टैक्सपेयर्स को आसान भाषा में नोटिस भेजें...आयकर विभाग को वित्त मंत्री की सलाह
- निर्मला सीतारमण ने एक कार्यक्रम में कहा कि फेसलेस व्यवस्था लागू होने के बाद टैक्स अधिकारियों को अब टैक्सपेयर्स के साथ अधिक निष्पक्ष और मैत्रीपूर्ण व्यवहार पर ध्यान देना चाहिए।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को टैक्स अधिकारियों से कहा कि वे टैक्सपेयर्स को भेजे जाने वाले नोटिस या पत्रों में सरल शब्दों का इस्तेमाल करें। इसके साथ ही कानून की तरफ से दी गई शक्तियों का विवेकपूर्ण ढंग से उपयोग करें। निर्मला सीतारमण ने एक कार्यक्रम में कहा कि फेसलेस व्यवस्था लागू होने के बाद टैक्स अधिकारियों को अब टैक्सपेयर्स के साथ अधिक निष्पक्ष और मैत्रीपूर्ण व्यवहार पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि टैक्स नोटिस से टैक्सपेयर्स के मन में डर की भावना नहीं पैदा होनी चाहिए। टैक्स नोटिस सरल और साफ होना चाहिए।
नोटिस के बारे में स्पष्ट हो जानकारी
मंत्री ने कहा कि नोटिस में टैक्सपेयर को यह एकदम स्पष्ट कर देना चाहिए कि उसे किस कारण से नोटिस भेजा जा रहा है। वित्त मंत्री ने टैकसपेयर्स के साथ व्यवहार में अनियमित तरीके अपनाने से बचने का टैक्स अधिकारियों से आग्रह करते हुए कहा कि उनकी कार्रवाई मुद्दे के अनुपात में ही होनी चाहिए। उन्होंने टैक्सपेयर्स से यह भी कहा कि वे प्रवर्तन उपायों का उपयोग केवल अंतिम माध्यम के रूप में करें और विभाग का लक्ष्य स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा देने का होना चाहिए।
इसके साथ ही सीतारमण ने कहा कि टैक्स विभाग को अधिक मित्रवत और पारदर्शी होने की उनकी बात का मतलब यह नहीं है कि टैक्स अधिकारी इन सभी वर्षों में अनुचित थे। वित्त मंत्री ने टैक्स डिपार्टमेंट के साथ अपना समर्थन जताते हुए कहा कि टैक्स अधिकारियों को अपने दायित्वों का निर्वहन जारी रखना चाहिए।
आयकर रिफंड पर क्या बोलीं वित्त मंत्री
इसके साथ ही निर्मला सीतारमण ने कहा कि आयकर रिफंड तेजी से जारी करने में सुधार की गुंजाइश है। इस बीच, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने कहा कि आयकर अधिनियम, 1961 की समीक्षा का काम छह महीनों की निर्धारित समयसीमा में पूरा कर लिया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश करते हुए कहा था कि देश के प्रत्यक्ष कर कानून को सरल बनाने के लिए इसकी समीक्षा की जाएगी। उन्होंने इस काम को छह महीने में पूरा करने की बात कही थी।
15 दिन में 4 करोड़ रिटर्न प्रोसेसिंग
राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने बुधवार को कहा कि आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2024-25 के लिए 15 दिन में करीब चार करोड़ आयकर रिटर्न का प्रोसेसिंग किया है। आकलन वर्ष 2024-25 के लिए 31 जुलाई, 2024 तक 7.28 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किये गये हैं। कर विभाग लगभग 4.98 करोड़ आयकर रिटर्न (आईटीआर) पहले ही प्रोसेसिंग कर चुका है।
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