SBI के बाद बैंक ऑफ इंडिया ने अनिल अंबानी का नाम, रिलायंस कम्युनिकेशंस से जुड़ा है मामला, आई सफाई
संक्षेप: भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के बाद, बैंक ऑफ इंडिया (Bank Of India) ने भी दिवालिया हो चुकी रिलायंस कम्युनिकेशंस के लोन अकाउंट को धोखाधड़ी वाला घोषित किया है और इस मामले में कंपनी के पूर्व डायरेक्टर अनिल अंबानी का नाम भी लिया है।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के बाद, बैंक ऑफ इंडिया (Bank Of India) ने भी दिवालिया हो चुकी रिलायंस कम्युनिकेशंस के लोन अकाउंट को धोखाधड़ी वाला घोषित किया है और इस मामले में कंपनी के पूर्व डायरेक्टर अनिल अंबानी का नाम भी लिया है। शेयर बाजार को दी जानकारी में बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) ने 2016 में कथित तौर पर धन के हेरफेर का हवाला दिया है।
कंपनी का बयान
कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि पब्लिक डोमेन में उपलब्ध खुलासों और रिकॉर्ड के अनुसार, बैंक ऑफ इंडिया द्वारा अनिल डी. अंबानी के साथ रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम) के ऋण खाते को वर्गीकृत करने की कार्रवाई, 10 साल से भी ज़्यादा पुराने मामले से संबंधित है। अनिल अंबानी आरकॉम के बोर्ड में केवल एक गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यरत थे और उन्होंने छह साल पहले, 2019 में, इस पद से इस्तीफा दे दिया था। कंपनी के दैनिक संचालन या निर्णय लेने में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। फिर भी अंबानी को चुनिंदा रूप से निशाना बनाया जा रहा है। बयान में आगे कहा गया है कि वर्तमान में रिलायंस कम्युनिकेशंस का प्रबंधन एसबीआई के नेतृत्व वाली और एक समाधान पेशेवर की देखरेख में लेनदारों की एक समिति की देखरेख में किया जा रहा है। यह मामला पिछले छह वर्षों से एनसीएलटी और माननीय सर्वोच्च न्यायालय सहित अन्य न्यायिक मंचों के समक्ष विचाराधीन है। अनिल अंबानी सभी आरोपों का स्पष्ट रूप से खंडन करते हैं और कानूनी सलाह के अनुसार अपने लिए उपलब्ध उपायों का पालन करेंगे
पब्लिक सेक्टर के बैंक बीओआई ने अगस्त 2016 में रिलायंस कम्युनिकेशंस को उसके चालू कैपिटल एक्सपेंडिचर और ऑपरेटिंग एक्सपेंडिचर तथा मौजूदा देनदारियों के भुगतान के लिए 700 करोड़ रुपये का लोन दिया था। रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बैंक के पत्र के बारे में बताया है। इसके अनुसार अक्टूबर 2016 में जारी की गई स्वीकृत राशि का आधा हिस्सा एक सावधि जमा में निवेश किया गया था, जिसकी स्वीकृति पत्र के अनुसार अनुमति नहीं थी।
आरकॉम ने लिखा था एक लेटर
आरकॉम ने कहा कि उसे 22 अगस्त को बैंक ऑफ इंडिया से आठ अगस्त का एक पत्र मिला है, जिसमें बैंक द्वारा “कंपनी, अनिल अंबानी (कंपनी के प्रवर्तक और पूर्व निदेशक) और मंजरी अशोक कक्कड़ (कंपनी की पूर्व निदेशक) के लोन खातों को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत करने” के फैसले की जानकारी दी गई है।
इससे पहले, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने भी इस साल जून में ऐसा ही किया था, जिसमें लोन की शर्तों का उल्लंघन करते हुए लेनदेन करके बैंक के धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया था। एसबीआई की शिकायत के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को रिलायंस कम्युनिकेशंस और अंबानी के आवास से जुड़े परिसरों की तलाशी ली।
अनिल अंबानी ने किया है आरोपों का खंडन
सीबीआई ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक ने रिलायंस कम्युनिकेशंस और अनिल अंबानी द्वारा कथित हेराफेरी के चलते 2,929.05 करोड़ रुपये के नुकसान का दावा किया है। इसके बाद केंद्रीय जांच एजेंसी ने शिकायत दर्ज की। अनिल अंबानी के प्रवक्ता ने एक बयान में “सभी आरोपों और अभियोगों का पुरजोर खंडन किया” और कहा कि वह “अपना बचाव करेंगे।” प्रवक्ता ने कहा, “एसबीआई द्वारा दर्ज की गई शिकायत 10 साल से भी ज्यादा पुराने मामलों से संबंधित है। उस समय अंबानी कंपनी के गैर-कार्यकारी निदेशक थे और कंपनी के दैनिक प्रबंधन में उनकी कोई भूमिका नहीं थी।”





