बजट 2018: हर मिनट पर मेजों की थपथपाहट के बीच वित्त मंत्री ने पेश किया बजट
हर मिनट पर मेजों की थपथपाहट और बहुत बढ़िया-बहुत बढि़या तारीफ के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट में आम आदमी से लेकर राष्ट्रपति तक को छुआ। राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति का वेतन बढ़ाने के ऐलान के...
हर मिनट पर मेजों की थपथपाहट और बहुत बढ़िया-बहुत बढि़या तारीफ के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट में आम आदमी से लेकर राष्ट्रपति तक को छुआ। राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति का वेतन बढ़ाने के ऐलान के बीच सत्तापक्ष और विपक्ष की तरफ से एक साथ सांसदों का वेतन बढ़ाने की मांग उठी। यह मांग इतनी तेज थी कि लोकसभा अध्यक्ष को शांत रहने की अपील करनी पड़ी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली हर बार की तरह इस बार भी तय वक्त से पंद्रह मिनट पहले सदन में पहुंच गए थे। पर इससे पहले कई मंत्री दूसरी और तीसरी पंक्ति में पहले ही आकर बैठ गए थे, ताकि वित्त मंत्री बजट पेश करते समय वह कैमरे की नजर में रहे। वित्त मंत्री की पत्नी, बेटा, परिवार के दूसरे सदस्यों सहित कई लोग साढ़े दस बजे की स्पीकर गैलरी में आकर बैठ गए थे।
बजट 2018 -19: इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं
करीब पौने दो घंटे लंबे भाषण का अधिककर हिस्सा वित्त मंत्री ने बैठकर पढ़ा। कई बार पानी पीते हुए उन्होंने अंग्रेजी और हिंदी में अपना 28 पेज का बजट भाषण पढ़ा। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपालों का मानदेय बढ़ाने के ऐलान के फौरन बाद वित्त मंत्री संसदों को जिक्र किया तो सभी को लगा कि वह वेतन बढ़ाने का ऐलान कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को फौरन ‘वैरी गुड’ तक कह बैठे। पर जब कोई बड़ी घोषणा नहीं हुई, तो सभी सदस्य चुप हो गए।
बजट 2018 में रेल: जेटली ने रेलवे को दिए 1 लाख 48 हजार करोड़, जानें ये बड़ी घोषणाएं
बजट भाषण के दौरान टोका-टोकी भी हुई। सबसे पहले तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने किसानों की आत्महत्या का मुद्दा उठाया। बुलेट ट्रेन पर भी विपक्षी सदस्यों ने सवाल उठाए। पर एमएसएमई को राहत देने पर विपक्ष ने हल्ला किया तो वित्त मंत्री अरुण जेटली फौरन बोले की क्या विपक्ष एमएसएमई को बढ़ावा देने के खिलाफ है। यह कहने पर सभी चुप्पी साध गए।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने भाषण में कोई शेर नहीं पढ़ा। जबकि पिछले कई बजट भाषणों में वह अपनी बात कहने के लिए शेर का सहारा लेते रहे हैं। इस बार उन्होंने बजट भाषण की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तारीफ से की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की अगुआई में सरकार ने सुधारों को सफलतापूर्वक लागू किया। जबकि अपने भाषण में स्वामी विवेकानंद के संस्मरण से की। स्वामी विवेकानंद ने यह संस्मरण अपनी यूरोप यात्रा के दौरान की थी।