बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ ने 20 साल से निःसंतानता से जूझ रहे दम्पति के माता-पिता बनने का सपना पूरा किया
माता-पिता बनने का सफर कई दंपतियों के लिए चुनौतीपूर्ण होता है। 20 साल बाद, 43 वर्षीय महिला गर्भवती हुई। बिरला फर्टिलिटी ने 20 साल की कोशिश के बाद एक जोड़े का बच्चा पाने का सपना सच किया, गर्भवती होने मे
कई दम्पतियों के लिए माता-पिता बनने का रास्ता चुनौतियों से भरा होता है। एक दम्पति के लिए यह सफर पूरे 20 साल लंबा रहा। बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ में 43 वर्षीय महिला के लिए उम्मीद की किरण जगी। 20 साल के दुख और निराशा के बाद, वह आखिरकार गर्भवती हो सकी। यह कहानी सिर्फ मेडिकल चमत्कारों की नहीं, बल्कि धैर्य, अटूट उम्मीद और श्रेष्ठ देखभाल की भी है।
इस दम्पति ने कई इलाज करवाए — एलोपैथी से लेकर होम्योपैथी और यहां तक कि आयुर्वेद भी — हर बार सफल होने की उम्मीद थी, लेकिन सपना पूरा नहीं हो सका। यह तब बदल गया जब उन्होंने बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ का रुख किया। यहां उनकी मुलाकात डॉ प्राची बेनारा से हुई, जो जटिल निःसंतानता के मामलों में दस से अधिक वर्षों का अनुभव रखने वाली एक सम्मानित फर्टिलिटी विशेषज्ञ हैं।
इस मामले को सहानुभूति और करुणा के साथ हैंडल करना जरूरी था, क्योंकि इस दम्पति ने अपने सपनों से वंचित होकर भावनात्मक रूप से बहुत कुछ सहा था। विस्तृत जाँच के बाद कुछ मुख्य चुनौतियों की पहचान की गई:
- पहले हुआ डी एंड सी प्रोसीजर: महिला ने पहले डाइलेशन और क्यूरेटेज (D&C) करवाया था, जो आमतौर पर गर्भाशय की परत साफ करने के लिए किया जाता है। लेकिन इस मामले में, इससे गर्भाशय में निशान रह गए थे।
- गर्भाशय की परत पर निशान: निशान वाली ऊतक ने एंडोमेट्रियल परत को नुकसान पहुंचाया, जिससे भ्रूण का प्रत्यारोपण और विकास मुश्किल हो गया।
- ओवेरियन रिजर्व में कमी: उम्र बढ़ने के कारण अंडाणुओं की संख्या में कमी भी एक और बाधा थी।
हालांकि, चिकित्सा से जुड़े शब्द डराने वाले लग सकते हैं, लेकिन ये चुनौतियां असंभव नहीं थीं। डॉ बेनारा ने दम्पति को विश्वास दिलाया कि एक विशेष उपचार योजना के साथ अभी भी माता-पिता बनने की उम्मीद है। सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, डॉ बेनारा ने एक व्यक्तिगत उपचार योजना तैयार की, जिसमें निम्न शामिल थे:
- हिस्टरोस्कोपिक सर्जरी: यह एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है, जिसके जरिए गर्भाशय के निशान वाली ऊतक को हटाया गया, ताकि भविष्य में भ्रूण के प्रत्यारोपण का रास्ता साफ हो सके।
- एंडोमेट्रियल लाइनिंग का रेस्टोरेशन: गर्भाशय की परत को स्वस्थ और गर्भावस्था का सपोर्ट करने के लिए तैयार करने के लिए विशेष उपचार दिए गए।
- प्लेटलेट-रिच प्लाज़्मा (पीआरपी) थेरेपी: पीआरपी थेरेपी गर्भाशय की परत को रिजूवनेट करने में मदद करती है। महिला के खून से लिए गए प्लेटलेट्स का उपयोग उपचार को बढ़ावा देने और प्रत्यारोपण के लिए स्थिति को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है।
- फ्रोजेन एम्ब्र्यो ट्रांसफर: इस प्रक्रिया में पहले से फ्रोजेन यानी जमे हुए, स्वस्थ एम्ब्र्यो को तैयार गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता है।
इलाज के केवल एक महीने बाद, दम्पति को वह ख़बर मिली जिसका वह लंबे समय से इंतजार कर रहे थे — गर्भधारण की सकारात्मक जाँच। अब, अपनी गर्भावस्था के छठे महीने में, माँ और बच्चा दोनों बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ की विशेष देखभाल में स्वस्थ हैं।
इस मामले पर बात करते हुए, डॉ प्राची बेनारा ने कहा, "बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ में, हम मानते हैं कि हर दम्पति को माता-पिता बनने का अवसर मिलना चाहिए। चाहे सफ़र कितना भी चुनौतीपूर्ण हो, हम यहां उम्मीद, इनोवेटिव समाधान और व्यक्तिगत देखभाल देने के लिए हैं। यह मामला याद दिलाता है कि जब चिकित्सा और सहानुभूति एक साथ आती हैं, तो अद्भुत चीजें हो सकती हैं।”
इस तरह की दिल छू लेने वाली कहानियाँ ही बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ को भारत की सबसे तेजी से बढ़ रही भरोसेमंद आईवीएफ चेन बनाती हैं, जो जीवन को बदलने के लिए प्रतिबद्ध है। अत्याधुनिक तकनीक, उन्नत उपचार और समर्पित विशेषज्ञों की टीम के साथ, वे कठिन से कठिन निःसंतानता की चुनौतियों का सामना कर रहे दम्पतियों को उम्मीद और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ तथा उनके विभिन्न फर्टिलिटी उपचारों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, birlafertility.com पर जाएं।
अस्वीकरण:इस लेख में किए गए दावों की सत्यता की पूरी जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति/ संस्थान की हैI