झारखंड में एनटीपीसी का अभिनव प्रयास: एयर कूल्ड कंडेनसर से जल और पर्यावरण की सुरक्षा की ओर बढ़ाया कदम
भारत सरकार की एनटीपीसी लिमिटेड देश की सबसे बड़ी विद्युत निर्माता महारत्न कंपनी है जिसकी स्थापना 1975 में हुई थी। यह कंपनी देशभर में थर्मल, हाइड्रो, सोलर, और विंड पावर प्लांट्स के माध्यम से बिजली उत्प
भारत सरकार की एनटीपीसी लिमिटेड देश की सबसे बड़ी विद्युत निर्माता महारत्न कंपनी है जिसकी स्थापना 1975 में हुई थी। यह कंपनी देशभर में थर्मल, हाइड्रो, सोलर, और विंड पावर प्लांट्स के माध्यम से बिजली उत्पादन करती है। एनटीपीसी का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है और यह अपने उच्च गुणवत्ता वाले विद्युत उत्पादन और पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता के लिए जानी जाती है। कंपनी का उद्देश्य देश को विश्वसनीय और किफायती बिजली प्रदान करना है, जिससे भारत की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान हो। एनटीपीसी की भूमिका भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने में अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
नॉर्थ करणपुरा में 2 पावर प्लांट यूनिट्स का संचालन
एनटीपीसी (नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन) झारखण्ड चतरा जिले के नॉर्थ करणपुरा में 2 पावर प्लांट यूनिट्स का संचालन कर रहा है। इस पावर प्रोजक्ट की कुल नियोजित क्षमता 1980 मेगावाट है। यह पिट हेड प्रोजेक्ट है, जिससे लिए कोयले की आपूर्ति निकटवर्ती खाद्यान्न से की जाती है। जिससे देश के लोगों को कम दर पर बिजली आपूर्ति संभव हो पाता है। नॉर्थ करणपुरा पावर प्लांट को एक ऐसी तकनीक से लैस किया गया है, जो पर्यावरण के प्रति एनटीपीसी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस पावर प्लांट में एयर कूल्ड कंडेनसर (एसीसी) का उपयोग किया जाता है, जो पारंपरिक कूलिंग प्रणालियों की तुलना में जल की खपत को 60 - 70 प्रतिशत तक कम कर देता है।
झारखण्ड को होगा बड़ा लाभ- एनटीपीसी के इन प्रोजेक्ट्स से झारखण्ड राज्य को पर्याप्त बिजली की आपूर्ति हो रही है। नॉर्थ करणपुरा से उत्पन्न होने वाली विद्युत का 25.25 प्रतिशत हिस्सा झारखण्ड को , जबकि 34.75 प्रतिशत बिहार, 20 प्रतिशत ओडिशा, 5 प्रतिशत पश्चिम बंगाल और शेष 15 प्रतिशत अन्य राज्यों को दिया जाएगा।
एयर कूल्ड कंडेनसर का अद्वितीय प्रयोगनॉर्थ करणपुरा देश का पहला एयर कूल्ड कंडेनसर एसीसी तकनीक के साथ तैयार किया जा रहा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्रोजेक्ट है। इस तकनीक के तहत प्लांट की मशीनों को ठंडा करने के लिए हवा का प्रयोग किया जाता है, जिससे जल की खपत 60 से 70 प्रतिशत तक कम हो जाती है। इस जल संरक्षण तकनीक के कारण क्षेत्रीय जल संसाधनों पर दबाव कम होता है और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में भी सहायता मिलती है।
वर्षा जल संचयन की पहल- एनटीपीसी झारखण्ड में जल संरक्षण के प्रयासों के तहत वर्षा जल संचयन का भी कार्य किया जा रहा है। यहां वर्षा के पानी को संचित कर उसका उपयोग प्लांट के विभिन्न कार्यों में किया जाता है, जिससे जल संसाधनों का कुशल उपयोग सुनिश्चित होता है।
एफजीडी प्रोजेक्ट के माध्यम से कार्बन उत्सर्जन में कमी- पर्यावरण संरक्षण के लिए विभिन्न सेक्टर्स अपने प्रयास तेज कर रहे हैं। मसलन ऑटोमोबाइल सेक्टर में इलेक्ट्रिक वाहनों का विकास, उत्सर्जन में कमी, और नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग इन प्रयासों का हिस्सा हैं। कंपनियां अधिक स्थायी प्रौद्योगिकियों को अपनाकर पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने में सक्रिय रूप से योगदान दे रही हैं।
इसी क्रम में पर्यावरण की रक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए, एनटीपीसी झारखण्ड फ्लू गैस डीसल्फराइजेशन (एफजीडी) प्रोजेक्ट बना रहा है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित करना है। इसके जरिए सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) और नाइट्रस ऑक्साइड (N₂O) जैसी हानिकारक गैसों के उत्सर्जन को कम किया जाएगा, जिससे वायु प्रदूषण में काफी हद तक कमी आएगी।
सी.एस.आर. के तहत किए गए सामाजिक कार्य- एनटीपीसी झारखण्ड सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत भी कई महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। कंपनी ने क्षेत्रीय विकास को ध्यान में रखते हुए शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, सांस्कृतिक गतिविधियों, इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्राम विकास से संबंधित कई परियोजनाओं को अंजाम दिया है। सामुदायिक भवन, मास्ट लाइट, स्ट्रीट लाइट, पानी की टंकियों का निर्माण, सौर ऊर्जा आधारित जल पंप प्रणाली की आपूर्ति, और मोबाइल मेडिकल यूनिट्स (एमएमयू) की व्यवस्था शामिल हैं।
सी.एस.आर. गतिविधियों में अग्रणी- सीएसआर के अंतर्गत एनटीपीसी के द्वारा कई सामाजिक कार्य किए गए हैं। इसमें शिक्षा, लोक कल्याण, खेल एवं सांस्कृतिक, इंफ्रास्ट्रक्चर एवं ग्राम विकास संबंधी कई गतिविधियां शामिल हैं।
एनटीपीसी (नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन) द्वारा अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के तहत निम्नलिखित महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं:
* पानी की टंकी का निर्माण:
समुदाय की जल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एनटीपीसी ने एक पानी की टंकी का निर्माण कराया, जिससे लोगों को स्वच्छ पेयजल की सुविधा मिल सके।
* हरिजन टोला में बहुउद्देशीय हॉल का निर्माण:- सामाजिक समानता और सामुदायिक विकास को बढ़ावा देने के लिए, एनटीपीसी ने हरिजन टोला में एक बहुउद्देशीय हॉल का निर्माण कराया। इस हॉल का उपयोग विभिन्न सामुदायिक गतिविधियों और कार्यक्रमों के लिए किया जा सकेगा।
* तालाब में सीढ़ियों का निर्माण:- तालाब तक पहुंच को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए सीढ़ियों का निर्माण कराया गया, जिससे लोग आसानी से पानी की पहुंच प्राप्त कर सकें।
* संस्कृति को संरक्षित करने लिए आर्थिक सहायता:- झारखण्ड के मूल निवासियों की संस्कृति को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए समय-समय पर आर्थिक सहायता दी।
सरकारी अस्पतालों के लिए एम्बुलेंस :- सरकारी अस्पतालों के लिए जिला प्रशासन को एम्बुलेंस उपलब्ध कराई गईं, जिसकी लगत 80 लाख रुपये थी।
* आईसीयू बेड और ऑक्सीजन प्लांट लगवाया : एनटीपीसी नॉर्थ करणपुरा के आर्थिक सहयोग से स्थानीय सरकारी हेल्थ सेंटर में मरीजों के लिए आईसीयू बेड और ऑक्सीजन प्लांट लगवाया गया।
* पीसीसी सड़क का निर्माण:- ग्रामीण या शहरी क्षेत्रों में यातायात सुगम बनाने के लिए एनटीपीसी ने पीसीसी (Plain Cement Concrete) सड़क का निर्माण किया, जिससे यातायात की सुविधाएं और बेहतर हो सकें।
* शौचालय का निर्माण: स्वच्छता और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए, एनटीपीसी ने शौचालयों का निर्माण किया, जिससे सामुदायिक स्वास्थ्य में सुधार हो सके और स्वच्छ भारत अभियान को भी बढ़ावा मिल सके।
* सौर ऊर्जा आधारित पंप प्रणाली की आपूर्ति: स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करते हुए, एनटीपीसी ने सौर ऊर्जा आधारित पंप प्रणाली की आपूर्ति की, जिससे किसानों और अन्य उपयोगकर्ताओं को पानी की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
* मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) की भर्ती: स्वास्थ्य सेवाओं को ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए एनटीपीसी ने मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) की व्यवस्था की, जिससे समुदाय को आसानी से चिकित्सा सेवाएं मिल सकें।
* ब्लॉक परिसर में आवासीय परिसरों के लिए एक अलग डीप बोरिंग प्रदान किया गया है: पानी की समस्या को हल करने और आवासीय परिसरों में पानी की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एनटीपीसी ने डीप बोरिंग की सुविधा प्रदान की।
* चतरा में बैरक हॉल का जीर्णोद्धार कार्य: चतरा में पुलिस या सुरक्षा बलों के लिए बैरक हॉल का जीर्णोद्धार कराके एनटीपीसी ने सुरक्षा और सुविधा को बेहतर बनाने की दिशा में योगदान दिया।
* चतरा जिले में राजकीय इटखोरी महोत्सव-2023 में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन: चतरा जिले में एनटीपीसी ने राजकीय इटखोरी महोत्सव-2023 में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया, जिससे स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा मिला और समुदाय में उत्साह का संचार हुआ।
ये कार्य एनटीपीसी की सीएसआर पहल का हिस्सा हैं, जो समाज के समग्र विकास और कल्याण में योगदान करते हैं।
पौधारोपण और पर्यावरण संरक्षण -पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एनटीपीसी झारखण्ड ने एक और बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने पावर प्लांट के आसपास के क्षेत्रों में 10 हजार पौधे लगाने की योजना बनाई है। इससे न केवल क्षेत्रीय हरियाली को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय पर्यावरण भी संतुलित रहेगा।
भविष्य की योजनाएं
एनटीपीसीनॉर्थ करणपुरा अभी 2 यूनिट्स का संचालन कर रहा है। यहां पहला यूनिट का वाणिज्यक संचालन 1 मार्च 2023 से प्रारंभ हो चुका है। वहीं यूनिट-2 का वाणिज्यक संचालन भी मार्च 2024 से शुरू कर दिया गया है। जबकि यूनिट-3 का संचालन इस वित्तीय वर्ष से होने की संभावना है। यहां सभी यूनिट्स में 660 मेटावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है।
संक्षेप में: एनटीपीसी नॉर्थ करणपुरा ने अपने पावर प्लांट्स के संचालन में पर्यावरण संतुलन और जल संरक्षण को प्राथमिकता दी है। एयर कूल्ड कंडेनसर और वर्षा जल संचयन जैसी तकनीकों का प्रयोग कर कंपनी ने जल संसाधनों का संरक्षण सुनिश्चित किया है, जो भविष्य में झारखण्ड के विकास और पर्यावरणीय संतुलन को बढ़ावा देगा।