आदर्श बनेगा दुबई
जब तकनीकी बदलावों की वजह से उद्योग जगत तेजी से बदल रहा हो, तब नई अर्थव्यवस्था बनाने में जुटे किसी भी देश के लिए नवोन्मेषी योजनाओं की जरूरत पड़ती ही है। यूएई के उपराष्ट्रपति-प्रधानमंत्री व दुबई के शासक...
जब तकनीकी बदलावों की वजह से उद्योग जगत तेजी से बदल रहा हो, तब नई अर्थव्यवस्था बनाने में जुटे किसी भी देश के लिए नवोन्मेषी योजनाओं की जरूरत पड़ती ही है। यूएई के उपराष्ट्रपति-प्रधानमंत्री व दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद ने नई योजना घोषित की है। वह दुबई में एक ऐसा क्षेत्र या जिला विकसित करना चाहते हैं, जहां उद्यमियों को तमाम जरूरी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। यह क्षेत्र आने वाले 20 वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था को दिशा देगा और दुबई को नई अर्थव्यवस्था की वैश्विक राजधानी बनाएगा। यह नया जिला उन तमाम पिछली योजनाओं की सफलताओं का भी अनुसरण करेगा, जिनकी वजह से दुबई वैश्विक परिदृश्य पर चमका। यह एक नए शेयर बाजार की मेजबानी भी करेगा।
यह अमीरात का तीसरा शेयर बाजार होगा, डीएफए और नैस्डक दुबई शेयर बाजार पहले से ही चल रहे हैं। यह नया शेयर बाजार भविष्य की कंपनियों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है। इसके जरिए नई अर्थव्यवस्था की वैश्विक राजधानी को जरूरी निवेश हासिल होगा। किसी शेयर बाजार के जरिए अर्थव्यवस्था में निवेश आकर्षित होता है। ऐसी महत्वाकांक्षाओं ने ही दुबई को मछुआरों के गांव से ग्लोबल पावर हाउस में बदल दिया। 1960 के दशक में शुरुआत हुई थी और अब यहां 2018 में व्यापार 1.3 ट्रिलियन दिरहम तक पहुंच गया है। नई योजना का लक्ष्य है, 2025 तक अर्थव्यवस्था को 2 ट्रिलियन दिरहम तक पहुंचा देना। यूएई नई तकनीक को अपनाने का हुनर पहले ही दिखा चुका है।
फिनटेक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व स्मार्ट सिटीज के मामले में भी यूएई नवाचार कर चुका है। यह तो महज झलक है, असली करिश्मे का तो अभी इंतजार है। एक ऐसे हब की स्थापना हो रही है, जहां विश्वस्तरीय सेवाएं मिलेंगी। दुबई में निवेश, पर्यटन, व्यवसाय के अवसरों के प्रचार के लिए पांच महादेशों में 50 कार्यालय खोलने का लक्ष्य भी तय किया गया है। ऐसी कोशिशों को जरूर तेज करना चाहिए, ताकि वैश्विक अर्थव्यवस्था में यूएई को प्रभावी देश के रूप में स्थापित किया जा सके।