निवेशकों का दर्द महसूस हो रहा...सेबी की क्लीन चिट पर गौतम अडानी ने किया रिएक्ट
संक्षेप: बाजार नियामक सेबी ने हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को खारिज करते हुए उद्योगपति गौतम अडानी और उनकी अगुवाई वाले समूह को क्लीन चिट दे दी। अब गौतम अडानी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जो लोग झूठी बातें फैलाते हैं, उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।
अमेरिका की शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग मामले में बाजार नियामक सेबी ने अडानी समूह को क्लीन चिट दे दी है। इस क्लीन चिट के बाद अब उद्योगपति गौतम अडानी ने रिएक्ट किया है। गौतम अडानी ने कहा कि हम उन निवेशकों का दर्द गहराई से महसूस करते हैं जिन्होंने इस धोखाधड़ी और गलत इरादे से पेश रिपोर्ट के कारण पैसा गंवाया। जो लोग झूठी बातें फैलाते हैं, उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।

क्या कहा गौतम अडानी ने?
गौतम अडानी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- समूह हमेशा से कहता रहा है कि हिंडनबर्ग के दावे निराधार थे। सेबी की क्लीन चिट ने उस बात की पुष्टि की है। सेबी ने कहा कि उसे हिंडनबर्ग के आरोपों में ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला कि समूह ने अपनी सूचीबद्ध कंपनियों में पैसा भेजने के लिए संबंधित पक्षों का उपयोग किया हो। गौतम अडानी के मुताबिक एक विस्तृत जांच के बाद सेबी ने उस बात की पुष्टि की है जो हम हमेशा से कहते आए हैं कि हिंडनबर्ग के दावे निराधार थे। पारदर्शिता और ईमानदारी हमेशा से अडानी समूह की पहचान रही है। उन्होंने आगे कहा कि भारत की संस्थाओं, भारत के लोगों और राष्ट्र निर्माण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटूट है। उन्होंने अंत में लिखा है- सत्यमेव जयते! जय हिंद।
क्या लगे थे आरोप?
हिंडनबर्ग ने जनवरी, 2023 में रिपोर्ट जारी कर गौतम अडानी पर फंड की हेराफेरी करने समेत अन्य आरोप लगाए थे। हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि एडीकॉर्प एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड माइलस्टोन ट्रेडलिंक्स प्राइवेट लिमिटेड और रेहवर इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड का इस्तेमाल अडानी समूह की विभिन्न कंपनियों से सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध अडानी पावर और अडानी एंटरप्राइजेज को पैसा भेजने के लिए एक माध्यम के रूप में किया गया। उसके बाद समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई थी। वहीं, हिंडनबर्ग कंपनी अब बंद हो चुकी है।
सेबी ने दिए 2 आदेश
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने दो अलग-अलग आदेशों में कहा कि विस्तृत जांच के बाद इनसाइडर ट्रेडिंग, बाजार में गड़बड़ी और सार्वजनिक शेयरधारिता मानदंडों के उल्लंघन के आरोप निराधार पाए गए। बता दें कि अडानी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लगाए गए सभी आरोपों का बार-बार खंडन किया और उसे पूरी तरह से आधारहीन बताया। उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त एक विशेषज्ञ समिति ने भी कहा था कि अडानी के खिलाफ प्रथम दृष्टया गड़बड़ी का कोई सबूत नहीं है।





