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बजट 2018-19: 11 फीसदी इजाफा हुआ तो पूरे होंगे कई अधूरे काम

एम्स आएं पटरी पर नए बजट में सरकार के समक्ष चुनौती 14 निर्माणधीन एम्स का त्वरित निर्माण और शुरू हो चुके छह एम्स को पटरी पर लाना भी है। इन एम्स में शिक्षकों एवं डाक्टरों की भारी कमी है। पिछले बजट...

बजट 2018-19: 11 फीसदी इजाफा हुआ तो पूरे होंगे कई अधूरे काम
नई दिल्ली, मदन जैड़ाFri, 19 Jan 2018 04:03 PM
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एम्स आएं पटरी पर

नए बजट में सरकार के समक्ष चुनौती 14 निर्माणधीन एम्स का त्वरित निर्माण और शुरू हो चुके छह एम्स को पटरी पर लाना भी है। इन एम्स में शिक्षकों एवं डाक्टरों की भारी कमी है। पिछले बजट में गुजरात और झारखंड में दो नए एम्स का ऐलान हुआ था। इस बार बिहार में दूसरे एम्स का ऐलान हो सकता है।

खुलें नए अस्पताल

आंकड़ों के अनुसार, 31 मार्च 2015 तक देश में कुल एक लाख 53 हजार 655 उप-स्वास्थ्य केन्द्र, 25308 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और 5396 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र काम कर रहे थे, जो देश की जनंसख्या के लिहाज से काफी कम हैं। राज्यों से भी इसके लिएलगातार मांग होती रही है।

मिटें पांच बीमारियां

कालाजार और फाइलेरिया के लिए 2017, कुष्ठ रोग के लिए 2018 खसरा के लिए 2020 तथा तपेदिक के लिए 2025 की समय सीमा निर्धारित की है। पहला लक्ष्य हासिल नहीं हो पाया है। लेकिन स्वास्थ्य मंत्रलय चाहता है कि बाकी लक्ष्य हासिल हों, इन बीमारियों के लिए आवंटन बढ़ाने की मांग की गई है।

गरीबों का उपचार

राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को एक लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवरेज उपलब्ध कराना था। चालू बजट के दौरान एक हजार करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया। यह योजना शुरू नहीं हो पाई है। इसके जरिये करीब आठ करोड़ परिवारों को कवर किया जाना है।

ट्रॉमा सेंटरों का विस्तार

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रलय की रिपोर्ट के अनुसार देशमें हर घंटे में 55 दुर्घटनाओं में 17 लोगों की मौत होती है। स्वास्थ्य मंत्रलय के मुताबिक, अभी कुल 116 में से 110 ट्रॉमा सेंटर संचालित है। नए ट्रामा सेंटर संचालित करके दुर्घटना में होने वाली मौतों का आंकड़ा कम करना चाहती है। नए सेंटरों के लिए बजट में प्रावधान सरकार कर सकती है।

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