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तेल के बाद देश

आवश्यकता आविष्कार की जननी है। इस कहावत का श्रेय अक्सर प्लेटो को दिया जाता है, लेकिन इस कहावत को मानो अबू धाबी में घर मिल गया है। यहां तेल के बाद के दौर के लिए तैयार होने की जरूरत है, इसके लिए...

तेल के बाद देश
द नेशनल, यूएईSun, 17 Nov 2019 11:23 PM
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आवश्यकता आविष्कार की जननी है। इस कहावत का श्रेय अक्सर प्लेटो को दिया जाता है, लेकिन इस कहावत को मानो अबू धाबी में घर मिल गया है। यहां तेल के बाद के दौर के लिए तैयार होने की जरूरत है, इसके लिए अर्थव्यवस्था को विविध क्षेत्रों से जोड़ा जा रहा है। विचारकों और कामगारों के उभरते वर्ग को आगे लाया जा रहा है। उद्यमियों, विद्वानों, इंजीनियरों, निवेशकों और अन्य अनेक लोग नए अबू धाबी के नए भविष्य की खोज में लगे हैं। राजधानी आर्थिक बदलाव से गुजर रही है और पिछले सप्ताह इस दिशा में हो रही कोशिशों को बहुत बल मिला है। सरकार ने एक नई शाखा या संस्था खोलने की अभूतपूर्व घोषणा की है। इस शाखा का जोर अनुसंधान एवं विकास पर रहेगा। अनुसंधान एवं विकास से जुड़ी यह संस्था बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए नवाचारों पर काम करेगी।

अमीरात के शिक्षा और ज्ञान विभाग के तहत पांच वर्चुअल रिसर्च इंस्टीट्यूट बायो-टेक्नोलॉजी, खाद्य सुरक्षा, स्थिरता, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इत्यादि क्षेत्रों में काम करेंगे। अनुसंधान एवं विकास के ये केंद्र उद्योगों, विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों को एक मंच पर लाएंगे, ताकि देश के भविष्य को आकार देने की दिशा में काम किया जा सके। इस संस्था की चेयरमैन सारा मुसल्लम कहती हैं, ‘हमें आविष्कारकों की जरूरत है, सिर्फ उपभोक्ताओं की नहीं।’ उनकी संस्था आविष्कारकों की खोज में है। पहले शिक्षा विभाग का फोकस केवल शिक्षा पर रहता था, लेकिन अब उसकी दृष्टि व्यापक हुई है। इस दिशा में कुछ कंपनियां भी सक्रिय हुई हैं।

डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अनेक प्रकार के संयुक्त प्रयास हो रहे हैं। इस साल देश में अमेजन से लेकर माइक्रोसॉफ्ट तक के विस्तार में तेजी आई है। आज डाटा एक मूल्यवान चीज है। लेकिन तेल अभी भी अमीरात की जीवन रेखा बना हुआ है। यूएई बड़ी मात्रा में तेल उत्पादन करता है। अब अपने घर में नवाचार पर जोर देकर अबू धाबी यह सुनिश्चित कर रहा है कि विविधीकरण की उसकी रणनीति सभी को ऊपर उठाए और हम सभी इस प्रक्रिया में होशियार हो रहे हैं।

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