ट्रांजेक्शन से जुड़ी फीस से बीमा प्रीमियम तक, GST काउंसिल की बैठक में हुए ये बड़े फैसले
- 54th GST Council Meeting: GST Council Meeting: गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) काउंसिल की 54वीं बैठक में आज सोमवार को कई अहम ऐलान किए गए हैं।
GST Council Meeting: गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) काउंसिल की 54वीं बैठक में आज सोमवार को कई अहम ऐलान किए गए हैं। GST काउंसिल ने ₹2000 से कम के ट्रांजेक्शन के मर्चेंट फीस पर 18% GST लगाने के मामले को फिटमेंट कमेटी को भेज दिया है। वर्तमान में पेमेंट एग्रीगेटर्स को 2,000 रुपये से कम की राशि के लेनदेन पर जीएसटी का भुगतान करने से छूट है। मीटिंग के बीच उत्तराखंड वित्त मंत्री ने बताया कि तीर्थ यात्रा पर जीएसटी घटाकर 5% कर दिया गया है। इस बीच खबर है कि काउंसिल की बैठक में बीमा प्रीमियम पर GST लगाए जाने के फैसले को टाल दिया गया है। अगली बैठक में इस मामले पर विचार किया जाएगा। खबर है कि जीएसटी काउंसिल ने स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी पर GST दर की विस्तार से जांच करने के लिए मंत्रियों का एक समूह गठित किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता और राज्य मंत्रियों की मौजूदगी वाली जीएसटी परिषद की 54वीं बैठक इस समय दिल्ली में चल रही है। बता दें कि जीएसटी परिषद की अध्यक्ष वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण हैं और इसमें राज्यों के मंत्री शामिल हैं।
स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर अहम फैसला
जीएसटी काउंसिल स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी की दर को मौजूदा 18 प्रतिशत से कम करने पर व्यापक रूप से सहमत हो गई है लेकिन इस पर अंतिम फैसला अगली बैठक में लिया जाएगा। सूत्रों ने यह जानकारी दी। टैक्स रेट्स को युक्तिसंगत बनाने की केंद्र और राज्यों के कर अधिकारियों की समिति (फिटमेंट कमेटी) ने सोमवार को जीएसटी परिषद के समक्ष एक रिपोर्ट पेश की। इसमें जीवन, स्वास्थ्य और पुनर्बीमा प्रीमियम पर जीएसटी कटौती के आंकड़े और विश्लेषण दिए गए हैं। एक सूत्र ने कहा, "स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर जीएसटी दर में कटौती पर व्यापक सहमति बन गई है, लेकिन परिषद की अगली बैठक में इसके तौर-तरीकों पर फैसला किया जाएगा।"
सूत्रों ने कहा कि अधिकांश राज्य बीमा प्रीमियम की दरों में कटौती के पक्ष में हैं, क्योंकि मासिक जीएसटी संग्रह में बढ़ोतरी होने से करदाताओं के अनुकूल उपाय करने की गुंजाइश बनी हुई है। यदि जीएसटी दरें कम की जाती हैं तो यह करोड़ों पॉलिसीधारकों के लिए फायदेमंद होगा क्योंकि प्रीमियम राशि घट जाएगी। जीएसटी आने से पहले बीमा प्रीमियम पर सेवा कर लगता था। वर्ष 2017 में जीएसटी लागू होने पर सेवा कर को जीएसटी प्रणाली में शामिल कर लिया गया था। बता दें कि बीमा प्रीमियम पर टैक्स लगाने का मुद्दा संसद में चर्चा के दौरान उठा था। विपक्षी सदस्यों ने स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम को जीएसटी से छूट देने की मांग की थी। यहां तक कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस मुद्दे पर सीतारमण को पत्र लिखा था।
उत्तराखंड के वित्त मंत्री ने क्या कहा?
उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने संवाददाताओं से कहा, ''केदारनाथ, बद्रीनाथ जैसी धार्मिक यात्राओं पर श्रद्धालुओं को ले जाने वाली हेलिकॉप्टर सेवाओं पर कर को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। पहले इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं थी। अब स्पष्टता होगी।'' अग्रवाल ने कहा कि काउंसिल ने डेबिट और क्रेडिट कार्ड के जरिये 2,000 रुपये तक के छोटे डिजिटल लेनदेन के लिए बिलडेस्क और सीसीएवेन्यू जैसे भुगतान एग्रीगेटरों (पीए) पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने के मुद्दे को कर अनुशंसा समिति के पास भेज दिया है। इस समय भुगतान एग्रीगेटरों को 2,000 रुपये से कम की राशि के लेनदेन पर जीएसटी का भुगतान करने से छूट है। काउंसिल जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के टैक्स पर फिटमेंट समिति की रिपोर्ट पर भी चर्चा कर सकती है।
अगस्त में जीएसटी कलेक्शन 1.75 लाख करोड़ रुपये रहा
बता दें कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में कुल जीएसटी संग्रह 10 प्रतिशत बढ़कर लगभग 1.75 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो घरेलू खपत में वृद्धि को दर्शाता है। पिछले साल अगस्त में माल और सेवा कर (जीएसटी) राजस्व 1.59 लाख करोड़ रुपये था, जबकि इस साल जुलाई में यह 1.82 लाख करोड़ रुपये था। अगस्त 2024 में घरेलू राजस्व 9.2 प्रतिशत बढ़कर लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये हो गया। वस्तुओं के आयात से सकल जीएसटी राजस्व 12.1 प्रतिशत बढ़कर 49,976 करोड़ रुपये रहा।
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