
अडानी समूह की कंपनी से बाहर निकलेगी फ्रांस की यह दिग्गज फर्म, शेयर में गिरावट
संक्षेप: भारत में टोटलएनर्जीज के रिन्यूएबल पोर्टफोलियो का लगभग 25% हिस्सा अडानी ग्रुप के साथ संयुक्त उपक्रमों और अडानी ग्रीन एनर्जी में सीधे हिस्सेदारी से आता है। अडानी समूह की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयर आज करीबन 2 पर्सेंट तक टूटकर 1,023 रुपये पर आ गए थे।
Adani Green Energy Share: अडानी समूह की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयर आज मंगलवार को कारोबार के दौरान फोकस में रहे। कंपनी के शेयर आज करीबन 2 पर्सेंट तक टूटकर 1,023 रुपये पर आ गए थे। शेयरों में इस गिरावट के पीछे एक खबर है। दरअसल, फ्रांसीसी एनर्जी कंपनी टोटलएनर्जीज (TotalEnergies) अपने रिन्यूएबल एनर्जी के निवेशों को अमेरिका, ब्राजील और यूरोप के बाहर बेचने का फैसला किया है। इसके तहत कंपनी भारत से भी बाहर जाएगी। भारत में टोटलएनर्जीज के रिन्यूएबल पोर्टफोलियो का लगभग 25% हिस्सा अडानी ग्रुप के साथ संयुक्त उपक्रमों और अडानी ग्रीन एनर्जी में सीधे हिस्सेदारी से आता है।
क्या है डिटेल
टोटलएनर्जीज के सीईओ पैट्रिक पुइयाने (Patrick Pouyanne) ने कहा कि अडानी ग्रीन एनर्जी एक मजबूत और बढ़ती हुई कंपनी है, लेकिन भविष्य में टोटलएनर्जीज अपनी ग्रीन ऊर्जा पोर्टफोलियो को अडानी के साथ बढ़ाएगा नहीं। उन्होंने कहा, “मैं अपनी हिस्सेदारी अडानी ग्रीन में बेचकर बहुत खुश रहूंगा।” पुइयाने ने यह भी बताया कि यह हिस्सेदारी लगभग 2 बिलियन डॉलर में खरीदी गई थी, और अब इसकी कीमत लगभग 8 बिलियन डॉलर है। इसके अलावा, टोटलएनर्जीज ने कैपेक्स यानी पूंजीगत खर्च में कटौती की योजना भी घोषित की है। 2027 से 2030 तक सालाना खर्च 1 बिलियन डॉलर कम करके 15–17 बिलियन डॉलर प्रति साल किया जाएगा। यह कदम कंपनी के 7.5 बिलियन डॉलर बचाने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है।
कंपनी की योजना
टोटलएनर्जीज ने घोषणा की है कि वह 2027 से सालाना पूंजीगत खर्च में 1 बिलियन डॉलर की कटौती करेगी। इसके बाद कंपनी का सालाना खर्च 15–17 बिलियन डॉलर के बीच रहेगा। कंपनी का यह कदम 7.5 बिलियन डॉलर बचाने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है। कमजोर तेल कीमतों के कारण तिमाही शेयर बायबैक भी धीमा कर दिया गया है। सीईओ पैट्रिक पुइयाने ने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि, “हम कम कैपेक्स और ओपेक्स में भी समान विकास कर सकते हैं।” कंपनी ने यह लक्ष्य रखा है कि 2030 तक तेल, गैस और बिजली उत्पादन में सालाना 4% की वृद्धि की जाएगी, जबकि संचालन से होने वाले उत्सर्जन में कमी की जाएगी।





