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रवि कपूर ने मेहनत और लगन से लिख दी सफलता की इबारत

डॉ. रवि कपूर का जन्म 1957 में एक ज्वेलर्स परिवार में हुआ था । उनके पिता श्री केशव नाथ कपूर उन्हें व्यापार के बजाय हमेशा पढाई लिखाई की ओर प्रोत्सहित करते थे । डॉ. रवि कपूर ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा...

रवि कपूर ने मेहनत और लगन से लिख दी सफलता की इबारत
लाइव हिन्दुस्तान टीम,KANPUR, UTTAR PRADESHMon, 28 Feb 2022 08:57 PM
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डॉ. रवि कपूर का जन्म 1957 में एक ज्वेलर्स परिवार में हुआ था उनके पिता श्री केशव नाथ कपूर उन्हें व्यापार के बजाय हमेशा पढाई लिखाई की ओर प्रोत्सहित करते थे डॉ. रवि कपूर ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा कानपुर से प्राप्त की। कक्षा 6 से उनका दाखिला बीएनडीएस इंटर कॉलेज में हो गया। यह विद्यालय अपने समय के सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों में एक था। अपने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उतीर्ण की। इसके बाद प्री-मेडिकल एग्जाम की तैयारी की। उस समय मेडिकल एंट्रेंस के लिए C.P.M.T की प्रतियोगी परीक्षा आयोजित होती थी। यह एक कठिन एग्जाम था और पहले प्रयास में कुछ ही नम्बरों से उनका चयन नहीं हुआ। रवि कपूर जी बिना इससे हताश हुए C.P.M.T. की तैयारी में पुनः जुट गए। नतीजा यह था की अगले साल C.P.M.T. में उत्तरप्रदेश में दूसरा और कानपुर में प्रथम स्थान प्राप्त किया।

यह वर्ष था 1975, पूरी मेहनत और लगन से मेडिकल की पढाई में लग गए रवि कपूर। विधि का विधान कुछ अलग ही होता है 1976 में रवि कपूर जी के पिताजी का देहांत कैंसर की बीमारी से हो गया। तब पिताजी की आयु 44 साल की और रवि कपूर जी थे 17 साल के। एक बहुत बड़ा झटका था, माँ की जिम्मेदारी थी। वर्ष 1980 में रवि कपूर जी ने M.B.B.S. की परीक्षा उतीर्ण की और पांच साल में पढ़ाए हुए दस विषयों में से चार में सर्टिफिकेट ऑफ ऑनर हासिल किया पिताजी के रहने का दर्द अभी भी था। इसी समय ज्वेलरी एक्सपोर्ट से सम्बंधित एक अवसर मिला। मन में दुविधा थी कि एमडी की पढ़ाई करें या बिज़नेस। मेडिकल की पढ़ाई से कुछ समय निकाल कर उस समय कुछ ज्वेलरी प्रदर्शनी में दुबई, अबू धाबी और कुवैत में भाग लिया और केस ज्वेल्स की नीव रखी। वर्ष 1990 में U.K और U.S.A. के मार्किट में एक्सपोर्ट के लिए एंट्री की और इस क्षेत्र में लगातार प्रगति करते गए। उस समय यह महसूस किया कि आधुनिक मशीनों से सुसज्जित एक ज्वेलरी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट होनी चाहिये। इसको ध्यान में रखते हुए सन 1995 में केस ज्वेल्स की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना नोएडा में की ये यूनिट उस समय की ज्वेलरी मैन्युफैक्चरिंग की मशीन और हैंडवर्क की एक शानदार इंटीग्रेटेड यूनिट थी। इस मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से एक बेहतर क्वालिटी का प्रोडक्ट बना जो विदेश में और भी लोकप्रिय हुआ। सन 2000 में भारत सरकार ने जेम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (GJEPC ) द्वारा केस जेवेल्स को ज्वेलरी एक्सपोर्ट के लिए सम्मानित किया।

इस समय डॉ. रवि कपूर का ध्यान लोकल ज्वेलरी मार्केट में केस ज्वेल्स को स्थापित करने पर रहा। सन 2003 में केस ज्वेल्स का पहला रिटेल शोरूम बिरहाना रोड पर बना। कानपुर में पहली बार इंटरनेशनल हॉलमार्क स्टैण्डर्ड की ज्वेलरी इसी शोरूम में रखी गयी। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स ने सन 2007 में केस ज्वेल्स को कानपुर का प्रथम पूर्णतया बीआईएस सार्टिफाइड शोरूम घोषित किया।

