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प्रतिबंध के बावजूद 

बांग्लादेश में पॉलीथिन बैग पर प्रतिबंध लगे 17 साल बीत गए, पर अभी भी ये बैग सड़कों पर बिखरे नजर आते हैं। पॉलीथिन बैग का विज्ञान बहुत स्पष्ट है, इसकी वजह से देश में बड़े पैमाने पर प्लास्टिक जनित प्रदूषण...

प्रतिबंध के बावजूद 
ढाका ट्रिब्यून, बांग्लादेशFri, 06 Sep 2019 11:22 PM
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बांग्लादेश में पॉलीथिन बैग पर प्रतिबंध लगे 17 साल बीत गए, पर अभी भी ये बैग सड़कों पर बिखरे नजर आते हैं। पॉलीथिन बैग का विज्ञान बहुत स्पष्ट है, इसकी वजह से देश में बड़े पैमाने पर प्लास्टिक जनित प्रदूषण फैलता है। यह प्रदूषण पर्यावरण के लिए विनाशकारी है। पॉलीथिन की थैलियां मिट्टी में नहीं घुलती हैं, जिसका दुर्भाग्यपूर्ण परिणाम यह होता है कि जानवर उन्हें खा लेते हैं और अक्सर घुटकर मर जाते हैं। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के अलावा पॉलीथिन बैग का इस्तेमाल एक तरह का नागरिक उपद्रव ही है। जल जब बढ़ता या एकत्रित होता है, तो अपने साथ प्लास्टिक बैग को बहा ले जाता है, जगह-जगह सीवर को जाम करता है।

धीरे-धीरे सीवरों में ऐसे थैलों के मलबे से गुच्छे बन जाते हैं और अंतत: पानी का प्रवाह अवरुद्ध होता है। इससे पानी की गुणवत्ता भी खत्म होती है। इन दिनों बंदरगाह का शहर चटगांव तो जल-जमाव का ‘पोस्टर चाइल्ड’ या प्रतीक बना हुआ है। प्रतिबंध के बावजूद यहां प्लास्टिक बैग से मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। बेशक, पॉलीथिन बैग के खिलाफ लड़ाई जीतना बाकी है। 27 अगस्त को पर्यावरण विभाग ने शहर के अत्तूर डिपो क्षेत्र में एक अभियान चलाने के बाद एक पॉलीथिन बनाने वाली कंपनी से एक टन प्रतिबंधित पॉलीथिन बैग जब्त किया था।

सरकार को सोचना चाहिए कि ये पॉलीथिन बैग प्रतिबंध के 17 साल बाद भी कैसे हमारी सड़कों पर पाए जाते हैं? प्लास्टिक बैग की बजाय जूट, कपडे़ के बैग और यहां तक कि जूट आधारित पॉली-बैग जैसे विकल्प सुझाए गए हैं, लेकिन उस मोर्चे पर प्रगति बहुत धीमी है। हमारी सरकार के लिए जूट और अन्य विकल्पों पर गंभीरता से निवेश करने का समय है, ताकि वैकल्पिक बैग सस्ते हो जाएं। इसे पॉलीथिन के उपयोग और उत्पादन के खिलाफ मौजूदा कानूनों के कडे़ क्रियान्वयन के साथ जोड़ा जाना है। तमाम संभव उपाय एक साथ करने होंगे, तभी हम यह सुनिश्चित कर सकेंगे कि हमारा पर्यावरण व हमारे शहर सुरक्षित हैं और तभी हम बांग्लादेश के अच्छे भविष्य की भी कामना कर सकेंगे। 
 

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