फोटो गैलरी

अगला लेख

अगली खबर पढ़ने के लिए यहाँ टैप करें

Hindi News ब्रांड स्टोरीज़कई कारणों से हो रहा ब्रेस्ट कैंसर, अनदेखा न करें संकेत : डॉ. विभोर महेंद्रू

कई कारणों से हो रहा ब्रेस्ट कैंसर, अनदेखा न करें संकेत : डॉ. विभोर महेंद्रू

कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जो बहुत ही शांत तरीके से शरीर पर अपना कब्जा जमाना शुरू कर देती है और धीरे-धीरे पूरी तरह अपनी चपेट में ले लेती है।

कई कारणों से हो रहा ब्रेस्ट कैंसर, अनदेखा न करें संकेत : डॉ. विभोर महेंद्रू
Anant JoshiBrand PostFri, 27 Sep 2024 05:53 PM
ऐप पर पढ़ें

कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जो बहुत ही शांत तरीके से शरीर पर अपना कब्जा जमाना शुरू कर देती है और धीरे-धीरे पूरी तरह अपनी चपेट में ले लेती है। कैंसर का डर इतना है कि लोग इस बीमारी के लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं। कैंसर युक्त गांठ अत्यंत घातक होती है और असाधारण एवं तीव्र गति से आकार में बढ़ती है और दूसरे अंग को प्रभावित करती है।

डॉ. विभोर महेंद्रू बताते हैं कि  महिलाओं के लिए स्तन कैंसर एक बड़ी समस्या है। स्तन कैंसर के मामले देर से पता लगाने के कारण मृत्यु दर बढ़ रही है। स्तन कैंसर स्तन कोशिकाओं की अनियंत्रित बढ़ौतरी है। आमतौर पर लौब्यूल्स और दुग्ध नलिकाओं में घुसकर, वे स्वस्थ कोशिकाओं पर आक्रमण करते हैं और शरीर के अन्य भागों में फैल जाते है। कुछ ह मामलो में, स्तन कैंसर स्तन के अन्य उत्तकों को भी प्रभावित कर सकता है। आमतौर पर देखा गया है कि करीब 28 महिलाओं में से एक महिला को ब्रेस्ट कैसर की आशंका हो सकती है।

अनदेखा न करें ये पांच स्तन कैंसर के संकेत

स्तन में गांठ या मस्से-स्तन कैंसर के मामलों में दिखाई देने वाला यह सबसे आम लक्षणों में से एक है। स्तन में गांठी की जांच की जानी चाहिए, चाहे गांठे कोमल ही क्यों न हो।

पूरे स्तन या किसी हिस्से में सूजन

स्तन के एक हिस्से या पूरे स्तन में किसी भी तरह की सूजन एक समस्या का कारण है। हालांकि यह संक्रमण या गभर्भावस्था जैसी स्थिति में भी हो सकता है, लेकिन स्तन की त्वचा में जलन या डिपलिंग जैसे अन्य लक्षण है या नहीं यह खोज करना महत्वपूर्ण है। खुद से की गई स्तन परीक्षण किसी भी असामान्य परिवर्तन की जांच करने में मदद करेगी। 

निप्पल में बदलाव- निप्पल से किसी भी तरह के असामान्य तरल निकलने को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। निप्पल का अंदर की ओर को दबना भी स्तन कैंसर का लक्षण हो सकता है। अगर निप्पल में दर्द हो तो उसकी भी चिकित्सा करानी चाहिए।

अंडरआर्म में गांठ:  अगर अंडरआर्म में गांठ होती है, तो इसकी स्तनों से संबंधित होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है।

स्तन की त्वचा में परिवर्तन-स्तन की त्वचा में परिवर्तन जैसे जलन/त्वचा का लाल होना, त्वचा का मोटा होना, स्तन उत्तक के डिपलिंग, त्वचा की बनावट में बदलाव भी स्तन कैंसर का एक संकेत हो सकता है।

सेल्फ एग्जामिनेशन है बहुत जरुरी

हर महिला को अपने स्तन के आकार, रंग, उंचाई और उनके ठोसपन की जानकारी होनी जरूरी है। स्तन में किसी भी प्रकार के बदलाव दिखने जैसे त्वचा और निप्पल पर धारिया, निशान या सूजन आदि आने पर विशेष ध्यान रखें। हर महिला को खड़े होकर या फिर सीधा लेटकर अपने स्तनों का परीक्षण करना चाहिए। महिलाओं को 40 की उम्र के बाद स्क्रीनिंग मैमोग्राम करानी अनिवार्य है। यदि कैंसर का कोई परिवार में इतिहास हो तो ध्यान रहे कि हर 3 साल के अंतराल में स्तनों की जांच आवश्यक है।

स्तन कैंसर के जोखिम कारक

• पारिवारिक इतिहास

• बीआरसीए 1, बीआरसीए 2 और पी53 जैसे जीनों में म्यूटेशन

• लंबे समय तक अंतजीत एस्ट्रोजेन के संपर्क में रहना

• समय से पहले मासिक धर्म

• देर से रजोनिवृत्ति

• गर्भनिरोधक गोली

• हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी

• जीवनशैली के अन्य जोखिम कारक शराब का उपयोग, शारीरिक निष्क्रिता, मोटापा और कम समय के लिए स्तनपान शामिल है।

व्यायाम से कम होगा स्तन कैंसर का खतरा

स्तन कैंसर का खतरा कम करने के लिए नियमित व्यायाम करना बेहद जरूरी है। कोशिश यह करनी चाहिए कि फाइबर व कम वसा वाला खाना खाएं। कभी भी प्लास्टिक के बर्तनों का उपयोग न करें। महिलाएं कम उम्र में गर्भवती होती है, उनमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम होता है। बच्चों को स्तनपान कराने वाली महिलाओं में स्तन कैंसर कम होता है।

इन क्षेत्रों के विशेषज्ञ हैं डॉ. विभोर महेंद्रू

• ब्रेस्ट कैंसर

• ऑन्कोप्लास्टी

• कंजरवेशन एंड मासटेकटॉमी

• ब्रेस्ट डिसऑर्डर

• ब्रेस्ट पेन

• निप्पल डिस्चार्ज

महिलाओं में मासिक धर्म से जुड़े विभिन्न पड़ाव में कुछ असामान्य बात रही हो, उन्हें स्तन कैसर को लेकर सतर्क रहना चाहिए। इनमें कुछ मुख्य पड़ाव है, जैसे 12 साल से कम उम्र में मासिक धर्म शुरू होना, 30 साल की उम्र के बाद गर्भ धारण करना, 55 की उम्र के बाद मेनोपॉज होना और मासिक धर्म का चक 26 दिन से कम या 29 दिन से ज्यादा का होना। ध्यान रखें, मोटापा और शराब का सेवन भी महिलाओं में स्तन कैसर होने का खतरा बढ़ा देता है।

डॉ. विभोर महेंद्रू,

कंसल्टेंट ऑन्कोलॉजी, एमएस, डीएनबी सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, राजीव गांधी सेंटर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर, दिल्ली में कार्य का अनुभव, सहारा हॉस्पिटल, (कैसर विशेषज्ञ)

पता: ए 26, फैजाबाद रोड, कैलाश कुंज, ब्लॉक ए, इंदिरा नगर, लखनऊ, उत्तर प्रदेश, 226016

 फोन: +918299645415/1

अस्वीकरण : इस लेख में किए गए दावों की सत्यता की पूरी जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति / संस्थान की है।