उपलब्धियां :

उपलब्धियों की इस यात्रा में अनेक बार केस ज्वेल्स को विभिन्न पुरस्कारों से नवाजा गया

सन 2010 में केस ज्वेल्स को राजीव गांधी नेशनल क्वॉलिटी अवॉर्ड से नवाजा गया। यह अवॉर्ड जेम एंड ज्वेलरी सेक्टर में अभी तक किसी भी कंपनी को नहीं मिला है।

केस ज्वेल्स की अभूतपूर्व डिजाइनिंग के लिए वर्ष 2011, 2014 और 2015 में रिटेल ज्वेलर्स इंडिया अवॉर्ड प्रदान किया गया।

केस ज्वेल्स को ज्वेलर्स चॉइस डिजाइन अवॉर्ड सन 2011,2012,2013,2015,1016 और 2019 में प्रदान किया गया।

केस ज्वेल्स का दूसरा शोरूम वर्ष 2010 में NOIDA में स्थापित किया गया।

केस ज्वेल्स को नेशनल ज्वेलरी अवॉर्ड सन 2013 और 2019 में ज्वेलरी डिजाइनिंग के लिए प्रदान किया गया।

साल 2021 में डॉ. रवि कपूर को ईटी इंस्पायरिंग लीडर्स अवॉर्ड से सम्मानित किया गया.

साल 2021 में कानपुर के स्वरुप नगर मे केस ज्वेल्स ने अपना तीसरा शोरूम बनाया। ये शोरूम भव्यता में और ग्राहक सर्विस में अपने आप में एक मिसाल है।

सामाजिक कार्य

डॉ. रवि कपूर जी शिक्षा के उत्थान के लिए कई संस्थाओ को दान देते है

डॉ. रवि कपूर जी ने कई बार प्राइम मिनिस्टर रिलीफ फण्ड में भी योगदान दिया है।

डॉ. रवि कपूर जी पर्यावरण संरक्षण के लिए भी अपना योगदान देते रहते है

डॉ. रवि कपूर जी की पत्नी का योगदान

जहां जीवन के प्रारंभिक वर्षो में पिता केशव नाथ कपूर जी और माता श्रीमती विभा कपूर जी उनके प्रेरणाश्रोत रहे वहीं केस ज्वेल्स को इस मुकाम तक पहुचने में डॉ. रवि कपूर जी की पत्नी श्रीमती विजया कपूर की महत्वपूर्ण भूमिका रही। जानकारी के लिए बता दें कि डॉ. रवि कपूर और श्रीमती विजया कपूर जी की तीन बेटियां है जिनके नाम स्मिता कपूर , सौम्या कपूर एवं देविका कपूर हैं।

विजया कपूर जी को वर्ष 2014 में MSME द्वारा वुमन एंटरप्रेन्योर ऑफ दी ईयर के पुरस्कार से सम्मानित किया गया वर्ष 2015 में भारत सरकार के जेम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (GJEPC ) द्वारा श्रीमती विजया कपूर जी को वुमन एंटरप्रेन्योर के पुरस्कार से नवाजा गया।

भविष्य की योजना

डॉ. रवि कपूर जी कानपुर में ज्वेलरी के और नए आउटलेट स्थापित करना चाहते है। इसके साथ ही विदेश में भी अपना निर्यात बढाना चाहते है।

युवाओं के लिए सन्देश

डॉ. रवि कपूर जी युवाओं को सन्देश देते हुए यह कहते है कि किसी भी कार्य को पूरी लगन एवं मेहनत से किया जाये तो सफलता निश्चित है। अगर कभी सफलता मिले तो दोगुने जोश से दुबारा लक्ष्य हासिल करने का प्रयास करना चाहिये। एक लक्ष्य हासिल करने के बाद अगला लक्ष्य तय करें ताकि जीवन में नवीनता का संचार होता रहे

 

(इस लेख में किए गए दावों की सत्यता की पूरी जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति/संस्थान की है।) 

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