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बजट 2018: कर कटौती में सुधार से बढ़ सकती है कर्मचारियों की सैलरी

वित्तमंत्री अरुण जेटली ले अपनी सरकार का चौथा बजट आज पेश किया। आम लोगों को इनकम टैक्स में बड़ी राहत और मौजूदा टैक्स स्लैब में बदलाव करने की उम्मीद थी। लेकिन सरकार ने टैक्स स्लैब को पूर्ववत रखा और...

बजट 2018: कर कटौती में सुधार से बढ़ सकती है कर्मचारियों की सैलरी
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्ली Thu, 01 Feb 2018 03:39 PM
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वित्तमंत्री अरुण जेटली ले अपनी सरकार का चौथा बजट आज पेश किया। आम लोगों को इनकम टैक्स में बड़ी राहत और मौजूदा टैक्स स्लैब में बदलाव करने की उम्मीद थी। लेकिन सरकार ने टैक्स स्लैब को पूर्ववत रखा और इसमें  किसी तरह का बदलाव नहीं किया। लेकिन मानक कटौती का नियम लागू कर लोगों को थोड़ी राहत जरूर दी।

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 2005 में बंद हो चुका मानक कटौती नियम फिर से लागू कर दिया। माना जा रहा है कि इससे छोटी आय वाले कर दाताओं को थोड़ी राहत मिलेगी। कहा जा रहा है कि मानक कटौती व्यवस्था लागू से वेतन भोगियों के हाथों में ज्यादा पैसा पहुंचेगा। जो लोग सेल्फ एंप्लायड हैं या बिना वेतन वाले लोग हैं उन्हें भी पहले से ज्यादा वेतन मिलेगा। यहां तक कि खर्च दिखाने के बाद भी जिनका इनकम टैक्स कट जाता है उन्हें भी इससे फायदा होगा। इस नियम से उन्हीं लोगों को फायदा होगा जिनकी आमदी 2.5 से 5 लाख रुपए के बीच है।

क्या है मानक कटौती?

मानक कटौती एक इनकम टैक्स एक्ट 1961 का भाग है जो कि 2005-6 के यूनियन बजट तक रहा है। यह व्यवस्था वेतन पाने वाले लोगों के उन खर्चों को भी मान्यता देता है जो इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आते। इनकम टैक्स से मानक कटौती व्यवस्था को हटाए जाने का मतलब वेतनभोगी वर्ग इनकम टैक्स 'ग्रॉस इनकम' पर भरता है, जबकि दूसरे वर्ग के लोग 'नेट इनकम' पर टैक्स भरते हैं। 

मानक कटौती का नियम लागू होने पर वेतनभोगियों के लिए टैक्स की गणना आसान बना देता है क्योंकि एक निश्चित सीमा तक इनकम पहुंचने के बाद टैक्स सीधा कटने के लगता है। इस नियम के होने पर लोगों को अपना टैक्स बचाने के लिए किसी प्रकार का इनवेस्टमेंट प्रूफ या कोई बिल नहीं देना होता।

मानक कटौती के तहत 75000 रुपए प्रति माह से 5 लाख रुपए प्रति माह पाने वाले कर्मचारी आते हैं। इन कर्मचारियों को 30 हजार रुपए या वेतन का 40 फीसदी, इसमें से जो कम हो वह टैक्स देना होता है। मानक कटौती या स्टैंडर्ड डिडक्शन में 30,000 रूपए की सीमा का नियम 2004-5 के दौरान थी। 

40 हजार होगी मानक कटौती
बजट 2018 से इनकम टैक्स में मानक कटौती का नियम को लागू करते हुए सरकार ने इसकी सीमा 30 हजार रुपए से बढ़कर 40 हजार कर दी है।

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