Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Centre Launches Unified Pension Scheme benefits for 23 lakh employees revealed

23 लाख कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी, मोदी सरकार की नई पेंशन स्कीम से जुड़ने का मौका

  • यूपीएस योजना के तहत कर्मचारियों को 25 साल की न्यूनतम योग्यता सेवा होने पर सेवानिवृत्ति से पहले के आखिरी 12 महीनों में उनके औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में गारंटी दी गई है।

Varsha Pathak भाषाMon, 26 Aug 2024 11:51 AM
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केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए हाल ही में घोषित यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) केवल उन लोगों के लिए ही उपलब्ध होगी जो फिलहाल नई पेंशन योजना (एनपीएस) के ग्राहक हैं और इनमें रिटायर्ड कर्मचारी भी शामिल हैं। यूपीएस योजना के तहत कर्मचारियों को 25 साल की न्यूनतम योग्यता सेवा होने पर सेवानिवृत्ति से पहले के आखिरी 12 महीनों में उनके औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में गारंटी दी गई है। वहीं एनपीएस में मिलने वाली राशि बाजार से मिलने वाले रिटर्न पर निर्भर करती है।

क्या है डिटेल

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में यूपीएस योजना को मंजूरी दी है। इस योजना में पेंशन कम-से-कम 10 साल की सेवा अवधि के लिए आनुपातिक आधार पर तय होगी। साथ ही, न्यूनतम 10 साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति पर 10,000 रुपये प्रति माह की पेंशन भी सुनिश्चित की गई है। यह योजना सरकारी कर्मचारियों की एनपीएस से जुड़ी चिंताओं को दूर करने के लिए लाई गई है। एनपीएस को एक जनवरी, 2004 से लागू किया गया था। इसके पहले पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के तहत कर्मचारियों को उनके अंतिम मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलता था। हालांकि, पुरानी पेंशन योजना के उलट यूपीएस अंशदायी प्रकृति की योजना है जिसमें कर्मचारियों को अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत योगदान करना होगा। वहीं नियोक्ता (केंद्र सरकार) का योगदान 18.5 प्रतिशत होगा।

एनपीएस के तहत नियोक्ता का योगदान 14 प्रतिशत रखा गया है जबकि कर्मचारी का योगदान 10 प्रतिशत तय है। इसके बावजूद एनपीएस के तहत कर्मचारी को अंतिम भुगतान उस कोष को मिलने वाले बाजार रिटर्न पर निर्भर करता है, जिसे ज्यादातर सरकारी ऋणों में निवेश किया जाता है। दिसंबर, 2003 तक लागू रही ओपीएस के तहत सरकारी कर्मचारियों को कोई योगदान करने की जरूरत नहीं होती थी। हालांकि, वे सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) में योगदान करते थे। जमा राशि को ब्याज के साथ कर्मचारी की सेवानिवृत्ति के समय दिया जाता था।

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ओपीएस vs एनपीएस

ओपीएस की तुलना में एनपीएस कर्मचारियों के बीच अधिक आकर्षण का केंद्र नहीं बन पाई। ऐसी स्थिति में गैर-भाजपा शासित कुछ राज्यों ने पुरानी पेंशन योजना पर वापस जाने का फैसला किया, जिसमें महंगाई भत्ते (डीए) से जुड़ा लाभ दिया जाता था। ओपीएस लागू करने की मांग बढ़ने से पैदा हो रहे दबाव के बीच केंद्र ने अप्रैल, 2023 में पूर्व वित्त सचिव और मौजूदा मनोनीत कैबिनेट सचिव टी वी सोमनाथन के नेतृत्व में एनपीएस संरचना में सुधार का सुझाव देने के लिए एक समिति गठित की थी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कुछ राज्यों के विधानसभा चुनावों से पहले सरकारी कर्मचारियों की लंबे समय से लंबित मांगों को पूरा करते हुए 24 अगस्त को यूपीएस को मंजूरी दे दी। यूपीएस से 23 लाख पात्र केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन मिल सकेगी। हालांकि, यूपीएस का विकल्प चुनने वाले लोग वापस एनपीएस का रुख नहीं कर पाएंगे।

हर साल 6,250 करोड़ रु का बोझ

यूपीएस से सरकारी खजाने पर हर साल 6,250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ने का अनुमान है। हालांकि, कर्मचारियों की संख्या में बदलाव होते रहने से हर साल इसपर खर्च अलग-अलग होगा। इसके अलावा 31 मार्च, 2025 से पहले सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को एनपीएस के तहत 800 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान किया जाना है। यदि ये सेवानिवृत्त कर्मचारी यूपीएस का विकल्प चुनते हैं, तो उन्हें बकाया राशि मिलेगी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा कि यूपीएस से 23 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि यदि राज्य भी यूपीएस ढांचे को अपनाते हैं, तो फिलहाल एनपीएस का हिस्सा बने कुल 90 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी इससे लाभान्वित होंगे। इस साल के अंत में विधानसभा चुनावों का सामना करने जा रहे महाराष्ट्र की सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए यूपीएस को अपनाने की घोषणा कर दी है। वह ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।

क्या है एक्सपर्ट की राय

रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि सुनिश्चित पेंशन की व्यवस्था भविष्य में सरकार के प्रतिबद्ध व्यय को बढ़ाएगी लेकिन कर्मचारियों के लिए अनिश्चितता कम होगी। शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी की भागीदार डोरोथी थॉमस ने कहा कि यूपीएस दीर्घकालिक सामाजिक सुरक्षा के लिए एक विचारशील नजरिया दर्शाती है, जो तेजी से बदलते आर्थिक परिदृश्य में पेंशन लाभ की पर्याप्तता और स्थिरता के बारे में चिंताओं को संबोधित करता है।

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