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Hindi News बजट 2020अरुण जेटली और यशवंत सिन्हा के बजट भाषण को समझना सबसे कठिन, बहुत कम है पठनीयता का स्कोर

अरुण जेटली और यशवंत सिन्हा के बजट भाषण को समझना सबसे कठिन, बहुत कम है पठनीयता का स्कोर

भारत ने अलग-अलग तरह के वित्त मंत्री देखे हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था पर सर्वाधिक छाप छोड़ने वाले करीब 9 मंत्रियों ने 51 बजट भाषण पेश किए हैं। उदारीकरण के दौर में सरकार की भूमिका और बजट भाषणों का महत्व कम...

अरुण जेटली और यशवंत सिन्हा के बजट भाषण को समझना सबसे कठिन, बहुत कम है पठनीयता का स्कोर
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीWed, 29 Jan 2020 10:44 AM
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भारत ने अलग-अलग तरह के वित्त मंत्री देखे हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था पर सर्वाधिक छाप छोड़ने वाले करीब 9 मंत्रियों ने 51 बजट भाषण पेश किए हैं। उदारीकरण के दौर में सरकार की भूमिका और बजट भाषणों का महत्व कम हो गया है, भाषणों में वृद्धि हुई है। वर्तमान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पहले बजट भाषण में लगभग 11,000 शब्द इस प्रवृत्ति को रेखांकित करते हैं। जैसे-जैसे भाषण लम्बे और व्यापक होते जा रहे हैं, वैसे-वैसे कम पठनीय होते जा रहे हैं।

फ्लेस्क किनकैड के अनुसार, बजट भाषणों को पढ़ना समय के साथ कठिन होता जा रहा है। अंग्रेजी भाषा के बजट पाठ की पठनीयता को आंकने के लिए फ्लेस्क किनकैड स्कोर का इस्तेमाल किया जाता है। शून्य से 100 अंकों तक के पैमाने पर पठनीयता को आंका जाता है। इस स्कोर पर अगर देखें, तो अरुण जेटली और यशवंत सिन्हा के बजट भाषण को समझना सबसे कठिन होता था। इनकी पठनीयता का स्कोर क्रमश: 52 और 54 से भी कम था। इस पैमाने पर सर्वाधिक स्कोर 62 सी डी देशमुख को और 61 स्कोर मोरारजी देसाई को मिलता है। इससे पता चलता है कि पहले के समय के पेश बजट भाषण जनता के लिए ज्यादा पठनीय और बेहतर समझ में आने लायक थे।

आइए देखें किस वित्त मंत्री का बजट भाषण कितना लंबा रहा और उसकी पठनीयता स्कोर क्या है
 
वित्त मंत्री के रूप में पी चिदंबरम ने 1996-97, 1997-98, 2004-05, 2005-06,2006-07,2007-08, 2008-09 और 2013-14 में बजट पेश किया। उनके नाम कुल  8 बजट भाषण हैं। 

प्रणब मुखर्जी ने बजट भाषण ने कुल 7  बजट भाषण 1982-83, 1983-84, 1984-85, 2009-10, 2010-11, 2011-12 और 2012-13 में पेश किए।  आइए देखें उनका बजट भाषण कितना लंबा रहा और उसकी पठनीयता स्कोर क्या है..

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अरुण जेटली ने 2014-15, 2015-16, 2016-17, 2017-18, 2018-19 में कुल 5 बजट भाषण  दिए। आइए देखें उनका बजट भाषण कितना लंबा रहा और उसकी पठनीयता स्कोर क्या है।
 

 

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वित्त मंत्री मनमोहन सिंह द्वारा 1991 में दिया गया भाषण सबसे लंबा लगभग 18,700 शब्दों का था। किसी वित्त मंत्री द्वारा दिए गए भाषण के औसत आकार को देखें, तो यशवंत सिन्हा के भाषणों का आकार सबसे ज्यादा होता था, उनके भाषणों में औसतन लगभग 15,700 शब्द होते थे। इंदिरा गांधी ने वित्त मंत्री के रूप में सबसे छोटा भाषण दिया था। मोरारजी देसाई के भाषणों में औसतन 10,000 शब्द, जबकि वाई बी चव्हाण के भाषण में औसतन 9,300 शब्द होते थे।

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