निवेश पोर्टफोलियो में बड़े बदलाव की तैयारी में EPFO, रविवार को अहम बैठक
संक्षेप: ईपीएफओ जल्द ही अपने निवेश पोर्टफोलियो में बड़ा बदलाव करने वाला है। बता दें कि सीबीटी की बैठक रविवार को केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में होगी। इसमें लगभग 18 अहम एजेंडा पर चर्चा की जाएगी।

कर्मचारियों की भविष्य निधि संगठन (EPFO) को लेकर एक बड़ी खबर है। जानकारी के मुताबिक ईपीएफओ जल्द ही अपने निवेश पोर्टफोलियो में बड़ा बदलाव करने वाला है। वित्त वर्ष 2025–26 के दौरान ईपीएफओ सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज और भारत 22 एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में किए गए निवेश को रीडिम के लिए अपने सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) से मंजूरी मांगेगा। ईटी सूत्रों के अनुसार, अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है, तो EPFO को लगभग ₹17237 करोड़ का कैपिटल गेन होगा, जिसे बाद में कर्मचारियों के वार्षिक ब्याज खाते में जोड़ा जाएगा। हालांकि, EPFO ने अन्य ईटीएफ योजनाओं में अपने निवेश को जारी रखने का फैसला किया है।
निवेश की अवधि बढ़ाने की योजना
ईटी सूत्र के मुताबिक ईपीएफओ इन निवेशों की अवधि को चार साल से बढ़ाकर पांच साल करने की योजना बना रहा है, ताकि बाजार में स्थिरता और दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित किया जा सके। वित्त मंत्रालय के निवेश पैटर्न के अनुसार, EPFO को अपने नए निवेश का 5 से 15 प्रतिशत हिस्सा इक्विटी और संबंधित साधनों में लगाना होता है। ईपीएफओ को 2017 में CBT की मंजूरी मिलने के बाद से ETF में निवेश करने की अनुमति मिली थी, जिसके तहत यह फंड अपने इंक्रीमेंटल फंड्स का 15% तक निवेश करता है।
रविवार को सीबीटी की बैठक
सीबीटी की बैठक रविवार को केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में होगी। इसमें लगभग 18 अहम एजेंडा पर चर्चा की जाएगी। बता दें कि सीबीटी EPFO की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है, जिसमें नियोक्ताओं, कर्मचारियों, राज्य और केंद्र सरकार के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। वर्तमान में EPFO 30 करोड़ से अधिक सदस्य खातों का प्रबंधन करता है और इसका कुल फंड लगभग ₹28 लाख करोड़ तक पहुंच चुका है। आगामी बैठक से यह तय होगा कि करोड़ों कर्मचारियों के लिए ब्याज दरों और निवेश लाभांश पर क्या असर पड़ेगा।





