
छप्परफाड़ IPO: लिस्टिंग के साथ ही शेयर पर टूटे निवेशक, पहले ही दिन 100% का रिटर्न
संक्षेप: कंपनी ने आईपीओ का प्राइस बैंड 133 रुपये से 140 रुपये प्रति शेयर तय किया था। करीब 91.1 करोड़ रुपये के इस एसएमई इश्यू को 11 से 15 सितंबर तक चले तीन दिनों के बिडिंग पीरियड में जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला। कुल मिलाकर इसे 301.52 गुना सब्सक्रिप्शन प्राप्त हुआ।
Airfloa Rail Technology IPO: एयरफ्लो रेल टेक्नोलॉजी का आईपीओ 15 सितंबर को बोली लगाने के आखिरी दिन जबरदस्त सब्सक्रिप्शन के साथ बंद हुआ था। अब आज गुरुवार को कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग है। एयरफ्लो रेल टेक्नोलॉजी के शेयरों की बीएसई पर शानदार लिस्टिंग हुई। यह अपने आईपीओ प्राइस 140 रुपये के मुकाबले लगभग डबल 90% प्रीमियम के साथ 266 रुपये पर लिस्ट हुए। लिस्टिंग के साथ ही इस शेयर में 5 पर्सेंट का अपर सर्किट लगा और यह 279.30 रुपये पर आ गया। यानी पहले ही दिन निवेशकों को 100 पर्सेंट का फायदा हो गया। बता दें कि कंपनी ने 16 सितंबर को आईपीओ शेयर अलॉटमेंट स्टेटस जारी कर दिया था। वहीं, 17 सितंबर को नॉन-अलॉटी निवेशकों को रिफंड की प्रक्रिया पूरी कर दी गई और सफल बोलीदाताओं के डिमैट खातों में शेयर भी ट्रांसफर कर दिए गए थे।
जबरदस्त हुआ था सब्सक्राइब
एयरफ्लो रेल टेक्नोलॉजी का आईपीओ एक बुक-बिल्डिंग इश्यू था, जिसमें पूरी तरह से 65 लाख नए शेयरों का फ्रेश इश्यू शामिल किया गया। कंपनी ने आईपीओ का प्राइस बैंड 133 रुपये से 140 रुपये प्रति शेयर तय किया था। करीब 91.1 करोड़ रुपये के इस एसएमई इश्यू को 11 से 15 सितंबर तक चले तीन दिनों के बिडिंग पीरियड में जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला। कुल मिलाकर इसे 301.52 गुना सब्सक्रिप्शन प्राप्त हुआ। आईपीओ में कुल 43.29 लाख शेयरों के मुकाबले लगभग 130.53 करोड़ शेयरों के लिए बोली लगी। क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) ने अपने हिस्से को लगभग 215 गुना सब्सक्राइब किया था। नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NIIs) ने लगभग 350 गुना सब्सक्रिप्शन किया था। वहीं रिटेल निवेशकों का हिस्सा भी 330 गुना से अधिक भरा गया था।
कंपनी की योजना
एयरफ्लो रेल टेक्नोलॉजी ने आईपीओ से जुटाई गई राशि का उपयोग कई प्रमुख कार्यों में करने का प्रस्ताव रखा है। इसमें मुख्य रूप से – मशीनरी और उपकरणों की खरीद के लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर, बकाया कर्ज के एक हिस्से का भुगतान, कंपनी की वर्किंग कैपिटल की जरूरतें हैं। इसके अलावा, जुटाई गई राशि का एक हिस्सा कंपनी के सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा।
कंपनी का कारोबार
एयरफ्लो रेल टेक्नोलॉजी लिमिटेड की स्थापना दिसंबर 1998 में हुई थी। यह कंपनी भारतीय रेल के रोलिंग स्टॉक (ट्रेन के डिब्बों और उनसे जुड़े उपकरणों) के लिए कंपोनेंट्स का निर्माण करती है। कंपनी का संचालन इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) और अन्य कोच फैक्ट्रियों जैसे उत्पादन इकाइयों के माध्यम से होता है। रेलवे सेक्टर के अलावा, यह कंपनी एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर के लिए भी अहम पार्ट्स का निर्माण करती है। एयरफ्लो रेल टेक्नोलॉजी ने अब तक कई बड़े प्रोजेक्ट्स में काम किया है, जैसे – श्रीलंका DEMU ट्रेन, मेनलाइन कोचेस, आगरा-कानपुर मेट्रो, आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम), विस्टाडोम कोचेस और भारत की हाई-टेक ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस। इन प्रोजेक्ट्स में कंपनी ने न केवल रोलिंग स्टॉक कंपोनेंट्स बनाए हैं बल्कि इंटीरियर प्रोजेक्ट्स का प्रबंधन भी किया है।





