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कहानी लुधियाना के राजेन्द्र गुप्ता की जिनकी मज़ाक में कही हुई बात अमेज़न हिंदी के साथ सच हो गई

कहते हैं रिश्तों की मिठास बनाए रखने के लिए हमेशा कोशिश करते रहना चाहिए। अपने दोस्तों और परिवार के लोगों को सरप्राइज़ गिफ़्ट देना उन्हें प्यार दिखाने का एक तरीका ही तो होता है। अब वैसे तो हम अक्सर...

कहानी लुधियाना के राजेन्द्र गुप्ता की जिनकी मज़ाक में कही हुई बात अमेज़न हिंदी के साथ सच हो गई
HT Brand Studio,Ludhiana Wed, 14 Jul 2021 08:01 PM

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कहते हैं रिश्तों की मिठास बनाए रखने के लिए हमेशा कोशिश करते रहना चाहिए। अपने दोस्तों और परिवार के लोगों को सरप्राइज़ गिफ़्ट देना उन्हें प्यार दिखाने का एक तरीका ही तो होता है। अब वैसे तो हम अक्सर जन्मदिन और सालगिरह पर एक-दूसरे को गिफ़्ट देते हैं, मगर जब बात आती है शादी की 25वीं सालगिरह की तो ऐसे में कुछ खास करना तो बनता है। और ये बात लुधियाना के राजेन्द्र गुप्ता बखूबी समझते हैं। आखिर तभी तो बीते अप्रैल देश भर में लॉकडाउन होने के बाद भी उन्होनें अपनी पत्नी माया के लिए उनकी 25वीं सालगिरह को बेहद खास बना दिया। इस ख़ास मौके पर उनकी मदद की अमेज़न के हिन्दी विकल्प ने। कुछ साल पहले राजेन्द्र और उनकी पत्नी माया चाय-पकोड़ों का आनंद ले रहे थे, तब बातों-बातों में ही उनकी 25वीं सालगिरह का ज़िक्र हुआ। एक बात से दूसरी बात निकली तो राजेन्द्र ने मज़ाक-मज़ाक में कह दिया कि उनकी 25वीं सालगिरह पर वे दोनों पूरा इंडिया घूमेंगे और शॉपिंग करेंगे। अब उन्हें क्या पता था कि उनकी 25वीं सालगिरह के वक़्त पूरे देश में लॉकडाउन लगा होगा। अभी सालगिरह से एक सप्ताह पहले माया जी ने अपने पति से मज़े में पूछ लिया कि अब कब करेंगे पूरे इंडिया से शॉपिंग?

इस बात को सुनकर राजेन्द्र जी ने भी ठान लिया कि जो वादा किया है, उसे पूरा करके ही रहेंगे। उन्होनें उसी दिन से अपने दोस्तों से  ऐसी दुकान का सुझाव देने को कहा जहां उन्हें देश के हर राज्य की खास चीज़ें मिल सकें। हर जगह फ़ोन करने और कई लोगों से पूछने के बाद भी राजेन्द्र जी को ऐसी कोई दुकान नहीं मिली, इसी बीच उनके एक दोस्त ने उन्हें अमेज़न से रूबरू कराया और कहा, "राजेन्द्र, तुम अमेज़न क्यूं नहीं ट्राई करते, वहां तुम्हें सिर्फ़ देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के हर कोने की चीज़ें आराम से मिल जाएंगी"। 

राजेन्द्र जी अपने दोस्त की बात सुन कर खुश तो हुए, पर इस समाधान को लेकर अब भी उनके मन में काफ़ी सवाल थे, जैसे "मैंने आज तक कभी भी ऑनलाइन शॉपिंग की ही नहीं है, क्या मैं ये कर पाऊंगा? कहीं किसी प्रकार का कोई झंझट तो नहीं होगा? मगर जब उनके दोस्त ने राजेन्द्र जी को अच्छी तरीके से अमेज़न और उसके हिंदी विकल्प के बारे में बताया तब जाकर उनका संकोच कुछ कम हुआ, बस फिर क्या था राजेन्द्र जी ने तुरंत अपने फ़ोन पर अमेज़न ऐप खोला और सामने ही उन्हें अपनी हिन्दी भाषा में शॉपिंग करने का विकल्प मिल गया, जिसे देखकर उनका रहा-सहा डर भी छूमंतर हो गया। राजेन्द्र जी ने महसूस किया कि अमेज़न पर सामान ढूंढने से लेकर उन्हें ऑर्डर करने तक, सब कुछ बेहद आसान है। फिर क्या था, राजेन्द्र ने इंडिया की हर जगह की फेमस चीज़ों को जैसे कांजीवरम साड़ी से लेकर जयपुर के लाख के कंगन तक सब कुछ घर बैठे ही ऑर्डर कर दिया और शादी की 25वीं सालगिरह के लिए अपनी पत्नी माया से किया हुआ वादा स्मार्ट तरीके से निभाया।


 

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