₹282 से गिरकर ₹3 पर आया शेयर, अब खरीदने की लूट, कंपनी के बिकने पर आया ये अपडेट
संक्षेप: यह शेयर ₹3.20 के उच्च स्तर पर पहुंच गया था। दिनभर के कारोबार में शेयर में ₹0.15 की बढ़त देखी गई, जो 4.92% की बढ़ोतरी को दर्शाती है। बता दें कि पिछले कई दिनों से इसके शेयरों में ट्रेडिंग बंद थी। लंबी अवधि में इसने तगड़ा नुकसान भी कराया है।

Jaiprakash Associates Limited: कंस्ट्रक्शन क्षेत्र की माइक्रोकैप कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड के शेयर का पिछले शुक्रवार को बाजार में शानदार प्रदर्शन रहा। कंपनी के शेयर में 5 पर्सेंट का अपर सर्किट लगा था। इसी के साथ यह ₹3.20 के उच्च स्तर पर पहुंच गया था। दिनभर के कारोबार में शेयर में ₹0.15 की बढ़त देखी गई, जो 4.92% की बढ़ोतरी को दर्शाती है। बता दें कि पिछले कई दिनों से इसके शेयरों में ट्रेडिंग बंद थी। लंबी अवधि में इसने तगड़ा नुकसान भी कराया है। कंपनी के शेयर 28 दिसंबर 2007 को 282 रुपये के भाव पर बिक रहे थे।
शेयरों में तेजी की वजह
भारत की प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने जिंदल पावर लिमिटेड को जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड का अधिग्रहण करने की मंजूरी दे दी है। यह कदम जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (JSPL) के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक उपलब्धि मानी जा रही है, क्योंकि JPL, JSPL की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।
दिवालिया प्रोसेस से गुजर रही कंपनी
जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड एक विविधीकृत इंफ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक कंपनी है, जिसकी गतिविधियां हाइड्रोपावर, सीमेंट, रियल एस्टेट, हॉस्पिटैलिटी और EPC कॉन्ट्रैक्टिंग जैसे कई क्षेत्रों में फैली हुई हैं। हालांकि, कंपनी इस समय दिवालियापन और शोधन अक्षमता संहिता (IBC) के तहत दिवालियापन प्रक्रिया से गुजर रही है। CCI की यह मंजूरी एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन सौदे की अंतिम मंजूरी अभी बाकी है। अंतिम निर्णय क्रेडिटर्स की समिति (CoC) के हाथ में है, जो इस समय जिंदल पावर के प्रस्ताव सहित सभी समाधान योजनाओं की समीक्षा कर रही है। माना जा रहा है कि CoC जल्द ही JPL के अधिग्रहण प्रस्ताव पर मतदान करेगी।
क्या है डिटेल
जयप्रकाश एसोसिएट्स के ऋणदाताओं ने कुल ₹57,185 करोड़ (US$6.86 अरब) के दावों की मांग की है, जिससे यह मामला भारत की सबसे बड़ी चल रही दिवालियापन प्रक्रियाओं में से एक बन गया है। अगर यह अधिग्रहण सफल होता है, तो यह जिंदल पावर लिमिटेड के लिए एक बड़ा विस्तार साबित होगा। कंपनी को JAL के विविध परिसंपत्तियों (assets) और सीमेंट निर्माण क्षमता को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करने का अवसर मिलेगा। वहीं दूसरी ओर, इस अधिग्रहण से ऋणदाताओं को अपने बकाए की वसूली का एक ठोस रास्ता मिल सकता है। कुल मिलाकर, यह सौदा भारतीय कॉर्पोरेट जगत में एक महत्वपूर्ण पुनर्गठन कदम माना जा रहा है, जो जिंदल समूह की औद्योगिक मौजूदगी को और मजबूत करने के साथ-साथ जयप्रकाश एसोसिएट्स की मुश्किलों को कम करने की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित हो सकता है।





