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रिलायंस पावर के सीएफओ अशोक पाल का इस्तीफा, गिरफ्तारी के बाद मैनेजमेंट में हलचल

संक्षेप: अशोक पाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया था। उन्हें शनिवार को एक अदालत में पेश किया गया और दो दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया गया।

Sat, 11 Oct 2025 09:56 PMDeepak Kumar लाइव हिन्दुस्तान
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रिलायंस पावर के सीएफओ अशोक पाल का इस्तीफा, गिरफ्तारी के बाद मैनेजमेंट में हलचल

रिलायंस पावर (आरपावर) ने शनिवार को कहा कि अशोक कुमार पाल ने कंपनी के कार्यकारी निदेशक और मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) का पद तत्काल प्रभाव से छोड़ दिया है। रिलायंस पावर ने शेयर बाजार को बताया कि इस मामले को देखते हुए और जांच में सहायता के लिए अशोक कुमार पाल ने तत्काल प्रभाव से कार्यकारी निदेशक और सीएफओ का पद छोड़ दिया है। बता दें कि अशोक पाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया था। उन्हें शनिवार को एक अदालत में पेश किया गया और दो दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया गया। सूत्रों के अनुसार एजेंसी रिमांड अवधि खत्म होने के बाद 13 अक्टूबर को उन्हें एक विशेष पीएमएलए अदालत में पेश करेगी।

क्या है मामला?

यह मामला सूचीबद्ध कंपनी रिलायंस पावर की सहायक कंपनी रिलायंस एनयू बीईएसएस लिमिटेड की ओर से सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसईसीआई) को जमा की गई 68.2 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी से संबंधित है, जो फर्जी पाई गई। यह कंपनी पहले महाराष्ट्र एनर्जी जनरेशन लिमिटेड के नाम से जानी जाती थी। ईडी ने व्यावसायिक समूहों के लिए कथित रूप से फर्जी बैंक गारंटी प्रदान करने का गिरोह चलाने वाली आरोपी कंपनी की पहचान ओडिशा स्थित बिस्वाल ट्रेडलिंक के रूप में की है। निदेशालय ने जांच ​​के तहत अगस्त में कंपनी और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ छापेमारी की थी और इसके प्रबंध निदेशक पार्थ सारथी बिस्वाल को गिरफ्तार किया था।

क्या है पाल पर आरोप

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सूत्रों ने बताया कि पाल ने पैसे के ट्रांसफर में अहम भूमिका निभाई क्योंकि उन्हें और कुछ अन्य लोगों को कंपनी बोर्ड ने एसईसीआई की बीईएसएस निविदा के लिए सभी दस्तावेजों को अंतिम रूप देने, अनुमोदित करने, हस्ताक्षर करने और बोली के लिए रिलायंस पावर की वित्तीय क्षमता का उपयोग करने का अधिकार दिया गया था। सूत्रों ने कहा कि जांच में पाया गया कि कंपनी ने फिलीपीन के मनीला स्थित ‘फर्स्टरैंड बैंक’ से बैंक गारंटी जमा की थी लेकिन उक्त बैंक की उस देश में कोई शाखा नहीं है।

मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा नवंबर 2024 में दर्ज की गई एक प्राथमिकी से जुड़ा है। आरोप है कि कंपनी आठ प्रतिशत कमीशन पर फर्जी बैंक गारंटी जारी करने में शामिल थी। रिलायंस समूह ने तब कहा था कि रिलायंस पावर इस मामले में धोखाधड़ी और जालसाजी की साजिश का शिकार हुई है और उसने सात नवंबर, 2024 को स्टॉक एक्सचेंज में इस संदर्भ में उचित खुलासे किए थे।si

Deepak Kumar

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दीपक कुमार, हिन्दुस्तान डिजिटल में बिजनेस की खबरें लिखते हैं। वह स्टॉक मार्केट, यूटिलिटी समेत बिजनेस सेक्शन से जुड़ी हर खबरों की ना सिर्फ समझ रखते हैं, बल्कि आम बोलचाल की भाषा में पाठकों तक पहुंचाने का काम करते हैं। दीपक की बिजनेस सेक्शन के अलावा एंटरटेनमेंट, स्पोर्ट्स और पॉलिटिक्स से जुड़ी खबरों पर भी जबरदस्त पकड़ है। उन्हें बेहतरीन काम की सराहना मिलती रही है और सम्मानित भी किया जा चुका है। मूल रूप से सीवान (बिहार) के रहने वाले दीपक के पास करीब 11 साल का अनुभव है। करियर की बात करें तो अमर उजाला से शुरू हुआ सफर दैनिक भास्कर,आजतक, इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप होते हुए हिन्दुस्तान डिजिटल तक पहुंच चुका है। फिलहाल, वह हिन्दुस्तान डिजिटल में बतौर असिस्टेंट न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से मास कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है। वहीं, पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए हिमाचल यूनिवर्सिटी चले गए। दीपक सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रहते हैं। उन्हें नई-नई तकनीक से रूबरू होना अच्छा लगता है। खाली वक्त में फिल्में देखना या क्रिकेट खेलना पसंद करते हैं। और पढ़ें
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