
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर, सरकार ने पेंशन पर दी बड़ी राहत
संक्षेप: सरकार के इस कदम से कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के तुरंत बाद आर्थिक सुरक्षा मिलेगी। यह निर्णय खास तौर पर उन कर्मचारियों के लिए राहतभरा है, जो किसी कारणवश नौकरी पूरी होने से पहले ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेना चाहते हैं।
7th Pay Commission: केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने आश्वासन दिया है कि UP S (Unified Pension Scheme) के तहत अगर कोई कर्मचारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेता है, तो उसे तुरंत पेंशन का लाभ मिलेगा। पहले ऐसी स्थिति में कर्मचारियों को पेंशन पाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था। लेकिन अब सरकार के इस कदम से कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के तुरंत बाद आर्थिक सुरक्षा मिलेगी। यह निर्णय खास तौर पर उन कर्मचारियों के लिए राहतभरा है, जो किसी कारणवश नौकरी पूरी होने से पहले ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेना चाहते हैं। बता दें कि यह बात फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में कही गई है।

यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) पर उठे सवाल
जब केंद्र सरकार ने लगभग 24 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के विकल्प के रूप में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) पेश की, तो कर्मचारी यूनियनों और विशेषज्ञों ने इसमें कई खामियां गिनाईं। इनमें से एक बड़ी चिंता यह थी कि अगर कोई कर्मचारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेता है, तो उसे वास्तविक सेवानिवृत्ति की उम्र तक पेंशन लाभ नहीं दिया जाएगा।
NPS बनाम UPS पर कर्मचारियों की मांग
केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के बड़े वर्ग तथा उनकी यूनियनों की लंबे समय से मांग रही है कि नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) को खत्म किया जाए। NPS को 2004 में लागू किया गया था, जब सरकार ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) को बंद कर दिया था। हालांकि, सशस्त्र बलों को NPS से बाहर रखा गया था। लगातार बढ़ती मांगों को देखते हुए केंद्र सरकार ने पिछले साल यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की घोषणा की, जिसमें NPS और OPS की कुछ विशेषताओं को मिलाकर नया विकल्प तैयार किया गया। लेकिन लॉन्च के 5 महीने बाद भी UPS को खास सफलता नहीं मिली है। अब तक केवल करीब 1% कर्मचारी ही इस नई स्कीम को अपनाने के लिए आगे आए हैं, जबकि बड़ी संख्या में कर्मचारी अभी भी OPS की बहाली की मांग कर रहे हैं। यही प्रावधान कर्मचारियों में असंतोष का कारण बना और सरकार से इसे बदलने की मांग की गई।
UPS और VRS पर कर्मचारियों की चिंता
कर्मचारी यूनियनों ने कई मुद्दे उठाए हैं, जिनमें सबसे अहम है VRS (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) लेने वाले कर्मचारियों को पेंशन मिलने में होने वाली देरी। पिछले महीने सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ (GENC) ने पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) के सचिव से मुलाकात की। GENC, जो भारतीय मजदूर संघ (BMS) से जुड़ा संगठन है, ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) से जुड़े कई अहम मुद्दे रखे। सबसे बड़ी समस्या यह बताई गई कि अगर कोई कर्मचारी UPS के तहत VRS लेता है, तो उसे पेंशन का लाभ तभी मिलेगा जब वह 60 साल की उम्र (सुपरएन्नुएशन) पूरी करेगा। यानी सेवानिवृत्ति के बाद कई सालों तक बिना पेंशन गुजारा करना पड़ेगा। इस पर सरकार ने आश्वासन दिया कि विभाग जल्द ही स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करेगा और इस समस्या का समाधान खोजने की कोशिश की जाएगी।
UPS चुनने की आखिरी तारीख
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) चुनने की नई अंतिम तारीख 30 सितंबर 2025 तय की गई है। पहले इसकी डेडलाइन 30 जून 2025 थी, लेकिन बाद में इसे 90 दिन बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया गया, ताकि कर्मचारियों को इसमें जुड़ने का एक और मौका मिल सके। सरकार ने अधिक कर्मचारियों को आकर्षित करने के लिए इस स्कीम में कुछ नए फीचर्स भी जोड़े हैं। अब UPS में कर्मचारियों को एक बार NPS में स्विच करने की सुविधा दी जाएगी। हालांकि, यह फैसला सेवानिवृत्ति से एक साल पहले या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) से तीन महीने पहले, जो भी पहले हो, उसी समय तक लेना होगा।





