फोटो गैलरी

Hindi News ओपिनियन विदेशी मीडियापाकिस्तानी क्रिकेट लीग

पाकिस्तानी क्रिकेट लीग

घरेलू ट्वंटी-20 क्रिकेट लीग मॉडल दुनिया भर में फैल गया है, मगर इसे लाभदायक बनाने का काम बाकी है। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की चमक, ग्लैमर और धूमधाम अधिकांश देशों के लिए मानक बन गई है। जब आईपीएल ने...

पाकिस्तानी क्रिकेट लीग
द नेशन, पाकिस्तानMon, 13 Jan 2020 11:53 PM
ऐप पर पढ़ें

घरेलू ट्वंटी-20 क्रिकेट लीग मॉडल दुनिया भर में फैल गया है, मगर इसे लाभदायक बनाने का काम बाकी है। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की चमक, ग्लैमर और धूमधाम अधिकांश देशों के लिए मानक बन गई है। जब आईपीएल ने लाखों दर्शकों को बांधे रखा है, तब छोटे देशों को दर्शक जुटाने में कठिनाई हो रही है। उधर, दक्षिण अफ्रीका में तो स्थानीय टी-20 लीग बंद हो चुकी है। आजकल ज्यादातर टीमें और उनके साथ जुड़ी फ्रेंचाइजी नुकसान में ही काम करती हैं। इन लीग की शुरुआत धन के लिए हुई थी, पर ज्यादातर टी-20 लीग वांछित लाभ तक नहीं पहुंच पा रही हैं। पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) इसी तरह की समस्याओं से ग्रस्त है। पहले कुछ संस्करणों में विफलता के बाद लीग फ्रेंचाइजी और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) भुगतान के मामले में अक्सर परस्पर भिड़ जाते थे। हालांकि पेशावर जालमी और इस्लामाबाद यूनाइटेड जैसी टीमों ने अपने वित्तीय संकट को ठीक कर लिया है, लेकिन अन्य टीमें कम भाग्यशाली रही हैं। जैसे हर लीग टूर्नामेंट से पहले गतिरोध पैदा होता है, इस बार भी पीसीबी ने बकाया की मांग की है, जबकि फ्रेंचाइजी ने राहत मांगी है। यह साल अलग नहीं है। संयुक्त अरब अमीरात की बजाय पाकिस्तान में आयोजित होने वाले लीग टूर्नामेंट में कुल मिलाकर खर्च कम होता है और लाभ कमाने के अवसर अधिक होते हैं। फिर भी फ्रेंचाइजी सकल घाटे का दावा करते हुए अपना बकाया जमा करने में संकोच करती हैं। हालांकि वे घाटे के बारे में अपने दावे को सही साबित करने के लिए वित्तीय दस्तावेज दिखाने को तैयार नहीं हैं। यह ठीक नहीं है। पीसीबी को समझना चाहिए कि एक सफल टी-20 लीग की स्थापना की प्रक्रिया सबके सहयोग से ही संभव है। दूसरी ओर, रियायतों का लाभ उठाने के लिए फ्रेंचाइजी अपनी वित्तीय स्थिति को छिपा नहीं सकतीं और न पीसीबी के साथ सहयोग करने से इनकार कर सकती हैं। कुछ फ्रेंचाइजी की वित्तीय सफलता यह बताने के लिए पर्याप्त होनी चाहिए कि समस्या पूरी लीग व्यवस्था के साथ नहीं, बल्कि नुकसान उठाने वाली फ्रेंचाइजी के साथ है। 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें