बजट 2024

वित्त मंत्री नर्मिला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट संसद में पेश कर दिया है। मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का यह चुनाव के पहले पेश होने वाला अंतिम बजट है। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद नई सरकार के वित्त मंत्री को केंद्रीय बजट 2024 पेश करना होगा। अप्रैल-मई में चुनाव को देखते हुए बजट 2024 में सरकार से कई बड़े ऐलान की उम्मीद की जा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि इस अंतरिम बजट में सरकार लाभार्थी वर्ग को टारगेट करेगी। बीते कई साल से टैक्सपेयर्स पुराने आयकर स्लैब में बदलाव का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में आयकर स्लैब 2024-25 में बदलाव किए जाने की उम्मीद है। पीएम-किसान सम्मान निधि स्कीम की रकम को बढ़ाए जाने की भी उम्मीद की जा रही है। किसानों के अलावा महिलाओं, छोटे-बड़े कारोबारियों और अन्य वर्ग को भी अंतरिम बजट से बड़ी उम्मीदें हैं।और पढ़ें
सेंसेक्सनिफ्टी
72009.83 (-1.02%)Updated : 19 Mar 2024

बजट और सेक्टर

बजट 2024 FAQs

  • अंतरिम बजट क्या है?

    आगामी एक फरवरी को देश का अंतरिम बजट पेश किया जाएगा। बतौर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह पहला अंतरिम बजट है। यह सामान्य बजट के मुकाबले अलग होता है। लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर सरकार कुछ महीनों के लिए इस बजट को पेश करती है। सामान्य बजट के लिए पर्याप्त समय नहीं होने या चुनाव जल्द ही होने की वजह से सरकार अंतरिम बजट पेश करती है। यह नई सरकार को बाद में पूर्ण बजट पर निर्णय लेने की अनुमति देता है। चुनाव के बाद सरकार समय पर पूर्ण बजट पेश नहीं कर पाती है, तो उसे नए वित्तीय वर्ष में पैसा खर्च करने के लिए संसद से अनुमति की जरूरत होती है। अंतरिम बजट संसद को तब तक खर्च करने पर सहमति देता है जब तक कि नई सरकार पूर्ण बजट पारित नहीं कर देती। अंतरिम बजट में सरकार नए ऐलान करने के लिए स्वतंत्र है। हालांकि, नई सरकार पूर्ण बजट पेश करते समय अंतरिम बजट के फैसलों को बदल भी सकती है।

  • हलवा सेरेमनी क्या है?

    हर साल बजट पेश होने से कुछ दिन पहले पारंपरिक 'हलवा सेरेमनी' का आयोजन होता है। दरअसल, भारत में किसी भी शुभ काम करने से पहले मुंह मीठा कराने की परंपरा है। इसी परंपरा के तहत बजट पेश होने से पहले हलवा सेरेमनी का आयोजन किया जाता है। यह बजट सत्र के आयोजनों की आधिकारिक शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन कड़ाही में हलवा बनता है और बाद में वित्त मंत्री इसे निकालकर बजट की तैयारी में शामिल सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों को बांटते हैं। यह सेरेमनी अधिकारियों को बाहरी दुनिया से अलग रखने के लिए भी किया जाता है। इसका मकसद बजट के फैसले या नीतियों की गोपनीयता को बनाए रखना होता है। वित्त मंत्री के लोकसभा में अपना बजट भाषण पूरा करने के बाद ही इन अधिकारियों को बाहर निकलने की अनुमति होती है। बता दें कि यह परंपरा दशकों से चली आ रही है। यह कार्यक्रम देश की राजधानी दिल्ली में वित्त मंत्रालय के नॉर्थ ब्लॉक बेसमेंट में होता है, जहां एक विशेष प्रिंटिंग प्रेस भी स्थित है।

  • बजट बनाने वाली टीम में कौन-कौन रहता है?

    आम या अंतरिम बजट को पेश करने से पहले कई महीनों तक इसे बनाने की प्रक्रिया होती है। इस प्रक्रिया में अलग-अलग स्तर के अधिकारी शामिल होते हैं। वैसे तो बजट बनाने की प्रक्रिया में सरकार के हर मंत्रालय से बातचीत की जाती है लेकिन मुख्यतौर पर वित्त सचिव, राजस्व सचिव और व्यय सचिव अहम भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा आर्थिक मामलों के सचिव, मुख्य आर्थिक सलाहकार और निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के अधिकारी भी शामिल होते हैं। इस प्रक्रिया में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के अधिकारियों की भी भूमिका होती है। ये सभी अधिकारी वित्त मंत्री को खर्च और कमाई का अनुमानित ब्यौरा देते हैं। इसके अलावा वित्त मंत्री की बजट के जरिए नीति या फैसले लेने में मदद करते हैं। वहीं, अलग-अलग क्षेत्र के एक्सपर्ट भी बजट टीम में काम करते हैं। टीम को समय-समय पर प्रधानमंत्री का मार्गदर्शन मिलता रहता है। कई बार प्रधानमंत्री या किसी मंत्रालय या फिर संगठनों के सुझाव पर बजट में बदलाव भी किए जाते हैं।