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ओलंपिक वर्ष

इस वर्ष 56 वर्षों में पहली बार जापान समर ओलंपिक और पैरालिंपिक गेम्स की मेजबानी करेगा। जापान ने इसके पहले 1964 में मेजबानी की थी, पर आज का जापान बिल्कुल अलग है। 1964 के टोक्यो खेलों ने जापान को...

ओलंपिक वर्ष
द जापान टाइम्स, जापानTue, 31 Dec 2019 11:54 PM
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इस वर्ष 56 वर्षों में पहली बार जापान समर ओलंपिक और पैरालिंपिक गेम्स की मेजबानी करेगा। जापान ने इसके पहले 1964 में मेजबानी की थी, पर आज का जापान बिल्कुल अलग है। 1964 के टोक्यो खेलों ने जापान को द्वितीय विश्व युद्ध में अपनी हार की तबाही से उबरने का अच्छा मौका दिया था। तब जापान तेज आर्थिक विकास और बढ़ती आबादी के साथ दुनिया की शीर्ष आर्थिक शक्तियों में शामिल होने की दहलीज पर था, पर अब वह धीमे आर्थिक विकास का सामना कर रहा है। इसकी तेजी से बढ़ती उम्र और सिकुड़ती आबादी अर्थव्यवस्था और सामाजिक सुरक्षा प्रणाली की स्थिरता पर संदेह पैदा करने लगी है। यह ओलंपिक आयोजन हमें प्रेरित करे, राष्ट्र की स्थिति पर विचार करने का मौका दे। हमें यह बताए कि चुनौतियों की भीड़ का हमें कैसे जवाब देना है।

राजनीतिक मोर्चे पर प्रधानमंत्री शिंजो आबे प्रशासन ने बुढ़ाती आबादी और सिकुड़ती जनसंख्या को राष्ट्रीय संकट मानते हुए इससे निपटने का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री आबे ने अपने कार्यकाल के आठवें वर्ष में प्रवेश किया है। वह जापान के सबसे लंबे समय तक सेवारत प्रधानमंत्री हैं। इनके समय में सिकुड़ती आबादी ने खपत या उपभोग व्यय को कमजोर किया है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था का विस्तार प्रभावित हुआ है। जापानी अर्थव्यवस्था आज एक चौराहे पर है। मौद्रिक प्रोत्साहन और राजकोषीय खर्च बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को मजबूती देने की कोशिश होती रही है, मगर आबादी के मोर्चे पर संकट से निपटने और नियामक सुधारों के माध्यम से विकास के नए रास्ते तलाशने के अच्छे नतीजे नहीं मिले।

आबे के कार्यकाल में शेयरों की कीमतों में वृद्धि हुई है। नौकरी बाजार में बेहतर स्थिति है। बेरोजगारी दर 2.2 प्रतिशत पर है। एक महत्वपूर्ण समाधान ऐसी सामाजिक व आर्थिक परिस्थिति बनाने में निहित है, जिसमें युवा शादी और बच्चे पैदा करने को प्रेरित हों। टोक्यो ओलंपिक और पैरालिंपिक गेम्स के सफल समापन के बाद आबे के पास एक साल का कार्यकाल शेष रहेगा। देश के लिए आर्थिक व जनसांख्यिकीय चुनौतियों को प्राथमिकता देना महत्वपूर्ण हो जाएगा।

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