बजट 2021: हवाई अड्डा शुल्क में मिले राहत, सरकार कम करे विमानन उद्योग पर टैक्स
कोरोना संकट से बुरी तरह प्रभावित उड्डयन क्षेत्र के विशेषज्ञ आम बजट को काफी उम्मीदों से देख रहे हैं। माना जा रहा है कि कोरोना संकट से उड्डयन क्षेत्र को उबारने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारणम कर...
कोरोना संकट से बुरी तरह प्रभावित उड्डयन क्षेत्र के विशेषज्ञ आम बजट को काफी उम्मीदों से देख रहे हैं। माना जा रहा है कि कोरोना संकट से उड्डयन क्षेत्र को उबारने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारणम कर छूट समेत कई राहत का ऐलान कर सकती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार बजट में वित्त मंत्री को हवाई ईंधन को जीएसटी के दायरे में लाने का ऐलान करना चाहिए। इसके साथ ही हवाई अड्डों पर लगने वाला शुक्ल को कम करना, ईंधन पर उत्पाद शुल्क घटाना, ओवरफ्लाइट शुल्क में कमी करनी चाहिए।
कंपनियों के लिए आयकर दर घटे
नई दिल्ली स्थित निजी जेट ऑपरेटर, जेटसेटेटो एविएशन के मुख्य कार्यकारी और संस्थापक, कनिका टेकरीवाल ने कहा, बजट मेंट्रैवल कंपनियों के लिए आयकर दर कम करना चाहिए। इसके साथ ही कोरोना संकट से पूरी तरह उबरने के लिए एक साल तक कम से कम कर छूट को बढ़ाना चाहिए। इसके साथ जी निजी चार्टर या वाणिज्यिक उड़ानों से यात्रा पर जीएसटी की दर 5% करना चाहिए जिससे यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी।
21 हजार करोड़ का नुकसान होने की आशंका
रेटिंग एजेंसी इकरा के अुनुसार, चालू वित्त वर्ष में कोरोना संकट के कारण विमानन उद्योग को करीब 21 हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ सकता है। वहीं, वित्त वर्ष 2021 से वित्त वर्ष 23 तक इस नुकसान की भरपाई और कारोबार बढ़ाने के लिए 37 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त रकम की जरूरत होगी।
वित्त मंत्री को भेजे गए कई प्रस्ताव
एयरलाइन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि विमानन उद्योग द्वारा कई प्रस्ताव, जैसे कि एयरलाइनों के लिए आसान नियम, घाटे में चलने वाले मार्गों पर उड़ानों को संचालित करने और टिकट की कीमत तय करने का अधिकार भेजे गए हैं। इस साल कोरोना को देखते हुए कुछ अहम सुझावों को लेकर मंजूरी मिलने की उम्मीद है। अगर, सरकार द्वारा कोई ठोस कदम उठाए गए तो विमानन क्षेत्र को जल्द रनवे पर लौटने में मदद मिलेगी।