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फिर लॉकडाउन

कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि और मानक दिशा-निर्देशों की लोगों द्वारा अवहेलना के बाद सरकार लॉकडाउन को फिर बहाल करने पर विचार कर रही है। यह इस मौजूदा मोड़ पर एकमात्र विकल्प हो सकता है। इससे पहले कि...

फिर लॉकडाउन
 द नेशन, पाकिस्तानWed, 27 May 2020 08:51 PM
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कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि और मानक दिशा-निर्देशों की लोगों द्वारा अवहेलना के बाद सरकार लॉकडाउन को फिर बहाल करने पर विचार कर रही है। यह इस मौजूदा मोड़ पर एकमात्र विकल्प हो सकता है। इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, लॉकडाउन फिर बहाल कर देना चाहिए। लॉकडाउन का विरोध करने के लिए लोगों को अपने कार्य और व्यवहार सुधारने की जरूरत है। 
ऐसे समय में देश को फिर बंद करना समझ में आता है, क्योंकि हम हर दिन कोरोना मामलों में तेज वृद्धि देख रहे हैं। देश के लगभग सभी अस्पताल पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं। संक्रमण के हर नए मामले के साथ वे और भरते चले जा रहे हैं। उचित सावधानी न बरतने की वजह से ही मामलों में वृद्धि हो रही है। लोग ही एक दूसरे के लिए गंभीर खतरा बन रहे हैं। हमारी स्थिति ऐसी हो गई है कि एक ओर कुआं है, तो दूसरी ओर खाई। हम अस्पतालों पर अत्यधिक दबाव नहीं डाल सकते और न हम लगातार और सख्त तालाबंदी ही कर सकते हैं, दोनों के बीच संभलकर चलना एकमात्र विकल्प है। सरकार को जरूरत के मुताबिक, दोनों विकल्पों या नीतियों के बीच समन्वय व बदलाव करते हुए चलना होगा। लोगों को समझना होगा कि वायरस से निपटना सिर्फ सरकार का कर्तव्य नहीं है। कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में हर किसी को भूमिका निभानी होगी। जैसे कि सरकार को अपने सभी संसाधनों को वायरस के खिलाफ तैनात करना है, वैसे ही, लोगों को इस मामले में बिना लापरवाही तय नियम-कायदों का पालन करना होगा। लोगों के सहयोग के बिना सरकार संक्रमण कम नहीं कर सकती। वायरस से लड़ना सरकार और जनता, दोनों की संयुक्त जिम्मेदारी है। गेंद अब हमारे न्यायालय के पाले में है। क्या हम संक्रमण को कम करना चाहते हैं और साथ ही हमें जीविका की भी चिंता है? क्या हम यथास्थिति के पक्ष में हैं और चाहते हैं कि सरकार फिर लॉकडाउन कर दे? दूसरे विकल्प में सिर्फ यही जोखिम है कि यहां हमें वायरस के साथ-साथ भुखमरी भी समान रूप से मारेगी और इन दोनों ही हालात में हम सुरक्षित नहीं रहेंगे। 
 

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