फोटो गैलरी

Hindi News ब्रांड स्टोरीज़दवा निर्माता से एजूकेटर तक का शानदार सफर है डा. सीएस भार्गव का

दवा निर्माता से एजूकेटर तक का शानदार सफर है डा. सीएस भार्गव का

एडवांस इंस्टीट्यूट आफ बॉयोटेक एंड पैरामेडिकल साइंसेस शहर के उन प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक है, जो पूरे देश में नाम रोशन कर रहा है। दरअसल इस संस्थान की नींव में डा. सी.एस. भार्गव का प्रयास शामिल है।

दवा निर्माता से एजूकेटर तक का शानदार सफर है डा. सीएस भार्गव का
Anant JoshiBrand PostSun, 30 Apr 2023 04:41 PM
ऐप पर पढ़ें

एडवांस इंस्टीट्यूट आफ बॉयोटेक एंड पैरामेडिकल साइंसेस शहर के उन प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक है, जो पूरे देश में नाम रोशन कर रहा है। दरअसल इस संस्थान की नींव में डा. सी.एस. भार्गव का सार्थक और पावन प्रयास शामिल है। सार्थक इसलिए क्योंकि स्थापना के साल से ही संस्थान ने बेहतर परिणाम दिए और पावन इसलिए क्योंकि मंशा अच्छी शिक्षा देने की थी इसलिए यहां का शुल्क कम था। साथ ही जरूरतमंद छात्र को यहां नि:शुल्क शिक्षा भी दी जाती है। ऐसे में इस इंस्टीट्यूट ने हर स्तर पर शहर को गर्व करने का मौका दिया है।

स्व. एचएस भार्गव ने सिग्रा फार्मा नाम की कंपनी से की शुरूआत

डा. सीएस भार्गव ने बताया कि उनके पिता स्व. एचएस भार्गव तहसीलदार थे। वह चार भाइयों में सबसे छोटे थे। उन्होंने सागर विवि से बी फार्मा किया। रिटायरमेंट के बाद पिताजी ने सिग्रा फार्मा नाम से कंपनी शुरू की तो वह भी इससे जुड़ गए। बस इसके बाद फार्मा कारोबार चल निकला। सन 2003 में पिता के नाम पर इन्होंने एचएस भार्गव चैरिटेबल सोसायटी बनाई, जिसके तहत फार्मेसी कॉलेज की स्थापना की। आज बेहद खुशी है कि यह कॉलेज शानदार ढंग से चल रहा है। सबसे अच्छी बात यह है कि यहां बच्चों को बेहतर शिक्षा और अनुकूल माहौल दिया जाता है। 

एडवांस ग्रुप ऑफ कॉलेज मास्टर्स में चार सब्जेक्ट के आप्शन देने वाला पहला संस्थान

मौजूदा समय में एडवांस ग्रुप ऑफ कॉलेज के तीन संस्थान हैं। यहां बीफार्मा डिप्लोमा इन फार्मेसी, मास्टर्स ऑफ फार्मेसी का संचालन किया जा रहा है। बहुत खुशी के साथ डॉ.सीएस भार्गव बताते हैं कि मास्टर्स में चार सब्जेक्ट के आप्शन देने वाला एडवांस इंस्टीट्यूट पहला संस्थान है। डा. भार्गव शहर के वह प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं, जो सामाजिक दायित्वों को लेकर सदैव सजग रहते हैं। कोरोना त्रासदी के दौरान भी उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों का पूरी तरह से निर्वहन किया। वह बताते हैं कि कोरोना काल में शहर की फार्मेसी कंपनियों ने किसी भी आवश्यक दवा की कमी नहीं होने दी। दूसरे शहरों के प्रति भी सजग रहे ताकि लोगों को दवा की कमी जैसी समस्या से न जूझना पड़े। मैन्यूफैक्चरिंग से लेकर मार्केटिंग तक की रणनीति बनाई जोकि कारगर रही। डॉ. भार्गव फार्मा मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने गए। उन्होंने अपने हर दायित्व को पूरा किया। वर्तमान में वह एक एजूकेटर की भूमिका को भी बखूबी निभा रहे हैं। डा. भार्गव सामाजिक दायित्वों को पूरा करने में हमेशा से अग्रणी रहे हैं।

 

अस्वीकरण : इस लेख में किए गए दावों की सत्यता की पूरी जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति / संस्थान की है ।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें