस
कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि औद्योगिक मांग ज्यादा होने के कारण मध्यम अवधि (3-5 साल) में चांदी, सोने से बेहतर प्रदर्शन कर सकती है। हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि चांदी के दाम सोने के मुकाबले ज्यादा उतार-चढ़ाव वाले होते हैं।
सोने-चांदी के दाम बढ़ने की वजह क्या है?
केडिया कमोडिटिज के प्रेसीडेंट अजय केडिया सोने-चांदी के भाव में तेजी के कई कारण बताए हैं। जैसे...
केंद्रीय बैंकों की खरीदारी: दुनियाभर के बैंक डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए अपने रिजर्व में सोना बढ़ा रहे हैं। इससे मांग बनी हुई है।
अमेरिकी ब्याज दरों में कमी: अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरें घटाई हैं, और आगे और कटौती की उम्मीद है। इससे डॉलर कमजोर होता है और सोना-चांदी जैसी धातुओं में निवेश आकर्षित होता है।
वैश्विक अनिश्चितता: अमेरिकी चुनाव, यूक्रेन-रूस जंग जैसी भू-राजनीतिक तनाव के दौर में निवेशक अपना पैसा सोने जैसे "सुरक्षित ठिकाने" में लगा रहे हैं।
चांदी की औद्योगिक मांग: चांदी सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक वाहनों और इलेक्ट्रॉनिक्स में जरूरी है। इन सेक्टर्स के तेजी से बढ़ने से चांदी की मांग में भारी इजाफा हुआ है।
क्या करें निवेशक
अगर आप निवेश के मकसद से खरीदारी कर रहे हैं, तो कुछ एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि अगले कुछ समय में आने वाले संभावित गिरावट का इंतजार करना बेहतर रहेगा। वहीं, अगर आप दिवाली जैसे शुभ अवसर पर रीति-रिवाज के तौर पर सोना खरीदना चाहते हैं, तो ज्यादा समय न देखें। दिवाली से ठीक पहले कई ज्वैलर्स विशेष ऑफर भी देते हैं।
(डिस्क्लेमर: एक्सपर्ट्स की सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं, लाइव हिन्दुस्तान के नहीं। निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)




